AI और ब्रेन चिप्स की टक्कर: सैम ऑल्टमैन की Merge Labs ने Neuralink को दी सीधी चुनौती

जब AI के बाद अब दिमाग में उतरेगा टेक्नोलॉजी का जादू
सोचिए, अगर आपके ख्याल सीधे कंप्यूटर या मोबाइल तक पहुंचने लगे। सैम ऑल्टमैन, जिन्हें लोगों ने OpenAI के सीईओ के तौर पर खूब सुना है, अब दिमाग और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के मेल पर काम कर रहे हैं। उनकी नई कंपनी Merge Labs सीधे एलन मस्क की Neuralink को चुनौती दे रही है।
Merge Labs की कहानी ऐसी है, जिसमें AI के साथ दिमाग को जोड़ने का ख्वाब सच होता नजर आ रहा है। कंपनी अभी 250 मिलियन डॉलर फंडिंग जुटा रही है और इसकी वैल्यू 850 मिलियन डॉलर तक पहुंच चुकी है। खास बात ये है कि OpenAI का भी इसमें हाथ है। मतलब सैम ऑल्टमैन टेक्नोलॉजी के अगले स्तर पर जाने की पूरी तैयारी कर रहे हैं।

Neuralink बनाम Merge Labs: सोच में फर्क, तरीका भी अलग
Neuralink ने तो दिमाग में इलेक्ट्रोड्स डालकर इम्प्लांट्स लगाने शुरू भी कर दिया है, वो भी सर्जरी के जरिए। इस साल जनवरी में एलन मस्क की कंपनी ने पहली बार इंसान के दिमाग में ब्रेन चिप लगाई थी। इस मरीज ने अपने ख्यालों से माउस चलाया और गेम्स भी खेले। लेकिन कुछ ही समय बाद 85% चिप्स दिमाग से हट गईं, जिससे कुछ वक्त के लिए डेटा कनेक्शन भी बिगड़ा।
आज Neuralink के पास 9 बिलियन डॉलर का वैल्यूएशन है और वो 2031 तक 20,000 मरीजों को हर साल चिप लगाने का प्लान कर चुके हैं। लेकिन इतनी बड़ी सरकारी मंजूरी और फंडिंग के बावजूद Surgical इम्प्लांट्स के साथ जोखिम तो हैं ही।
Merge Labs के पास एकदम अलग प्लान है। यहाँ न तो सर्जरी की झंझट है और न ही ब्रेन में तार या इलेक्ट्रोड्स घुसाने की बात। टीम जीन थेरेपी और सोनोजेनेटिक्स पर काम कर रही है—यानि जेनेटिकली ब्रेन सेल्स को बदला जाएगा ताकि वे अल्ट्रासाउंड के प्रति रिस्पॉन्सिव बनें। नतीजा? दिमाग और कंप्यूटर में हाई स्पीड डाटा ट्रांसफर और वो भी बिना ऑपरेशन के।
सैम ऑल्टमैन इसमें अपने पुराने साथी एलेक्स ब्लानिया को भी जोड़ चुके हैं। एलेक्स वो हैं जिन्होंने वर्ल्डकॉइन के पीछे डिजिटल आईडी की तकनीक बनाई थी। हालांकि, ऑल्टमैन खुद Merge Labs में दिन-रात नहीं बैठेंगे, उनकी नजर तो OpenAI पर ही रहेगी, लेकिन AI-वर्ल्ड में ये पहलू कमाल का है।
ऊपर से, सिर्फ अमेरिका ही नहीं बल्कि UK और चीन में भी Neuralink और बाकी कंपनियां इस फील्ड में एडवांस कर रही हैं। Neural Interface मार्केट अब ग्लोबल हो चुका है और 9 से ज्यादा कंपनियां दुनिया भर में ऐसे डिवाइसेज बना रही हैं।
ये सब ऐसे वक्त हो रहा है, जब चैटजीपीटी-5 जैसे एआई टूल को लोगों ने ज्यादा तवज्जो नहीं दी। लगता है अब AI के अगले स्नैप में दिमाग से सीधा इंटरफेस ही बड़ा खेल बनेगा। Merge Labs के नए काम से ऑल्टमैन और मस्क की चमचमाती जाइराशिप के बीच सीधा मुकाबला देखने मिलने वाला है—एक तरफ हार्डवेयर और ब्रेन इम्प्लांट्स, दूसरी तरफ सॉफ्ट टेक और AI-संचालित भविष्य।