हरियाणा चुनाव 2024 परिणाम: कांग्रेस ने जीती 37 सीटें, विजयी उम्मीदवारों की सूची
अक्तू॰, 9 2024हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024: प्रतिद्वंद्विता और विजेता
हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 के परिणामों ने राज्य की राजनीति में नए अध्याय की शुरुआत कर दी है। इस बार के चुनाव में कुल 1,031 उम्मीदवारों ने 90 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव लड़ा, जो राज्य के विभिन्न राजनीतिक दलों के बीच एक व्यापक संघर्ष का प्रमाण है। सुबह 8 बजे से मतगणना शुरू हुई और पूरे दिन मुकाबला जारी रहा, जहां ज्यादातर जगहों पर कांग्रेस और भाजपा के बीच कांटे की टक्कर देखी गई।
शुरुआत में कांग्रेस ने आक्रामक बढ़त बनाई, जिससे यह स्पष्ट हो गया था कि भारतीय जनता पार्टी को अपना आधार जमाने में दिक्कतें हो सकती हैं। लेकिन जल्द ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकासात्मक एजेंडा के समर्थन में भाजपा ने मुकाबले में अच्छी वापसी की। सुबह 10 बजे तक भाजपा 43 सीटों पर आगे रही, जबकि कांग्रेस 34 पर। यह खेल उस सांगठनिक रणनीति का परिणाम था जो भाजपा ने आखिरी लम्हों में अपनाई थी।
कांग्रेस की वापसी और रणनीति
कांग्रेस ने भूपिंदर सिंह हुड्डा और राहुल गांधी के नेतृत्व में चुनाव प्रचार को मजबूती प्रदान की। पार्टी ने स्थानीय मुद्दों को राष्ट्रीय फलक पर उठाया और परिवर्तन का वायदा किया। परिणामस्वरूप, कांग्रेस ने 38 सीटों पर बढ़त बनाई। यह प्रदर्शन कांग्रेस के सांगठनिक ढांचे को मजबूत बनाने की ओर एक सकारात्मक संकेत था जो पिछले चुनावों में कमजोर हुआ था।
भारतीय जनता पार्टी की रणनीति और प्रदर्शन
भाजपा, जो कभी पीछे चल रही थी, ने पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में अंतिम समय में योजनाएँ पेश कीं। इसमें 'विकास और सक्षम नेतृत्व' पर जोर दिया गया, जो ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों के मतदाताओं को प्रभावित करने में सफल रहा।
भारतीय जनता पार्टी ने चुनाव में पिछली गलतियों से सीखते हुए इस बार नए जोड़तोड़ और गठबंधन रणनीतियों को भी अपनाया। चुनाव में पार्टी ने अंततः 31 सीटों पर विजय हासिल की, जो कि आठ से कम थी पिछले प्रदर्शन से।
अन्य पार्टियों की भूमिका
इस बार की चुनावी कढ़ाई में क्षेत्रीय दलों ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इंडियन नेशनल लोक दल (इनेलो) ने बहुजन समाज पार्टी के साथ गठबंधन किया, जबकि जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) ने आजाद समाज पार्टी के साथ मैदान में उतरी। इन पार्टियों का जोर रहा कि कैसे ग्रामीण मतदाताओं की समस्याओं को लाकर भाजपा और कांग्रेस के वर्चस्व को चुनौती दी जा सकती है।
आगे की राह
ताजा परिणामों ने साफ कर दिया है कि हरियाणा की राजनीति में वर्चस्व की लड़ाई में कांग्रेस फिलहाल बढ़त बनाए हुए है। इस मुकाबले ने राज्य के राजनीतिक भविष्य को लेकर जनता के मध्य नई उम्मीदें जागृत की हैं। आने वाले पांच साल दोनों मुख्य दलों की नीतियों और वादों के अमल पर अत्यधिक निर्भर होंगे।
राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि भाजपा को अगले कुछ सालों में जनता के बीच अपनी नीति और कार्यक्रमों को दोबारा आकार देना होगा, जबकि कांग्रेस को अपनी स्थिति बनाए रखने के लिए और भी शक्ति से काम करना होगा। इन सब परिस्थितियों ने यह स्पष्ट कर दिया कि राजनीति सिर्फ खेल नहीं, बल्कि जनता के सशक्तिकरण का माध्यम है।