इटली की प्रधानमंत्री मेलोनी ने जी7 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी के साथ साझा की भावुक वीडियो

इटली की प्रधानमंत्री मेलोनी ने जी7 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी के साथ साझा की भावुक वीडियो
16 जून 2024 11 टिप्पणि jignesha chavda

जी7 शिखर सम्मेलन में मेलोनी और मोदी का विशेष पल

इटली के अपुलिया में आयोजित 50वें जी7 शिखर सम्मेलन के दौरान एक अनोखी और दिल छूने वाली घटना देखने को मिली। इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ एक वीडियो साझा की जिसमें दोनों नेताओं को हंसते और एक-दूसरे के साथ अच्छा समय बिताते देखा जा सकता है। वीडियो की शुरुआत मेलोनी के इस अभिवादन के साथ हुई, 'नमस्ते, मेलोडी टीम की ओर से।' यह हर्षित पल सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ और इसे व्यापक सराहना मिली।

यह मैत्रीपूर्ण आदान-प्रदान कोई नई बात नहीं है, क्योंकि पिछले साल दुबई में आयोजित COP28 शिखर सम्मेलन में भी दोनों नेताओं ने एक सेल्फी साझा की थी, जो 47 मिलियन बार देखी गई थी। मेलोनी ने अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा था कि वह प्रधानमंत्री मोदी के साथ इस संबंध को बहुत महत्व देती हैं और यह वीडियो इसे और पुष्ट करती है।

तकनीकी लोकतंत्र और वैश्विक सहयोग पर मोदी का जोर

तकनीकी लोकतंत्र और वैश्विक सहयोग पर मोदी का जोर

जी7 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विविध वैश्विक मुद्दों पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने विशेष रूप से तकनीक के लोकतंत्रीकरण की आवश्यकता पर जोर दिया और इसके लाभों को समाज के सभी भागों में पहुंचाने की अपील की। उन्होंने कहा कि अगर तकनीक को सर्वसुलभ बना दिया जाए, तो यह दुनियाभर में मानवता को बड़े पैमाने पर लाभ पहुंचा सकती है। उन्होंने विकासशील देशों, विशेष रूप से अफ्रीका के मुद्दों को अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर उठाने के प्रति भारत की प्रतिवद्धता को भी दोहराया।

मोदी ने शिखर सम्मेलन के दौरान कई विश्व नेताओं के साथ द्विपक्षीय विचार-विमर्श भी किए। इनमें प्रमुखतः फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की, और जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा के साथ मुलाकातें शामिल थीं। इन चर्चाओं में मोदी ने निकट सहयोग और अंतर्राष्ट्रीय संबंधों को मजबूत करने पर जोर दिया।

कनाडाई प्रधानमंत्री ट्रुडो के साथ पहली बैठक

कनाडाई प्रधानमंत्री ट्रुडो के साथ पहली बैठक

जी7 शिखर सम्मेलन के एक अन्य महत्वपूर्ण पहलू में प्रधानमंत्री मोदी की कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के साथ पहली बार मुलाकात रही। यह बैठक खालिस्तानी चरमपंथी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मामले के बाद हुई, जिसमें द्विपक्षीय चिंताओं पर चर्चा की गई। नरेंद्र मोदी ने साफ किया कि भारत की सुरक्षा और अखंडता से कोई भी समझौता नहीं किया जाएगा। दोनों नेताओं ने इस मामले में सहयोग और बातचीत जारी रखने का संकल्प लिया।

भारत की वैश्विक मंच पर सामर्थ्य

जी7 में हुई इन महत्वपूर्ण बातचीतों के माध्यम से भारत ने अपना वैश्विक सामर्थ्य और प्रभाव सुदृढ़ किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह स्पष्ट किया कि भारत अपनी नीतियों और विचारों के माध्यम से वैश्विक सहयोग, समावेशी तकनीक, और विकासशील देशों के मुद्दों को गंभीरता से लेता है। उन्होंने पुनः यह वादा किया कि भारत अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर अपने मजबूत और सुस्पष्ट दृष्टिकोण के साथ खड़ा रहेगा।

11 टिप्पणि

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    SAI JENA

    जून 16, 2024 AT 19:27

    आप सभी को नमस्कार, इस प्रकार के अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत-इटली के दोस्ताना संबंधों की झलक देखना वास्तव में प्रेरणादायक है। मोदी जी का तकनीकी लोकतंत्रीकरण पर जोर और मेलोनी जी की गर्मजोशी ने दो देशों के बंधन को और सुदृढ़ किया है। इस तरह की सकारात्मक बातचीत से वैश्विक सहयोग की दिशा में नई ऊर्जा मिलती है। आशा है भविष्य में भी इस प्रकार की सांस्कृतिक और राजनयिक आदान‑प्रदान जारी रहेंगे।

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    Hariom Kumar

    जून 16, 2024 AT 21:07

    वाह! कितना दिल छू जाने वाला पल 😊

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    shubham garg

    जून 16, 2024 AT 22:47

    भाई लोग, जो वीडियो शेयर किया गया था, उसमें दोनों दूनिया भर की मोहर लकीरें दिख रही थीं। मोदी सर की हंसी और मेलोनी जी की मुस्कान देख कर दिल खुश हो गया। ऐसा महसूस हुआ जैसे दो दोस्त बग़ीचा में बातें कर रहे हों। यह तरह के मैत्रीपूर्ण क्षण सर्वत्र शांति का संदेश देते हैं।

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    LEO MOTTA ESCRITOR

    जून 17, 2024 AT 00:27

    बिलकुल, यह क्षण सिर्फ एक वीडियो से अधिक है; यह दो राष्ट्रों के बीच विचारों के संगम का प्रतीक है। जब नेता सच्ची मित्रता दिखाते हैं, तो जनता के मन में आशा की नई रोशनी जलती है। यह हमें याद दिलाता है कि राजनयिक सम्बन्धों की जड़ें मानवता के मूल सिद्धांतों में निहित हैं।

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    Sonia Singh

    जून 17, 2024 AT 02:07

    सच में, ऐसी सकारात्मक ऊर्जा देखकर अच्छा लगता है। दोनों नेताओं की सहज बातचीत से यह स्पष्ट होता है कि सहयोग में आसानी से आगे बढ़ा जा सकता है। इस पहल को सोशल मीडिया पर भी बहुत सराहा गया है।

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    Ashutosh Bilange

    जून 17, 2024 AT 03:47

    हाहाह, बिलकुल सही बात कहे रे यूँ ही हंसी मजाक में दोस्ती गहरी होती है। इटली वाली सोच और हमारे मोदी भाई की बातों का माइक्स फटाफट ट्रेंड में आ गया! 😂

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    Kaushal Skngh

    जून 17, 2024 AT 05:27

    वीडियो तो बढ़िया है, पर कभी‑कभी बहुत अधिक भावनात्मकता भी ध्यान भटकाती है। फिर भी, इस प्रयास को सराहना चाहिए।

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    Harshit Gupta

    जून 17, 2024 AT 07:07

    देशभक्ति की बात करें तो हमारे प्रधानमंत्री की हर कदम पर गर्व महसूस होता है! तकनीक को सर्वसुलभ बनाने का उनका विज़न हमारी शक्ति को नई ऊँचाइयों पर ले जाएगा। जी‑7 में भारत का योगदान अब अनिवार्य सिद्ध हो चुका है। हमें हमेशा इस राष्ट्रीय आत्मविश्वास को बनाये रखना चाहिए।

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    HarDeep Randhawa

    जून 17, 2024 AT 08:47

    अरे वाह!!! इतनी ज़ोरदार बातों के पीछे तो बहुत गहरी रणनीति है???! क्या हमने इस बात को पूरी तरह समझा है???... देखो, हर एक शब्द में देशभक्ति की आग जलती है!!!

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    Nivedita Shukla

    जून 17, 2024 AT 10:27

    यह वीडियो केवल दो नेताओं के बीच के हांसी मजाक का नहीं, बल्कि बहुपक्षीय विश्व व्यवस्था में भारत की बढ़ती भूमिका का प्रमाण है।
    जब भारत-इटली जैसे विविध संस्कृतियों वाले देश एक मंच पर सहजता से संवाद करते हैं, तो यह अंतरराष्ट्रीय सहयोग की नई दिशा को उजागर करता है।
    मौलिक रूप से, मोदी जी का तकनीकी लोकतंत्रीकरण पर अभिप्राय यह दर्शाता है कि विकास का पथ सभी के लिए समान रूप से खुला होना चाहिए।
    यह विचार न केवल आर्थिक विकास को तेज़ करता है, बल्कि सामाजिक असमानताओं को भी घटाता है।
    इसी प्रकार, मेलोनी जी की मित्रता की अभिव्यक्तियां हमारे विश्व में भावनात्मक जुड़ाव को मजबूती से स्थापित करती हैं।
    वे दिखाते हैं कि राजनयिक संबंधों में सादगी और हृदयस्पर्शी क्षण भी महत्वपूर्ण होते हैं।
    उल्लेखनीय है कि इस तरह के छोटे‑छोटे इंटरैक्शन बड़े‑मोटे अंतरराष्ट्रीय मंचों में मानवता के मूल मूल्यों को पुनः स्थापित करते हैं।
    भविष्य में ऐसे और अधिक औपचारिक और अनौपचारिक आदान‑प्रदान की आशा रखते हैं, जिससे विश्व के विभिन्न कोनों में एकता की भावना पनप सके।
    तकनीक के लोकतंत्रीकरण की बात को यदि हम गहराई से देखें तो यह बीते कई दशकों की डिजिटल असमानता को समाप्त करने का अवसर है।
    इसे साकार करने के लिए भारत ने कई पहलें शुरू की हैं, जैसे कि डिजिटल इंडिया और ग्रामीण broadband परियोजनाएं।
    इन पहलों के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में भी इंटरनेट की पहुँच सुलभ हो रही है, जिससे ज्ञान और सूचना की खपत में समानता आती है।
    इसी प्रक्रिया में जी‑७ जैसे मंचों पर भारत की आवाज़ सुनना अत्यधिक महत्वपूर्ण हो गया है, जिससे विकासशील देशों के दृष्टिकोण को प्रमुखता मिलती है।
    डिजिटल लोकतंत्रीकरण का लक्ष्य सिर्फ टेक्नोलॉजी नहीं, बल्कि सामाजिक परिवर्तन भी है, जो सभी वर्गों को समावेशी बनाता है।
    जब हम इस वीडियो को देखते हैं, तो हमें याद आता है कि अंतरराष्ट्रीय संबंधों में मित्रता और विनम्रता का बड़ा योगदान होता है।
    अंत में, यह क्षण हमें सिखाता है कि बड़े मंचों पर संवाद को मानवीय परिप्रेक्ष्य में देखना चाहिए, न कि केवल नीति‑निर्धारण के रूप में।
    समग्र रूप से, भारत‑इटली की यह अनोखी मुलाक़ात भविष्य के सहयोग का एक सकारात्मक संकेत है, और हमें इस दिशा में और प्रयास करने चाहिए।

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    Rahul Chavhan

    जून 17, 2024 AT 12:07

    बहुत अच्छा लिखा, इस जैसा विस्तृत विश्लेषण हमें इस घटना की गहराई समझने में मदद करता है।

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