Sher-e-Punjab Maharaja Ranjit Singh Cricket League: पंजाब में उभरती क्रिकेट प्रतिभाओं की नई पहचान

Sher-e-Punjab Maharaja Ranjit Singh Cricket League: पंजाब में उभरती क्रिकेट प्रतिभाओं की नई पहचान
13 जुलाई 2025 10 टिप्पणि jignesha chavda

Sher-e-Punjab Maharaja Ranjit Singh Cricket League: पंजाब क्रिकेट में बड़ी पहल

पंजाब में क्रिकेट का क्रेज नई ऊंचाइयों पर पहुंचता दिख रहा है। राज्य के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने एक जोरदार कदम उठाते हुए 'Sher-e-Punjab Maharaja Ranjit Singh Cricket League' शुरू करने का सुझाव दे डाला। यानी अब गांव-गांव के मैदानों से लेकर राज्य स्तर तक के युवा क्रिकेटर्स के लिए एक सीधा मंच होगा, जहां वे अपनी काबिलियत दिखा सकेंगे।

मान ने पंजाब क्रिकेट एसोसिएशन (PCA) के नए पदाधिकारियों से बातचीत में साफ कहा कि लीग को टुकड़ों में नहीं, बल्कि पूरे एक ढांचे के साथ आयोजित किया जाए। गाँव, ब्लॉक, जिला और अंत में राज्य स्तर पर मैच होंगे, जिससे हर लेवल पर टैलेंट सामने आएगा। इस सोच के पीछे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नाम कमाने वाले पंजाब के क्रिकेटरों - हरभजन सिंह, शुभमन गिल और अर्शदीप सिंह जैसे खिलाड़ियों की कहानियां हैं, जिन्होंने छोटे इलाकों से शुरूआत कर भारत को रिप्रेजेंट किया।

एक और दिलचस्प बात यह रही कि मुख्यमंत्री ने खुद बताया कि इस वक्त भारतीय पुरुष और महिला क्रिकेट टीम दोनों के कप्तान पंजाब से हैं। यह राज्य की छुपी संभावनाओं और क्रिकेट में लगातार मिल रही कामयाबी का सबूत है। मान ने इस पर जोर देते हुए माना कि जब टैलेंट को मौके और सही सुविधा मिलेगी, तो पंजाब देश के Sher-e-Punjab Cricket League के जरिए नई क्रिकेट हस्तियां खोज निकालेगा।

नई सुविधाएं और PCA की नई टीम का वादा

नई सुविधाएं और PCA की नई टीम का वादा

यह सिर्फ मैच तक ही सीमित नहीं रहेगा। सरकार ने जालंधर और अमृतसर में अंतरराष्ट्रीय स्तर के क्रिकेट स्टेडियम बनाने की योजना भी बता दी है। इससे पहले ही मोहाली के पास मुल्लांपुर में ऐसा स्टेडियम बन चुका है। मुख्यमंत्री की सोच यही है कि बड़ी उपलब्धियों के लिए आधुनिक सुविधाएं बेहद जरूरी हैं।

पंजाब क्रिकेट एसोसिएशन के नवनियुक्त अध्यक्ष अमरजीत मेहता और सचिव कुलवंत सिंह ने मुख्यमंत्री को भरोसा दिलाया कि वे अपने स्तर पर पंजाब की क्रिकेट को ऊँचाई देने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। उनकी बात सुनने के बाद ये साफ लगता है कि प्रशासन और क्रिकेट संगठन दोनों ही इस नए सफर के लिए पूरी तरह तैयार हैं।

खेल नीति ‘खेड़ण वतन पंजाब दीयां’ की कामयाबी को देखते हुए, इस तरह की क्रिकेट लीग न सिर्फ नए खिलाड़ियों को आगे लाएगी, बल्कि स्पोर्ट्स कल्चर को भी मजबूती देगी। गांवों के छोटे मैदानों से सुर्खियों तक पहुंचाने वाली इस पहल से पंजाब एक बार फिर भारतीय क्रिकेट में अपना दबदबा दिखा सकता है।

10 टिप्पणि

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    Vrushali Prabhu

    जुलाई 13, 2025 AT 18:35

    वाकई में शेर‑ए‑पंजाब लीग से गांव के मैदानों में नई ऊर्जा आ जाएगी। युवा खिलाड़ी अब बड़े मंच पर अपने हुनर दिखा सकेंगे, और हमारे लोकल कोचिंग सिस्टम को भी फायदा होगा। बस कुछ बुनियादी सुविधाओं की जल्दी से जल्दी व्यवस्था करनी होगी।

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    parlan caem

    जुलाई 23, 2025 AT 23:02

    ऐसे बड़े नामों के पीछे सिर्फ राजनीति छुपी है, असली टैलेंट को तो फिर भी ढूँढना मुश्किल रहेगा। पीसीए की नई टीम नहीं, तो पुराने ढर्रे को फिर से चलाने की कोशिश है।

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    Mayur Karanjkar

    अगस्त 3, 2025 AT 03:29

    लीग की संरचना में ग्रिड मॉडल लागू होने से स्कैलिंग इफ़िशिएंसी में सुधार हो सकता है।

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    Sara Khan M

    अगस्त 13, 2025 AT 07:55

    बहुत बढ़िया पहल! 🎉 इस लीग से युवा खिलाड़ियों को विश्व स्तर पर दिखने का मौका मिलेगा। 🙌

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    shubham ingale

    अगस्त 23, 2025 AT 12:22

    चलो सब मिलकर इस लीग को सपोर्ट करें ताकि पंजाब का क्रिकेट चमके

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    Ajay Ram

    सितंबर 2, 2025 AT 16:49

    शेर‑ए‑पंजाब लीग का विचार सिर्फ खेल तक सीमित नहीं है; यह सामाजिक परिवर्तन का एक माध्यम भी बन सकता है। जब ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं को राष्ट्रीय मंच पर खेलने का मंच मिलता है, तो उनके आत्मविश्वास में उल्लेखनीय वृद्धि होती है। यह पहल स्थानीय क्रीड़ा क्लबों को नई ऊर्जा देती है और उन्हें बेहतर प्रशिक्षण सुविधाओं की ओर प्रोत्साहित करती है। साथ ही, ऐसे बड़े आयोजन से स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी प्रोत्साहन मिलता है, क्योंकि होटलों, परिवहन और खाद्य सेवाओं की माँग बढ़ती है। इस संदर्भ में, जालंधर और अमृतसर में अंतरराष्ट्रीय मानकों के स्टेडियम बनाना एक दूरदर्शी कदम है। इससे न केवल खिलाड़ियों को बेहतर मैदान मिलेगा, बल्कि अंतरराष्ट्रीय मैचों की संभावना भी खुलती है। अन्य राज्यों के साथ प्रतिस्पर्धा में आगे रहने के लिए ऐसी बुनियादी सुविधाएँ अनिवार्य हैं। पीसीए के नए अध्यक्ष और सेक्रेटरी ने इस दिशा में गंभीर प्रतिबद्धता दिखाई है, जो प्रशंसनीय है। उन्हें चाहिए कि वे गांव-गांव में टैलेंट स्काउटिंग करने वाले नेटवर्क को मजबूत बनाएं, ताकि कोई भी छिपा प्रतिभाशाली युवा अनदेखा न रहे। स्काउटिंग के साथ-साथ, उन्हें शुरुआती स्तर पर कोचिंग सर्टिफिकेशन भी प्रदान करना चाहिए, ताकि कोचों की गुणवत्ता भी बढ़े। यह सब मिलकर एक समग्र इकोसिस्टम तैयार करेगा, जहाँ खिलाड़ी सिर्फ खेल ही नहीं, बल्कि नेतृत्व और टीमवर्क भी सीखेंगे। इस लीग को निरंतरता देना आवश्यक है; एक बार का इवेंट नहीं, बल्कि सालाना स्थायी कार्यक्रम बनना चाहिए। इसके लिए वित्तीय स्थिरता के लिए निजी क्षेत्र के निवेशकों को भी आकर्षित करना होगा। एक पारदर्शी फंडिंग मॉडल स्थापित करने से भ्रष्टाचार के मुद्दे भी कम हो सकते हैं। अंत में, सरकार, पीसीए और सामुदायिक नेताओं को मिलकर इस सपने को साकार करने की आवश्यकता है, तभी पंजाब का क्रिकेट भविष्य में चमकेगा।

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    Dr Nimit Shah

    सितंबर 12, 2025 AT 21:15

    पंजाब ने हमेशा इंडिया के क्रिकेट को सबसे आगे रखा है, और इस लीग से यह धरोहर और भी मजबूत होगी। हमें गर्व है कि हमारे पास दुनियाभर के कप्तान इस मिट्टी से हैं, और नई पीढ़ी को इसी गर्व से सशक्त बनाना चाहिए।

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    Ketan Shah

    सितंबर 23, 2025 AT 01:42

    यदि हम इस लीग को एक राष्ट्रीय स्तर की पहल बनाना चाहते हैं, तो साथ ही इसे अंतर्राष्ट्रीय मानकों के साथ संरेखित करना आवश्यक होगा। इससे न केवल खिलाड़ियों को तकनीकी लाभ मिलेगा, बल्कि वैश्विक दर्शकों का ध्यान भी आकर्षित होगा।

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    Aryan Pawar

    अक्तूबर 3, 2025 AT 06:09

    लड़कियों के लिए भी बराबर मौके मिलने चाहिए इस लीग में उन्हें सपोर्ट करना हमारा कर्तव्य है और इससे समाज में लै gender equality भी बढ़ेगी

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    Shritam Mohanty

    अक्तूबर 13, 2025 AT 10:35

    क्या सच्चाई में ये लीग सिर्फ दिखावे के लिए है? कई बार सरकार ऐसी परियोजनाएं बनाकर अपनी छवि सुधरती है जबकि जमीन पर सपोर्ट नहीं होता। हमें सावधानी बरतनी चाहिए।

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