पुणे में भारी बारिश के बीच बिजली का करंट से 3 की मौत, स्कूल बंद, एनडीआरएफ की टीमें सतर्क

पुणे में भारी बारिश का कहर
गुरुवार को पुणे में भारी बारिश और निरंतर बरसात के कारण चार लोगों की जान चली गई। पुलाची वाड़ी, डेक्कन जिमखाना इलाके में तीन लोग बिजली का करंट लगने से मारे गए, जबकि आदरवाड़ी गांव, मावल तहसील में भूस्खलन के चलते एक व्यक्ति की मृत्यु हो गई। इस घटना ने पूरे शहर को हिला कर रख दिया है, और लोग सुरक्षित रहने के लिए हर प्रकार की एहतियात बरत रहे हैं।
नुकसान और राहत कार्य
पुणे के विभिन्न आवासीय क्षेत्रों में जलभराव हो गया है, जिससे भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने शहर के लिए 'रेड' अलर्ट जारी किया है। इस अलर्ट के चलते जिला कलक्टर सुहास दिवसे ने पुणे के सभी स्कूलों को बंद करने का आदेश जारी कर दिया है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अधिकारियों को भारतीय वायु सेना और सेना को बाढ़ राहत कार्य के लिए तैयार रखने की हिदायत दी है। साथ ही, डिप्टी चीफ मिनिस्टर अजीत पवार मंत्रालय में ही रहकर अधिकारियों के साथ मिलकर स्थिति की निगरानी कर रहे हैं।

बाढ़ की स्थिति और पूर्वानुमान
IMD ने यह भी पूर्वानुमान लगाया है कि अगले कुछ दिनों तक गाट क्षेत्रों में अलग-अलग स्थानों पर बहुत भारी बारिश हो सकती है और मैदानी इलाकों में मध्यम बारिश की संभावना है। इस पूर्वानुमान के अनुसार, पुणे जिले में 24 जुलाई तक कुल 567.2 मिमी बारिश दर्ज की गई है। इस बारिश से पूरे जिले में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।
एनडीआरएफ और राहत कार्य
पुणे के एकता नगर इलाके में नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फोर्स (NDRF) की दो टीमें राहत कार्य में जुट गई हैं। अग्निशमन विभाग ने नावों का उपयोग करके निवासियों को निकालने का काम तेज कर दिया है। कुछ इलाकों में जल स्तर कमर तक पहुंच चुका है। मुथा नदी पर बना बाबा भिडे पुल बढ़ते जल स्तर के कारण डूब चुका है, जिससे स्थानीय लोगों को पुल पार करने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।

सुरक्षा को लेकर चेतावनी
कलक्टर सुहास दिवसे ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में निवासियों से सावधानी बरतने और घर के अंदर ही रहने की अपील की है। इसका मुख्य उद्देश्य लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है क्योंकि सड़कें और नाली प्रणाली भारी बारिश के कारण बाधित हो चुकी हैं।
मुंबई में भी भारी बारिश
मुंबई में भी समान परिस्थितियों का सामना करना पड़ रहा है। IMD ने मध्यम से तीव्र बारिश और 50-60 किमी/घंटे की रफ्तार से चलने वाली हवा की चेतावनी जारी की है। इससे मुंबई के निवासियों को भी सतर्क रहने की जरूरत है।
इस प्रकार, पुणे और मुंबई में जारी भीषण बारिश ने पूरे इलाके को प्रभावित किया है। लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं। संबंधित अधिकारियों द्वारा लगातार राहत और बचाव कार्य जारी है। उम्मीद की जाती है कि जल्द ही स्थिति सामान्य हो जाएगी। लेकिन तब तक, आवश्यक एहतियात बरतना और सुरक्षित रहना अति आवश्यक है।
SAI JENA
जुलाई 26, 2024 AT 01:58पुणे में आई इस आपदा के सामने हमें सामूहिक प्रयास से ही समाधान मिल सकता है। सरकार ने जो तुरंत कदम उठाए हैं, जैसे स्कूल बंद करना और NDRF की तैनाती, वह सराहनीय है। नागरिकों को भी सतर्क रहना चाहिए और स्थानीय अधिकारियों के निर्देशों का पालन करना चाहिए। भारी बारिश में जलभराव से बचने के लिए सुरक्षित रास्ते चुनें और असुरक्षित इमारतों से दूर रहें। इस प्रकार के चुनौतीपूर्ण समय में एकजुटता ही हमारी सबसे बड़ी ताकत है।
Hariom Kumar
अगस्त 2, 2024 AT 00:38बिल्कुल सही कहा आपने! 🙏 सभी को अपनी सुरक्षा को प्राथमिकता देनी चाहिए और मदद के लिए स्थानीय निकायों को सहयोग करना चाहिए। चलिए, सकारात्मक रवैया रखें और मिलजुल कर इस कठिनाई को पार करें। 😊
shubham garg
अगस्त 8, 2024 AT 23:18भाई लोग, ये बारिश तो कच्ची भी नहीं है, अब तो बिजली का करंट लगा के भी लोगों की जान ले ली। घर में रहना बेहतर रहेगा, बाहर निकलने की जरूरत नहीं जब तक ज़रूरी न हो।
LEO MOTTA ESCRITOR
अगस्त 15, 2024 AT 21:58जीवन की नाज़ुकता पर विचार करना इस समय जरूरी है; प्रकृति की शक्ति हमें याद दिलाती है कि हम कितने अस्थिर हैं।
Sonia Singh
अगस्त 22, 2024 AT 20:38भाई लोग, सुरक्षित रहो।
Ashutosh Bilange
अगस्त 29, 2024 AT 19:18पहले तो यह कहना चाहते हैं कि पुणे की इस बाढ़ ने शहर को हिला कर रख दिया है।
तीन लोगों की बिजली के करंट से मौत के बाद सभी का दिल दक्ख से भर गया।
भूस्खलन की वजह से हुई एक और मौत भी इस दर्द को दुगुना कर देती है।
बारिश की तेज़ी को देखते हुए लोग अब घर से बाहर निकलना नहीं चाहते।
NDRF की टीमें फुर्तीले ढंग से काम कर रही हैं, लेकिन उनका हाथ भी कभी‑कभी थक जाता है।
रास्ते में बाढ़ का पानी कमर तक पहुंच गया, जिससे गाड़ी चलाना मुश्किल हो रहा है।
बाबा भिडे पुल डूब गया, और लोग किनारे किनारे फिसलते हुए आगे बढ़ रहे हैं।
इसी समय में सरकारी अधिकारी भी सतर्क हैं, पर उनकी चेतावनी अक्सर देर से आती है।
मेट्रो की लाइनें भी पानी में डूबी हुई हैं, और लोगों को वैकल्पिक रास्ते खोजने पड़ रहे हैं।
वाहनों की ट्रैफ़िक जाम हो गई है, जिससे आपातकालीन सेवाओं को भी रुकावट आती है।
पानी की निचली धारा में बच्चों को पानी में खेलते देखना दर्दनाक हो गया है।
स्थानीय लोगों ने सामुदायिक मदद शुरू कर दी है, पर बहुत सारा काम अभी बाकी है।
सरकार ने रेड अलर्ट जारी कर दिया है, फिर भी कई लोग इसे नजरअंदाज़ कर रहे हैं।
जैसे ही बाढ़ का पानी धीरे‑धीरे कम होना शुरू होता है, हमें उम्मीद है कि राहत कार्य तेज़ी से आगे बढ़ेगा।
आखिरकार, इस तरह की आपदा में हमारे सामाजिक बंधनों को मजबूत करने की ज़रूरत है, नहीं तो आगे और बड़े नुकसान का सामना करना पड़ेगा।
Kaushal Skngh
सितंबर 5, 2024 AT 17:58आपके विस्तृत विवरण से स्थिति का पैमाना साफ़ हो गया। वास्तव में, सहयोग और सामुदायिक मदद का महत्व यहाँ पर और भी बढ़ जाता है।
Harshit Gupta
सितंबर 12, 2024 AT 16:38यह सब देख कर लगता है कि हमें अपनी जड़ें और सुरक्षा को लेकर और मजबूत होना चाहिए। बाहरी मदद से भी नहीं, बल्कि अपने आत्मनिर्भरता से इस तरह की आपदा से लड़ना होगा। देश की ताकत तभी होगी जब हम अपनी बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ करेंगे।
HarDeep Randhawa
सितंबर 19, 2024 AT 15:18!!!! लेकिन क्या हमने पहले से ही पर्याप्त बाढ़ नियंत्रण उपाय लगाए हैं???!!!! यदि नहीं, तो तुरंत कार्यवाही जरूरी है!!!
Nivedita Shukla
सितंबर 26, 2024 AT 13:58बाढ़ के पानी की लहरें जैसे हमारी आत्मा की गहराइयों को छू रही हैं; यह एक दार्शनिक संकेत है।
जब तक हम प्रकृति के साथ सामंजस्य नहीं बनाते, तब तक मनुष्य की प्रगति अधूरी रहेगी।
इस क्षण में केवल नीति नहीं, बल्कि हमारे दिलों की आवाज़ भी सुननी चाहिए।
Rahul Chavhan
अक्तूबर 3, 2024 AT 12:38भाईयों, अभी समय है सावधानी बरतने का, अपने परिवार को सुरक्षित रखो और ज़रूरत पड़ने पर मदद करो।
Joseph Prakash
अक्तूबर 10, 2024 AT 11:18👍 सुरक्षित रहो और एक-दूसरे की मदद करो 🚨
Arun 3D Creators
अक्तूबर 17, 2024 AT 09:58बाढ़ और बिजली का करंट हमसे पूछ रहे हैं कि हम कितने बेपरवाह हैं; हमें समझना चाहिए कि प्रकृति हमें सबक देती है, नहीं तो बिगड़ता रहेगा जीवन का संगीत