केरल के वायनाड में भारी भूस्खलन से 57 की मौत, सैकड़ों फंसे

केरल के वायनाड में भारी भूस्खलन से 57 की मौत, सैकड़ों फंसे जुल॰, 30 2024

वायनाड में भूस्खलन: त्रासदी के बादलों के बीच जंदगानी

30 जुलाई, 2024 की रात केरल के वायनाड जिले में भारी बारिश के कारण बड़े पैमाने पर भूस्खलन हुआ, जिसमें कम से कम 57 लोगों की जान चली गई है। यह भूस्खलन सोमवार और मंगलवार की रात के बीच हुआ जब लोग गहरी नींद में थे। हालात इतने भयावह थे कि सैकड़ों लोग मलबे में फंस गए और चार गांव पूरी तरह से समर्पित हो गए। बारिश की तीव्रता और मलबे के भारी मात्रा ने बचाव कार्यों को और भी कठिन बना दिया है।

रेस्क्यू ऑपरेशन और राहत कार्य

भारतीय सेना और वायु सेना के जवानों को तुरंत मौके पर भेजा गया। जन-धन की हानि को कम करने के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) युद्ध स्तर पर बचाव कार्य कर रही है। चारों तरफ मलबा और गिरे हुए पेड़ बचाव कार्यों में बड़ी बाधा उत्पन्न कर रहे हैं, लेकिन जवान हिम्मत नहीं हार रहे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया और केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन को हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री ने रेस्क्यू ऑपरेशन को सही ढंग से संचालित करने के लिए सभी संबंधित विभागों को निर्देशित किया है।

मौसम की मार और बचाव कार्य की चुनौतियाँ

भारी बारिश के कारण इलाके की हालत और भी बदतर हो गई है, जिससे बचाव कार्य में बड़ी कठिनाइयाँ आ रही हैं। मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों में और बारिश की संभावना जताई है, जिससे स्थिति और बिगड़ सकती है। प्रशासन ने लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए अस्थायी शिविरों का निर्माण किया है।

भूस्खलन से प्रभावित लोग

इस भूस्खलन में मृतकों में एक नेपाली बच्चा भी शामिल है, जो यहां अपने परिवार के साथ रह रहा था। प्रशासन अब भी फंसे हुए लोगों की खोजबीन में जुटा है। कई लोग अपने परिजनों से संपर्क नहीं कर पा रहे हैं, जिससे लोगों के बीच अनिश्चितता और भय की स्थिति बनी हुई है।

सरकार और स्थानीय प्रशासन लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। प्रभावित इलाकों को एक सुरक्षित स्थान में ले जाने की कोशिशें जारी हैं, और साथ ही चिकित्सा सुविधा और भोजन की आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है।

स्थानीय लोगों की मदद की कोशिशें

स्थानीय लोग भी अपनी सामर्थ्य के अनुसार बचाव कार्यों में जुटे हुए हैं। वे मलबे में फंसे लोगों तक खाने-पीने का सामान पहुंचा रहे हैं और अपनी नावों के माध्यम से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रहे हैं। इन हालातों में, मानवता और सांद्रता की अदम्य भावना देखने को मिल रही है।

भविष्य की चुनौतियां और सरकार की योजनाएं

इस भूस्खलन ने सरकार को इलाके की भौगोलिक स्थिति और संभावित आपदाओं के लिए पुनर्निर्माण योजना पर जोर देने की मजबूरी बना दी है। सरकार ने भविष्य में ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए दीर्घकालिक योजनाओं का आश्वासन दिया है।

कुल मिलाकर, वायनाड में भूस्खलन की घटना ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है। जबकि बचाव कार्य जारी है, वहां की जनता की हिम्मत और सरकार की तत्परता स्थिति को संभालने में मददगार साबित हो रही है।