दलीप ट्रॉफी 2024 : संजू सैमसन का धुआंधार शतक बना चर्चा का विषय

दलीप ट्रॉफी 2024 में संजू सैमसन का शानदार प्रदर्शन
संजू सैमसन ने एक बार फिर साबित कर दिया कि वे किस काबिल क्रिकेटर हैं। अनंतपुर में दलीप ट्रॉफी 2024 के मुकाबले में, वह भारत डी और भारत बी के बीच खेले गए मैच में नजर आए और अपनी बेमिसाल पारी से सभी का दिल जीत लिया। उनका यह शतक उनकी 11वीं प्रथम श्रेणी शतकों में शामिल है, जो उन्होंने मात्र 95 गेंदों पर 11 चौके और 3 छक्कों के साथ पुरा किया।
कैसे संजू ने अपनी पारी को संवारा
संजू सैमसन की पारी उस वक्त देखने को मिली जब भारतीय डी टीम दबाव में थी; उनके कप्तान श्रेयस अय्यर सिर्फ कुछ ही गेंदों पर बिना रन बनाए आउट हो गए थे। ऐसे में संजू ने टीम का भार संभाला। उन्होंने पहले सरांश जैन के साथ और फिर सौरभ कुमार के साथ मजबूत साझेदारी बनाई। यह साझेदारियाँ न सिर्फ टीम का स्कोर बढ़ाने में मददगार रहीं, बल्कि टीम को महत्वपूर्ण स्थिति में पहुंचाया।
समय-समय पर संजू ने अपने शॉट चयन से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। उनकी एक-एक चौके और छक्के ने दर्शकों का रोमांच बढ़ाने के साथ ही खेल में नयापन ला दिया। उन्होंने दिखाया कि किस तरह विपरीत परिस्थितियों में भी बल्लेबाजी की जा सकती है।
चयनकर्ताओं के लिए सन्देश
गौरतलब है कि संजू सैमसन शुरूआती दलीप ट्रॉफी की टीम में शामिल नहीं थे। लेकिन उनके प्रदर्शन को देखते हुए चयनकर्ताओं ने उन्हें अंतिम समय में टीम में शामिल किया, और उन्होंने मिले इस मौके का भरपूर फायदा उठाया। इस शतक ने लगभग उनकी चयनकर्ताओं के प्रति नाराजगी जताने जैसे हालात पैदा कर दिए हैं।
संजू का यह प्रदर्शन निश्चित रूप से चर्चा में रहेगा। खासकर उस समय जब उन्हें दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ श्रृंखला निर्णायक मैच में शतक बनाने के बावजूद भी भारतीय वनडे टीम में जगह नहीं दी जा रही है। यह शतक उनकी प्रतिभा और कड़ी मेहनत को दर्शाता है, और यह सवाल खड़ा करता है कि उन्हें राष्ट्रीय टीम में अधिक मौके क्यों नहीं मिल रहे हैं।

केरल के प्रमुख खिलाड़ियों में स्थान
संजू सैमसन का यह शतक उन्हें केरल के प्रमुख बल्लेबाजों की सूची में तीसरे स्थान पर ले जाता है। केरल से प्रथम श्रेणी क्रिकेट में सबसे अधिक शतक जड़ने वाले खिलाड़ियों में वे सचिन बेबी (18 शतक) और रोहन प्रेम (13 शतक) के पीछे हैं। यह उनके लिए व्यक्तिगत रूप से भी बड़ी उपलब्धि है और उनके राज्य के लिए गर्व की बात है।
मैच की स्थिति
पहले दिन की समाप्ति पर भारत डी टीम 306/5 के मजबूत स्कोर पर थी। संजू सैमसन की शतकीय पारी ने टीम की स्थितियों को मजबूत बनाया और मैच में भारत बी पर दबाव डाला। इस स्कोर के साथ वे निश्चित रूप से मैच के आगे के दौर में अच्छा प्रदर्शन करने को तैयार होंगे। संजू का यह शतक टीम के लिए प्रेरणादायक साबित हुआ है और उन्होंने टीम को जीत के करीब ला दिया है।
संजू सैमसन की यह पारी क्रिकेट प्रेमियों के लिए निश्चित रूप से यादगार बनी रहेगी, और यह उनकी क्रिकेट करियर के सुनहरे पन्नों में दर्ज की जाएगी। दलीप ट्रॉफी 2024 के इस मैच की चर्चा आने वाले कई दिनों तक क्रिकेट जगत में होती रहेगी, और संजू सैमसन का नाम एक बार फिर से हर किसी के लबों पर होगा।
yatharth chandrakar
सितंबर 21, 2024 AT 08:25संजू सैमसन की शतकीय पारी वाकई में धूम मचा रही है। 95 गेंदों में 11 चौके और 3 छक्के एक कमाल का आँकड़ा है। यह उनके करियर का 11वाँ शतक है और दिखाता है कि दबाव में कैसे खेलते हैं वो। ऐसे प्रदर्शन से युवा खिलाड़ियों को प्रेरणा मिलनी चाहिए।
Vrushali Prabhu
सितंबर 21, 2024 AT 22:18वाह! संजु सैमसन ने तो धधकते हद तक खेला!!
parlan caem
सितंबर 22, 2024 AT 08:01इत्ती बड़ाई कर ली, पर असली टेस्ट में देखेंगे क्या है उनका असली काबिलियत। अब सिर्फ दलीप ट्रॉफी नहीं, राष्ट्रीय टीम में जगह चाहिए।
Mayur Karanjkar
सितंबर 22, 2024 AT 19:08क्रिकेट में मनोवैज्ञानिक दृढ़ता अक्सर तकनीकी कौशल से अधिक महत्वपूर्ण होती है। संजू की पारी इस सिद्धांत का प्रतीक है।
Sara Khan M
सितंबर 23, 2024 AT 03:28बिलकुल धमाकेदार🔥
shubham ingale
सितंबर 23, 2024 AT 10:25ऐसी पारी देख कर दिल खुश हो गया 😊👍
Ajay Ram
सितंबर 24, 2024 AT 03:05दलीप ट्रॉफी 2024 के इस यादगार मैच में संजू सैमसन ने जो शतक बनाया, वह भारतीय आंतरिक क्रिकेट संरचना के कई पहलुओं को उजागर करता है।
सबसे पहले, यह पारी दर्शाती है कि दबावपूर्ण परिस्थितियों में खिलाड़ी कैसे अपने आंतरिक संतुलन को बनाए रखते हैं।
अनंतपुर के इस मैदान में, भारत डी टीम ने शुरुआती ओवरों में विकेट खोए, फिर भी संजू ने ठोस आधार रखा।
इस प्रकार का महत्वाकांक्षी मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोण खेल की रणनीति में गहराई लाता है।
उनका 11 चौके और 3 छक्के, केवल अंकों का जोड़ नहीं, बल्कि खेल की गति को भी नियंत्रित करते हैं।
यह दिखाता है कि कैसे एक बल्लेबाज गेंद की गति, लाइन और बाउंस को पढ़कर अपने शॉट चयन को अनुकूलित करता है।
इसके अलावा, संजू के सत्र के दौरान उनके पैर की स्थिति, हाथों की लचीलापन, और डिग्री को देखना एक सीखने योग्य सत्र बन जाता है।
युवा कोचिंग सत्रों में ऐसी तकनीकी बारीकियों को समझाना अत्यंत उपयोगी होगा।
यह भी स्पष्ट है कि चयनकर्ताओं को ऐसी पारी को अनदेखा नहीं करना चाहिए, क्योंकि यह भविष्य में राष्ट्रीय टीम के प्रदर्शन को प्रभावित कर सकती है।
तथापि, भारतीय क्रिकेट चयन समिति अक्सर कई कारकों को देखती है, जिनमें उम्र, फिटनेस, और पिछले अंतरराष्ट्रीय अनुभव शामिल हैं।
लेकिन जब किसी खिलाड़ी ने राज्य स्तर पर ऐसे दबाव को मात देकर शतक किया हो, तो उनके लिए एक विशेष अवसर बनाना चाहिए।
इस शतक ने केरल के क्रिकेट इतिहास में भी नई ऊँचाइयाँ तय कीं, जहाँ संजू अब शीर्ष तीन शतकों के धनी बैंकरों में जगह बना चुके हैं।
यह न केवल व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि प्रदेश के युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
सामाजिक स्तर पर इस पारी ने दर्शकों को यह स्मरण कराया कि मेहनत और धैर्य का फल हमेशा मिलता है।
इसलिए, संजू की इस पारी को केवल एक रिकॉर्ड के रूप में नहीं, बल्कि एक सामाजिक संदेश के रूप में देखना चाहिए।
अंत में, मैं आशा करता हूँ कि भविष्य में संजू सैमसन को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर बराबर का मौका मिले, क्योंकि उनका टैलेंट वाकई अद्भुत है।
Dr Nimit Shah
सितंबर 24, 2024 AT 14:11देश के लिये ऐसे खिलाड़ी जरूरी हैं, हमें उन्हें महत्व देना चाहिए। दलीप ट्रॉफी में दिखाया गया है कि हमारे पास गुप्त खजाने हैं।
Ketan Shah
सितंबर 24, 2024 AT 23:55क्या आप सभी ने ध्यान दिया कि संजू की शॉट चयन में आउटसाइड ऑफ‑स्टंप पर अधिक जोखिम नहीं लिया गया? यह एक रणनीतिक निर्णय था।
Aryan Pawar
सितंबर 25, 2024 AT 08:15संजू की पारी देखकर दिल में जोश आ गया सबको आगे बढ़ना चाहिए
Shritam Mohanty
सितंबर 25, 2024 AT 15:11लगता है चयनकर्ता इस पारी को लेकर डरते हैं क्योंकि वह राजनैतिक दबाव को हिला सकते हैं
Anuj Panchal
सितंबर 25, 2024 AT 23:31आपकी बात में कुछ हद तक तर्क है, पर डेटा दिखाता है कि प्रदर्शन ही मुख्य मानदंड होना चाहिए
Prakashchander Bhatt
सितंबर 26, 2024 AT 05:05आशा करता हूँ भविष्य में इस तरह की शानदार पारी हमें और भी मिलेंगी
Mala Strahle
सितंबर 26, 2024 AT 12:01बिल्कुल, संजू की इस पारी से हमें यह सीखने को मिलता है कि दृढ़ता और लगन से कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है; यह संदेश सभी खिलाड़ियों के लिये प्रेरणा होना चाहिए;
Ramesh Modi
सितंबर 26, 2024 AT 20:21हमें यह नहीं भूलना चाहिए!!! संजू ने जो शतक बनाया वह सिर्फ व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं, बल्कि पूरी टीम की सामूहिक शक्ति का प्रतिबिंब है!!!
Ghanshyam Shinde
सितंबर 27, 2024 AT 03:18वाओ, ऐसा शतक तो हर कोई बना लेता है, क्या बात है।
SAI JENA
सितंबर 27, 2024 AT 11:38संजू सैमसन की इस उल्लेखनीय पारी ने भारतीय प्रथम श्रेणी क्रिकेट में एक नया मानक स्थापित किया है; उनके तकनीकी कौशल और मानसिक दृढ़ता को हम सभी को सराहना चाहिए;