दिल्ली एयरपोर्ट टर्मिनल 1 में छत गिरने से हुआ हादसा, बीजेपी और कांग्रेस में आरोप-प्रत्यारोप
जून, 29 2024दिल्ली एयरपोर्ट के टर्मिनल 1 में छत गिरने से बड़ा हादसा
दिल्ली एयरपोर्ट के टर्मिनल 1 (टी1) में शुक्रवार, 28 जून की सुबह छत का एक हिस्सा गिर जाने से एक व्यक्ति की मौत हो गई और आठ अन्य घायल हो गए। इस हादसे के बाद पूरे एयरपोर्ट पर हलचल मच गई और टर्मिनल 1 में सभी ऑपरेशनों को बंद कर दिया गया।
छत गिरने का मुख्य कारण राष्ट्रीय राजधानी में पिछले कई दिनों से जारी हीटवेव के बाद अचानक आई रिकॉर्ड-ब्रेकिंग बारिश को बताया जा रहा है। इस विपत्ति के चलते कई परिवारों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। हादसे में घायल हुए लोगों को तत्काल नजदीकी अस्पतालों में भर्ती करवा दिया गया है, जहां उनका इलाज जारी है।
राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप
इस हादसे के बाद राजनीति भी गर्म हो गई है। कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार पर आरोप लगाया है कि लोकसभा चुनाव के चलते अधूरी तैयारियों के बावजूद टर्मिनल का उद्घाटन जल्दबाजी में कर दिया गया। कांग्रेस ने इसका कारण 'भ्रष्टाचार' और 'आपराधिक लापरवाही' को बताया है।
दूसरी ओर, भाजपा ने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा है कि जो हिस्सा गिरा है वह 2009 में कांग्रेस की अगुवाई वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार के दौरान शुरू किया गया था। पार्टी ने कहा कि यह दुर्घटना यूपीए सरकार की नीतियों और प्रक्रियाओं की विफलता का नतीजा है।
टर्मिनल 1 का इतिहास और भविष्य
टर्मिनल 1, जिसे इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट के रूप में भी जाना जाता है, की कई सालों से सेवा में है और यह दिल्ली व इसके आस-पास के क्षेत्रों के यात्रियों के लिए अहम कड़ी है। इस छत के गिरने के बाद टर्मिनल 1 में सभी उड़ानों को अन्य टर्मिनलों में स्थानांतरित कर दिया गया है, जिससे यात्री सेवाओं में असुविधा हो रही है।
एयरपोर्ट प्राधिकरण ने घोषणा की है कि छत के पुनर्निर्माण और सुरक्षा जांच के बाद ही इस टर्मिनल को पुनः चालू किया जाएगा। अधिकारियों ने इस पूरी घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं और इसके लिए एक विशेष समिति का गठन भी किया है।
यात्रियों की सुरक्षा का सवाल
इस घटना ने यात्रियों की सुरक्षा पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं। लोग अपनी यात्रा के दौरान एयरपोर्ट को सबसे सुरक्षित स्थान मानते हैं, लेकिन इस प्रकार की घटना उनके विश्वास को झकझोर कर रख देती है। ऐसी घटनाएं ना सिर्फ यात्रियों के जीवन को खतरे में डालती हैं, बल्कि एयरपोर्ट और वहां से होने वाली उड़ानों की विश्वसनीयता पर भी सवालिया निशान लगाती हैं।
सुरक्षा के पहलुओं पर दिया जाएगा जोर
एयरपोर्ट के अधिकारी घटना की पूरी जांच करेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। इसके लिए सुरक्षा मानकों को और सख्त किया जाएगा और सरंचनात्मक गुणवत्ता की जांच की जाएगी।
इस प्रकार की घटनाओं के बाद यह जरूरी हो जाता है कि संबंधित अधिकारी और सरकार उनकी जिम्मेदारियों का पालन करें और यात्रियों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दें। यात्रियों का विश्वास बनाए रखने व सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करने के लिए एयरपोर्ट प्रबंधन को निरंतर सतर्क और सक्रिय रहना होगा।