आंध्र प्रदेश चुनाव 2024: क्या जगन मोहन रेड्डी फिर सौंपेंगे सत्ता?
जून, 2 2024आंध्र प्रदेश चुनाव 2024: क्या जगन मोहन रेड्डी फिर सौंपेंगे सत्ता?
आंध्र प्रदेश में 2024 के विधानसभा चुनाव को लेकर आवाजें तेज हो गई हैं। प्रत्येक पार्टी अपने वोट बैंक को मजबूत करने और एक निर्णायक जीत हासिल करने के प्रयास में जुटी है। विविध एग्जिट पोल्स के अनुसार, इस बार टीडीपी (तेलुगु देशम पार्टी), बीजेपी (भारतीय जनता पार्टी) और जन सेना के गठबंधन को आंध्र प्रदेश की जनता का भारी समर्थन मिलेगा। संभावना है कि वाईएसआर कांग्रेस पार्टी जिसे मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी नेतृत्व दे रहे हैं, सत्ता हासिल करने में असफल रह सकती है।
चंद्रबाबू नायडू की पार्टी को बड़ा समर्थन
पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की तेलुगु देशम पार्टी (TDP) बीजेपी और जन सेना पार्टी के साथ मिलकर एक मजबूत गठबंधन बना रही है। Peoples Pulse और TV5 तेलुगु के एग्जिट पोल्स का दावा है कि इस गठबंधन को बहुमत मिल सकता है। TDP का बीजेपी और जन सेना के साथ गठबंधन का उद्देश्य है कि वे सत्ता विरोधी लहर को अपने पक्ष में कर सकें।
वाईएसआर कांग्रेस की चुनौती
वाईएसआर कांग्रेस पार्टी, जिसका नेतृत्व मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी कर रहे हैं, को इस समय भारी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। पार्टी ने मौजूदा समय में कई सामाजिक कल्याण योजनाएं शुरू की हैं, लेकिन संभवतः यह जनता का समर्थन बरकरार रखने में नाकाम हो सकती है।
विपक्ष की रणनीति
TDP-BJP-जना सेना गठबंधन इस बार सत्ता विरोधी मतों के एकीकरण पर ध्यान केंद्रित कर रही है। इन तीनों पार्टियों का मानना है कि जनता में जो असंतोष है, उसे वे अपने पक्ष में कर सकते हैं। इस गठबंधन का लक्ष्य है कि सत्ता के प्रति नाराजगी को भुनाकर बहुमत हासिल करें। मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी और उनकी वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के खिलाफ हो रहे नकारात्मक माहौल से विपक्ष को काफी फायदा हो सकता है।
प्रशांत किशोर की भविष्यवाणी
राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने भी संभावित परिणामों को लेकर अपने विचार व्यक्त किए हैं। प्रशांत किशोर का मानना है कि वाईएसआर कांग्रेस पार्टी को 2024 के चुनाव में भारी हार का सामना करना पड़ेगा। प्रशांत किशोर की यह भविष्यवाणी राज्य की राजनीति में खलबली मचा सकती है, क्योंकि वे राजनीतिक रणनीति और चुनावों में अपनी माहिरता के लिए जाने जाते हैं।
आधिकारिक नतीजे
चुनाव आयोग द्वारा आधिकारिक परिणाम 4 जून को घोषित किए जाएंगे। तब तक राजनीतिक जगत में उथल-पुथल मची रहेगी। यह देखना दिलचस्प होगा कि जनता किसे अपना समर्थन देती है और कौन सत्ता के सिंहासन पर बैठता है।
इस बार के चुनाव कई मायनों में महत्वपूर्ण होंगे। यह स्पष्ट होगा कि आंध्र प्रदेश की राजनीति में कुछ बड़े बदलाव आ सकते हैं या नहीं। जनता की आवाज क्या कहती है, यह आने वाले चुनावी परिणाम बताएंगे।