70वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार 2024: ऋषभ शेट्टी ने जीता सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का खिताब, 'गुलमोहर' बनी सर्वश्रेष्ठ हिंदी फिल्म

70वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार 2024: ऋषभ शेट्टी ने जीता सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का खिताब, 'गुलमोहर' बनी सर्वश्रेष्ठ हिंदी फिल्म
16 अगस्त 2024 15 टिप्पणि jignesha chavda

70वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार 2024: भारतीय सिनेमा का महाकुंभ

70वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों की घोषणा शुक्रवार, 16 अगस्त 2024 को हुई, जहां भारतीय सिनेमा के बेहतरीन प्रदर्शन को सलामी दी गई। इस मौके पर विभिन्न श्रेणियों में विजेताओं की सूची जारी की गई, जिन्होंने 2022 के कैलेंडर वर्ष में उल्लेखनीय प्रदर्शन किया। पुरस्कारों का फैसला विभिन्न क्षेत्र के विशेषज्ञों की पैनल द्वारा किया गया, जिसमें प्रमुख फिल्म समीक्षक राहुल रवैल फीचर फिल्मों की अध्यक्षता में थे, जबकि नॉन-फीचर फिल्मों के लिए नीलमाधब पांडा और सिनेमा पर बेहतरीन लेखन के लिए गंगाधर मुदलायर शामिल थे।

सर्वश्रेष्ठ हिंदी फिल्म: 'गुलमोहर' का जलवा

मनोज बाजपेयी की 'गुलमोहर' ने सर्वश्रेष्ठ हिंदी फिल्म का खिताब हासिल किया। इस फिल्म ने दर्शकों को अपने मार्मिक नैरेटिव और मजबूत अभिनय प्रदर्शन के साथ मंत्रमुग्ध कर दिया। 'गुलमोहर' को न केवल सर्वश्रेष्ठ हिंदी फिल्म की श्रेणी में बल्कि विशेष उल्लेख के तौर पर भी सराहा गया, जिससे यह और भी खास बन गया। फिल्म ने अपनी भावुक कहानी और उत्कृष्ट अभिनेताओं के प्रदर्शन के जरिए भारतीय सिनेमा में एक नया मानदंड स्थापित किया है।

सर्वश्रेष्ठ अभिनेता: ऋषभ शेट्टी का नया इतिहास

कन्नड़ फिल्म 'कांतारा' के लिए ऋषभ शेट्टी को सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के खिताब से नवाजा गया। ऋषभ ने न सिर्फ इस फिल्म में अभिनय किया बल्कि इसके निर्देशक भी रहे। उनकी गहराई से समृद्ध परफॉर्मेंस ने दर्शकों और समीक्षकों दोनों का दिल जीत लिया। उनकी यह फिल्म ब्लॉकबस्टर रही और उन्होंने अपनी अलग पहचान बनाई। ऋषभ की इस उपलब्धि ने कन्नड़ सिनेमा को अंतरराष्ट्रीय मान्यता दिलाई है।

सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री: नीत्या मेनन और मानसी पारेख का योगदान

सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार नीत्या मेनन और मानसी पारेख द्वारा साझा किया गया। दोनों अभिनेत्रियों ने अपने-अपने फिल्मों में ऐसे जीवंत प्रदर्शन किया जिससे वे इस प्रतिष्ठित पुरस्कार की हकदार बनीं। नीत्या और मानसी का अलग-अलग शैलियों में अभिनय करना और अपने किरदारों में गहराई लाना, भारतीय सिनेमा की विविधता और समृद्धि को दर्शाता है।

सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म: 'आट्टम' की जीत

मलयालम फिल्म 'आट्टम' को सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म का पुरस्कार दिया गया। इस फिल्म ने पहले भी भारतीय फिल्म महोत्सव लॉस एंजिल्स में खासी प्रशंसा बटोरी थी। 'ट्वेल्व एंग्री मेन' से प्रेरित यह अदालत-नाटक दर्शकों को अपने शानदार पटकथा और प्रस्तुति से बांध के रखता है। 'आट्टम' ने भारतीय सिनेमा में नई ऊंचाइयों को छुआ है और इसे एक उत्कृष्ट फिल्म के रूप में याद किया जाएगा।

सहायक भूमिकाएं: नीना गुप्ता और पवन मल्होत्रा का विशेष योगदान

नीना गुप्ता और पवन मल्होत्रा को क्रमश: 'ऊंचाई' और 'फौजा' फिल्मों में उनके शानदार प्रदर्शन के लिए सहायक अभिनेत्री और सहायक अभिनेता का पुरस्कार मिला। नीना गुप्ता ने 'ऊंचाई' में अपने भावनात्मक प्रदर्शन से दर्शकों को भाव विभोर कर दिया, जबकि पवन मल्होत्रा ने 'फौजा' में अपनी मजबूत और प्रभावी अदाकारी से सबको मोह लिया।

पुरस्कार समारोह

राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार 2024 के विजेताओं को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू नवंबर 2024 में एक भव्य समारोह में सम्मानित करेंगी। यह आयोजन न केवल विजेताओं के लिए गर्व की बात होगी, बल्कि भारतीय सिनेमा के सभी युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत भी बनेगा। यह दिन भारतीय सिनेमा के विकास और विस्तार को एक और नई दिशा देगा।

15 टिप्पणि

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    Arun 3D Creators

    अगस्त 16, 2024 AT 22:05

    ध्यान दो इस राष्ट्रीय पुरस्कार की धुंध में सच्ची कला का सूरज उगता है।
    गुलमोहर का रंग सिर्फ कागज़ पर नहीं, वह आत्मा में भी खिंचाव छोड़ता है।
    क्या हम इस चमक को समझते हैं या सिर्फ मोह में खो जाते हैं।

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    RAVINDRA HARBALA

    अगस्त 23, 2024 AT 11:48

    वास्तव में, राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार की चयन प्रक्रिया में कई बार पक्षपात का तात्पर्य स्पष्ट हो जाता है।
    जज बोर्ड में वही लोग होते हैं जो पिछले सालों में अपनी पसंदीदा फिल्में धकेलते रहे हैं।
    इसलिए यह कहना कि यह पुरस्कार पूर्णतः निष्पक्ष है, एक बेवकूफ़ी भरी धारण है।
    सभी को समझना चाहिए कि राजनीतिक गठबंधन यहाँ प्रमुख भूमिका निभाते हैं।

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    Vipul Kumar

    अगस्त 30, 2024 AT 01:31

    दोस्तों, याद रखो कि हर पुरस्कार में कुछ हाँ, कुछ ना होते हैं।
    इस मंच को सराहना चाहिए क्योंकि यह कलाकारों को मान्यता देता है, लेकिन साथ ही सुधार की गुंजाइश भी बताता है।
    आगे जब आप फ़िल्में देखें, तो कहानी, अभिनय और तकनीकी पहलुओं को अलग‑अलग देखना फायदेमंद रहेगा।

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    Priyanka Ambardar

    सितंबर 5, 2024 AT 15:14

    देश की शान बढ़ाने वाली फ़िल्मों को इस तरह घटाकर देखना अस्वीकार्य है 😠!
    गुलमोहर जैसे महाकाव्य को सराहना ही चाहिए क्योंकि यह हमारे सांस्कृतिक धरोहर को उजागर करता है।
    इसी तरह के काम से ही भारत को विश्व मंच पर बराबरी का दर्जा मिलेगा।

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    sujaya selalu jaya

    सितंबर 12, 2024 AT 04:57

    बिलकुल सही बात है, ऐसे योगदान को सराहना चाहिए।
    हम सब मिलकर इस पहल को आगे बढ़ा सकते हैं।

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    Ranveer Tyagi

    सितंबर 18, 2024 AT 18:40

    भाईयों और बहनों!!! ये राष्ट्रीय पुरस्कार हमारे फिल्म उद्योग की सच्ची ताकत को दिखाता है!!!
    गुलमोहर की कहानी दिल को छू लेती है, अभिनय से भरपूर है, संगीत मंत्रमुग्ध कर देता है!!!
    इस जीत से पूरे देश में फिल्म प्रेमियों को नई ऊर्जा मिलेगी!!!

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    Tejas Srivastava

    सितंबर 25, 2024 AT 08:22

    वाह!!! यह उत्सव वाकई में एक दहेज जैसा है, जहाँ हर किरदार चमकता है!!!
    परन्तु कभी‑कभी हमें याद रखना चाहिए कि पर्दे के पीछे की मेहनत भी उतनी ही महत्त्वपूर्ण है!!!

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    JAYESH DHUMAK

    अक्तूबर 1, 2024 AT 22:05

    राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार 2024 का समागम भारतीय सिनेमा के विविध परिदृश्य को एक मंच प्रदान करता है।
    इस वर्ष की घोषणा ने कई महत्वपूर्ण बिंदुओं को उजागर किया है।
    पहला, गुलमोहर को सर्वश्रेष्ठ हिंदी फिल्म का सम्मान मिला, जो समकालीन सामाजिक समस्याओं को सूक्ष्मता से प्रस्तुत करती है।
    दूसरा, ऋषभ शेट्टी को सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के रूप में मान्यता प्राप्त हुई, जिससे कन्नड़ सिनेमा की अंतरराष्ट्रीय पहचान और अधिक मजबूत हुई।
    तीसरा, नीत्या मेनन और मानसी पारेख ने संयुक्त रूप से सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार साझा किया, जिससे महिला कलाकारों की बहुपक्षीय क्षमता स्पष्ट हुई।
    चौथा, मलयालम फिल्म 'आट्टम' को सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म का खिताब मिला, जो न्यायिक प्रणाली की जटिलताओं को सजीव रूप में दर्शाता है।
    पाँचवाँ, सहायक भूमिकाओं में नीना गुप्ता और पवन मल्होत्रा को सम्मानित किया गया, जो समग्र उत्पादन की गुणवत्ता को बढ़ाते हैं।
    छठा, चयन प्रक्रिया में विशेषज्ञ पैनल की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण रही, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों के सम्मानित समीक्षक शामिल थे।
    सातवाँ, इस समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की भागीदारी ने राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान की परतें जोड़ी हैं।
    आठवाँ, पुरस्कारों ने युवा फिल्म निर्माताओं को नई दिशा और प्रेरणा प्रदान की है, जिससे सृजनात्मकता का विस्फोट संभव हुआ है।
    नौवाँ, इस प्रकार के पुरस्कार राष्ट्रीय सांस्कृतिक पहचान को सुदृढ़ करने में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं।
    दसवाँ, इन्हें देख कर आम दर्शक भी फिल्म उद्योग के विकास में हिस्सा ले सकते हैं।
    ग्यारहवाँ, सामाजिक मीडिया के माध्यम से इस कार्यक्रम की कवरेज ने व्यापक जनसंवाद को सुविधा प्रदान की।
    बारहवाँ, इस आयोजन से उद्योग के भीतर सहयोगी सम्बन्धों को भी बढ़ावा मिला है।
    तेरहवाँ, भविष्य में ऐसे मंचों से अधिक विविधता और समावेशिता की अपेक्षा की जा रही है।
    सत्रहवाँ, अंततः यह कहा जा सकता है कि राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भारतीय सिनेमाई परिदृश्य की प्रगति के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।

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    Santosh Sharma

    अक्तूबर 8, 2024 AT 11:48

    इस उपलब्धि ने हमें आगे बढ़ने की प्रेरणा दी है, सभी फिल्म निर्माताओं को निरंतर नवाचार करने का संकल्प लेना चाहिए।

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    yatharth chandrakar

    अक्तूबर 15, 2024 AT 01:31

    सभी कलाकारों को इस मान्यता के लिए बधाई, यह हमारे उद्योग की ऊर्जा को दर्शाता है।

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    Vrushali Prabhu

    अक्तूबर 21, 2024 AT 15:14

    वाह् बधाइयाँ!!! ये तो एकदम द्मधाके की बात है, सबको दिमाग़ की बत्ती जला दी !!

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    parlan caem

    अक्तूबर 28, 2024 AT 04:57

    इन पुरस्कारों में अक्सर वही लोग हक़ीक़त में झिलमिलाते हैं जो अपनी कनेक्शन से जीते हैं, बाकी सच्ची टैलेंट को अनदेखा किया जाता है।

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    Mayur Karanjkar

    नवंबर 3, 2024 AT 18:39

    पारस्परिक संबंधों का विश्लेषण दर्शाता है कि संस्थागत बाधाएँ रचनात्मक धारा को अवरुद्ध करती हैं।

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    Sara Khan M

    नवंबर 10, 2024 AT 08:22

    ठीक है, बस यही है 🙃

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    shubham ingale

    नवंबर 16, 2024 AT 22:05

    चलो, अगली फ़िल्म में बेहतर देखेंगे! 😊

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