स्तन कैंसर — जल्दी पहचानें, समय पर कार्रवाई करें

क्या आप जानते हैं कि समय पर पहचान से इलाज की सफलता बहुत बढ़ जाती है? अगर आप स्तन में कोई गांठ, त्वचा या निप्पल में बदलाव महसूस करें तो उसकी नजरअंदाज़ न करें। यहाँ सरल भाषा में बताएंगे कि क्या देखना है, कैसे खुद जांच करें और कब डॉक्टर से मिलना ज़रूरी है।

कौन‑से संकेत देखें

सबसे आम संकेतों में ये आते हैं: स्तन में नई गांठ या मोटा होने जैसा कुछ, निप्पल से असामान्य रिसाव (खून या पानी जैसा), स्तन या बगल की त्वचा में खिंचाव या गड्ढे, स्तन के आकार या रंग में बदलाव, और निप्पल का अंदर की ओर शेप बदल जाना। अगर किसी भी तरह का नया बदलाव दिखे या महसूस हो तो उसे देर न करें। कुछ बदलाव सरल कारणों से भी होते हैं, लेकिन जाँच करवा लेना बेहतर है।

रोज़ाना खुद करें — सेल्फ‑चेक का आसान तरीका

हर महीने एक बार खुद की जांच करना बहुत उपयोगी है। बाथरूम में निप्पल और त्वचा देखने से शुरू करें—दोनों हाथ ऊपर उठा कर आईना में फर्क देखिए। फिर लेटकर एक हाथ के नीचे तक ऊँगलियों की मदद से गोलाकार या पैचवार दबाते हुए पूरी बाह और बगल की जांच करें। सख्त गांठ और चकत्ते अलग पहचानें। यदि मासिक चक्र है तो मासिक धर्म के बाद 1–2 दिन में करें—क्योंकि तब स्तन कम सूजे होते हैं और जांच आसान रहती है।

किस उम्र में स्क्रीनिंग करानी चाहिए? सामान्य सलाह: 40 वर्ष के बाद डॉक्टर से मैमोگرام पर चर्चा करें। अगर परिवार में स्तन कैंसर का इतिहास हो या BRCA जैसे जीन प्रॉब्लम बताए गए हों तो डॉक्टर पहले और विशेष तरीके से स्क्रीनिंग सुझा सकते हैं। युवा महिलाओं के लिए क्लिनिकल ब्रैस्ट एग्जाम और जरूरत पड़ने पर अल्ट्रासाउंड उपयोगी होते हैं।

जो कदम तुरंत उठाएँ: सेल्फ‑चेक करें, कोई शंका हो तो न टालें, और नियमित चेकअप के लिए स्थानीय सरकारी अस्पताल या कैंसर केंद्र से संपर्क करें।

निदान कैसे होता है? डॉक्टर आमतौर पर पैलवी क्वेश्चन के बाद क्लिनिकल जाँच, मैमो그램 या अल्ट्रासाउंड और फिर सुस्पेक्ट हिस्से की बायोप्सी कराते हैं। बायोप्सी से ही पुष्टि होती है और टाइप पता चलता है, जिससे इलाज तय होता है।

इलाज के विकल्प आम तौर पर: सर्जरी (लम्पेक्टॉमी या मैस्टेक्टॉमी), कीमोथेरपी, रेडिएशन, हार्मोनल थेरेपी और टार्गेटेड दवाइयां। आपका इलाज ट्यूमर के साइज़, स्टेज और बायोलॉजी पर निर्भर करेगा।

बचाव के आसान तरीके: वजन नियंत्रित रखें, हफ्ते में कम‑से‑कम 150 मिनट हल्की‑तीव्र एक्सरसाइज करें, शराब कम लें और स्तनपान को प्रोत्साहित करें (जहाँ संभव हो)। परिवार में इतिहास हो तो जेनेटिक काउंसलिंग पर विचार करें।

अगर आप कहीं उलझन महसूस कर रहे हैं तो अपने स्थानीय हेल्थ सेंटर या नजदीकी कैंसर अस्पताल में अपॉइंटमेंट लें। छोटी सी जाँच बड़ी राहत दे सकती है—समय पर जानकारी और कार्रवाई सबसे बड़ा फायदा देती है।

हिना खान को तीसरे चरण का स्तन कैंसर: जानिए प्रत्येक चरण, लक्षण और कारण
jignesha chavda 0 टिप्पणि

हिना खान को तीसरे चरण का स्तन कैंसर: जानिए प्रत्येक चरण, लक्षण और कारण

भारतीय टेलीविजन अभिनेत्री हिना खान ने अपना स्तन कैंसर के तीसरे चरण का पता लगने की खबर साझा की है। यह खबर स्तन कैंसर की प्रारंभिक पहचान और जागरूकता के महत्व को उजागर करती है, जो महिलाओं में सबसे अधिक पाया जाने वाला कैंसर है। हिना खान ने अपने इंस्टाग्राम पर यह जानकारी साझा करते हुए अपनी दृढ़ता और इस चुनौती को पार करने का संकल्प व्यक्त किया।