चेवड़ा में स्कूल के पास 12 साल की बच्ची को मोटरसाइकिल के uncontrolled दुर्घटना में गंभीर चोट

चेवड़ा में स्कूल के पास 12 साल की बच्ची को मोटरसाइकिल के uncontrolled दुर्घटना में गंभीर चोट
21 सितंबर 2025 7 टिप्पणि jignesha chavda

घटना का विवरण

शनिवार, 20 सितंबर 2025 को चेवड़ा में नगरपालिका माध्यमिक विद्यालय के निकट एक भयावह दुर्घटना हुई। 12 साल की यास्मिन कुमारी, जो बिचली गली में रहने वाली सोनी रीण की बेटी है, खेलते समय एक अनियंत्रित मोटरसाइकिल से टकरा गई। गवाहों के अनुसार, वहीँ के एक स्थानीय नुकीले मोड़ पर मोटरसाइकिल का चालक नियंत्रण खो बैठा, जिससे वह तेज़ी से आगे बढ़ती हुई यास्मिन पर धँस गई।

समय के साथ ही, आसपास के कई गाँव वाले तुरंत घटना स्थल पर पहुंचे। उन्होंने घायल बच्ची को उठाया और नज़दीकी निजी क्लिनिक में ले गए, जहाँ डॉक्टरों ने तुरंत प्राथमिक उपचार शुरू किया। मेडिकल टीम ने बताया कि यास्मिन को गंभीर चोटें आई हैं, जिसमें कई खुले घाव और संभवतः हड्डी के फ्रैक्चर शामिल हैं।

बच्चा हादसा इस क्षेत्र में पहले भी कई बार सुनाई देता रहा है, पर इस बार स्कूल के पास होने के कारण भय और चिंता बढ़ गई है। स्थानीय पक्ष ने कहा कि स्कूल‑आसपास का ट्रैफ़िक अक्सर बढ़ जाता है, और कई बार सुरक्षा उपायों की कमी देखी जाती है।

स्थानीय प्रतिक्रिया और भविष्य की रोकथाम

स्थानीय प्रतिक्रिया और भविष्य की रोकथाम

घटना के बाद, बिचली गली के कई निवासी ने सोशल मीडिया पर मदद के लिये आवाज़ उठाई और इस बात पर ज़ोर दिया कि स्कूल के आसपास गति सीमा लागू की जानी चाहिए। कुछ परिवारों ने स्थानीय प्रशासन को सड़क पर संकेतक, पादचारी रास्ते और ट्रैफ़िक पुलिस की व्यवस्था करने का अनुरोध किया।

  • प्राथमिक विद्यालय के आस-पास विशेष गति सीमा (30 किमी/घंटा) की सिफ़ारिश।
  • स्कूल परिसर में पादचारी पुल या ओवरपैस की स्थापना।
  • वर्तमान में चल रहे ट्रैफ़िक नियमों की कड़ी निगरानी के लिए अतिरिक्त पुलिस मौजूदगी।
  • समुदाय को सड़क सुरक्षा के शिक्षण सत्रों में भाग लेने के लिये प्रेरित करना।

स्थानीय पंचायत के प्रमुख ने कहा कि वे इस घटना को गंभीरता से ले रहे हैं और जल्द से जल्द सुरक्षा उपायों पर कार्रवाई करेंगे। अभी तक मोटरसाइकिल चालक की पहचान या पुलिस रिपोर्ट की विस्तृत जानकारी सार्वजनिक नहीं हुई है।

यास्मिन की स्थिति के बारे में अपडेट मिलने पर स्थानीय सन्देश जारी किया जाएगा। इस दौरान, गाँव वाले उसकी जल्दी ठीक होने की कामना कर रहे हैं और पुनः ऐसे हादसे से बचने के लिये सामूहिक रूप से सड़कों को सुरक्षित बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं।

7 टिप्पणि

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    Rashi Jaiswal

    सितंबर 21, 2025 AT 21:01

    यास्मिन की जल्दी थिक हो, भगवान करे सब ठीक हो जाए।

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    Maneesh Rajput Thakur

    सितंबर 21, 2025 AT 21:21

    ऐसे हादसे अक्सर तब होते हैं जब ट्रैफ़िक नियमों को आधे‑आधे ही लागू किया जाता है।
    शहर के लोग कहते हैं कि पुलिस की गड़बड़ी ही इस सारे मुद्दे की जड़ है, लेकिन सच्चाई तो यही है कि कई बार स्थानीय सत्ता के हाथों में शक्ति की दुरुपयोग की गंध आती है।
    जितनी तेजी से मोटरसाइकिल चलती है, उतनी ही तेज़ी से जिम्मेदारी भी नहीं उठाई जाती।
    डेटा दिखाता है कि ऐसे छोटे शहरों में सड़क सुरक्षा के उपाय अक्सर टाल‑मटोल के साथ लागू होते हैं।
    अगर इसे सच्चे दिल से ठीक नहीं किया गया तो भविष्य में और बड़े दुर्दशा का सामना करना पड़ेगा।

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    ONE AGRI

    सितंबर 21, 2025 AT 22:03

    सबसे पहले तो हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि यह बच्ची हमारे भविष्य की धरोहर है, और उसकी सुरक्षा में ही राष्ट्र का भविष्य निहित है।
    हमारी संस्कृति ने हमेशा पारिवारिक सुरक्षा को सर्वोपरि माना है, फिर भी आधुनिकता के साथ हम अक्सर मूलभूत सिद्धांतों को भूल जाते हैं।
    स्कूल के आसपास तेज़ गति वाले वाहन चलना राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा बन गया है, क्योंकि इससे न केवल छोटे बच्चों की ज़िंदगी को खतरा होता है, बल्कि समाज के मूल्यों को भी धूमिल करता है।
    स्थानीय प्रशासन को तुरंत गति सीमा 30 किमी/घंटा लागू करनी चाहिए और इस सीमा की कड़ाई से निगरानी करनी चाहिए।
    साथ ही, स्कूल के प्रवेश द्वार पर पादचारी पुल या ओवरपैस बनवाना अनिवार्य होना चाहिए, ताकि बच्चों को सुरक्षित मार्ग मिल सके।
    ट्रैफ़िक पुलिस की उपस्थिति भी निरंतर होनी चाहिए, केवल एक बार नहीं, बल्कि दिन‑रात की निगरानी चाहिए।
    इस प्रकार के उपायों से हम न केवल इस दुर्घटना को रोक सकते हैं, बल्कि भविष्य में ऐसी कई दुर्घटनाओं से बच सकते हैं।
    समुदाय को भी इस दिशा में सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए, निजी और सरकारी दोनों स्तरों पर मिलकर कार्य करना चाहिए।
    स्थानीय नेताओं को चाहिए कि वे इस मुद्दे को प्राथमिकता दें और तुरंत कार्यवाही करें।
    नहीं तो ऐसे कई बच्चों की ज़िंदगियाँ अनिवार्य रूप से जोखिम में रह जाएँगी।
    हमारी राष्ट्रभक्ति का असली परिभाषा तभी होगी जब हम अपने छोटे‑छोटे नागरिकों की सुरक्षा को सर्वोपरि मानें।
    आइए, हम सब मिलकर इस दिशा में कदम बढ़ाएँ और ऐसी त्रासदी को दोबारा न दोहराएँ।
    समाप्ति के बाद, यदि कोई भी इस मुद्दे को हल्के में लेता है तो वह हमारी राष्ट्रीय एकता और समग्र विकास के विरुद्ध है।
    हमारा कर्तव्य है कि हम इस समस्या को जड़ से समाप्त करें।
    इसलिए, सभी संबंधित पक्षों को मिलकर इस योजना को तुरंत लागू करें, ताकि हमारी आने वाली पीढ़ी सुरक्षित रह सके।

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    Himanshu Sanduja

    सितंबर 21, 2025 AT 22:40

    सच में, ऐसे हादसे सुनकर दिल धड़की जाता है। मैं मानता हूँ कि हमें एकजुट होकर समाधान ढूँढना चाहिए। छोटे बच्चों की सुरक्षा को लेकर सभी को मिलकर आवाज़ उठानी चाहिए। आशा करता हूँ कि प्रशासन जल्दी कार्रवाई करेगा।

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    Kiran Singh

    सितंबर 21, 2025 AT 23:10

    यास्मिन की जल्दी ठीक होने की दुआ 🙏❤️ हम सब उसके साथ हैं। इस तरह की दुर्घटनाओं को रोकने के लिए कदम उठाने में देर न करें। 💪🚸

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    Balaji Srinivasan

    सितंबर 22, 2025 AT 00:00

    मैं भी मानता हूँ कि स्थानीय प्रशासन को इस समस्या को गंभीरता से लेना चाहिए। सुरक्षा उपायों की तुरंत व्यवस्था की जानी चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसे दर्दनाक हादसे न हों।

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    Hariprasath P

    सितंबर 22, 2025 AT 00:33

    यार, ये सब गड़बड़िया तो खतम होनी चाहिए। हमारी ग्राम पंचायत को और मसखरे ना बनो, सिडी से नीचे उतरके सॉल्यूशन निकालो। सुरक्षा के बिंदु पे आधी मड़ी बात नहीं चलती।

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