हरियाली अमावस्या 2025: 24 जुलाई को श्रावण माह की इस पवित्र तिथि का महत्व और अनुष्ठान
24 जुलाई 2025 को भारत भर में हरियाली अमावस्या मनाई जाएगी — एक ऐसी तिथि जब प्रकृति हरी-भरी होती है, आत्मा और भगवान के बीच की दीवार पतली हो जाती है, और पितृ आत्माओं को श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है। इस वर्ष, हरियाली अमावस्या का अमावस्या तिथि शाम 2:28 बजे 24 जुलाई को शुरू होगी और अगले दिन सुबह 12:40 बजे समाप्त होगी, जैसा कि Drik Panchang, Ganeshaspeaks और Rishabh Agrover जैसे प्रमाणित पंचांग स्रोतों ने पुष्टि की है। इस दिन सूर्योदय 5:58 बजे और सूर्यास्त 7:08 बजे होगा, जबकि चंद्रोदय भी सुबह 5:03 बजे होगा — एक अद्वितीय संयोग जिसमें चंद्रमा और सूर्य एक साथ दिखाई देते हैं।
श्रावण माह की पवित्रता और हरियाली का प्रतीक
हरियाली अमावस्या केवल एक तिथि नहीं, बल्कि एक अनुभव है। यह श्रावण माह के बीचोंबीच आती है — वह महीना जिसमें भक्त शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाते हैं, गंगाजल अर्पित करते हैं, और महामृत्युंजय मंत्र का जाप करते हैं। इसका नाम ‘हरियाली’ इसलिए पड़ा क्योंकि बरसात के बाद पूरा देश हरे-भरे हो जाता है। यह समय प्रकृति के पुनर्जन्म और आत्मा के शुद्धिकरण का प्रतीक है। Puja Home के अनुसार, इस दिन भौतिक और आध्यात्मिक दुनिया के बीच का अंतराल सबसे कम होता है, जिससे ध्यान, तपस्या और पितृ तर्पण का प्रभाव अधिक बढ़ जाता है।
अनुष्ठान: कैसे करें पितृ तर्पण और शिव भक्ति
इस दिन का अनुष्ठान सुबह से शुरू होता है। भक्त अपने घर के पास नदी, कुएँ या तालाब में स्नान करते हैं — अक्सर गंगाजल मिलाकर। इसके बाद, वे पितृ तर्पण के लिए जल, तिल और कुश के साथ अपने पूर्वजों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। Goodreturns के अनुसार, यह अनुष्ठान अक्सर ब्राह्मणों को भोजन देकर पूरा किया जाता है। इसके बाद, शिवलिंग की पूजा की जाती है — बेलपत्र, दूध, गंगाजल और फूलों के साथ। महामृत्युंजय मंत्र का जाप इस दिन विशेष रूप से शुभ माना जाता है।
दक्षिण भारत में इसे अलग-अलग नामों से जाना जाता है: महाराष्ट्र में गतरी अमावस्या, कर्नाटक में भीमन अमावस्या, आंध्र प्रदेश में चुक्कला अमावस्या। ओडिशा में इसे चितलगी अमावस्या कहते हैं। इन सभी स्थानों में अनुष्ठान एक जैसे हैं — परंतु रीति-रिवाज़ में फर्क होता है।
कृष्ण भक्तों के लिए वृंदावन और मथुरा का विशेष महत्व
हरियाली अमावस्या केवल शिव भक्तों के लिए ही नहीं, बल्कि कृष्ण भक्तों के लिए भी अत्यंत पवित्र है। वृंदावन के बंके बिहारी मंदिर में इस दिन फूलों की एक विशेष बुनियादी व्यवस्था होती है — जिसे ‘फूल बंगला’ कहते हैं। लाखों भक्त इस दिन यहाँ आते हैं, क्योंकि मान्यता है कि इस दिन भगवान कृष्ण अपने भक्तों के लिए विशेष आशीर्वाद देते हैं। मथुरा के द्वारकाधीश मंदिर और वृंदावन के अन्य कृष्ण मंदिरों में भी विशेष पूजा और भजन होते हैं।
संख्याशास्त्री रिशभ अग्रवाल का अनूठा विश्लेषण
एक अनूठा दृष्टिकोण देते हैं रिशभ ए. ग्रोवर, जो इस तिथि के अंकों — 24/07/2025 — को जोड़कर 22 बनाते हैं। यह एक ‘मास्टर नंबर’ है, जिसे संख्याशास्त्र में आध्यात्मिक विकास और नींव बनाने का प्रतीक माना जाता है। उनके अनुसार, यह दिन कर्म का रीसेट है — जहाँ पिछले जन्मों के बंधन टूटते हैं और आत्मा नई ऊँचाइयों को छूने के लिए तैयार होती है। यह विश्लेषण भक्तों के लिए अतिरिक्त आध्यात्मिक गहराई जोड़ता है।
दान और सामाजिक प्रतिबद्धता: अधिक से अधिक शुभ फल
इस दिन केवल पूजा ही नहीं, बल्कि दान भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। Rishabhagrover.com के अनुसार, गरीबों को कपड़े, अन्न और आवश्यक वस्तुएँ देना आत्मा के लिए अनमोल फल देता है। यह दान भगवान को प्रसन्न करने का एक तरीका है — जो आंतरिक शांति और दिव्य कृपा का मार्ग प्रशस्त करता है। कई परिवार इस दिन अपने घर में गरीबों को भोजन भी देते हैं।
चट्टीसगढ़ में हरेली तिहार: एक राज्य की विशेष पहचान
हरियाली अमावस्या भारत में राष्ट्रीय छुट्टी नहीं है — लेकिन चट्टीसगढ़ में यह दिन हरेली तिहार के रूप में एक राज्य छुट्टी है। यहाँ किसान अपने बाड़ों को हरे-भरे पत्तों से सजाते हैं, खेतों की शुभकामना देते हैं, और अपने गाय-भैंसों को अलंकृत करते हैं। यह अनुष्ठान आत्मा के शुद्धिकरण के साथ-साथ प्रकृति के प्रति आभार दर्शाता है।
इस अमावस्या का समय और विवाद
कुछ स्रोतों में अमावस्या तिथि का शुरू होना 2:28 बजे और कुछ में 2:29 बजे बताया गया है। यह छोटा अंतर अलग-अलग पंचांगों के गणना तरीकों के कारण है — लेकिन सभी स्रोत एक साथ इस बात की पुष्टि करते हैं कि 24 जुलाई 2025 ही इस अमावस्या की तिथि है। यह अंतर आध्यात्मिक अनुष्ठान में कोई अंतर नहीं लाता — क्योंकि पूरा दिन ही पवित्र माना जाता है।
अगले कदम: अगले दिन क्या होगा?
हरियाली अमावस्या के अगले दिन, 25 जुलाई, श्रावण शिवरात्रि आती है — जो इस तिथि के आध्यात्मिक श्रृंखला का अगला कड़ी है। इसके बाद हरियाली तीज और श्रावण माह के अंत तक शिवलिंग पर जल चढ़ाने का अनुष्ठान जारी रहता है। यह एक चक्र है — जिसमें प्रकृति, आत्मा और भगवान एक साथ नाचते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
हरियाली अमावस्या के दिन स्नान क्यों जरूरी है?
इस दिन स्नान करने का मानना है कि यह शरीर और मन की शुद्धि करता है। गंगाजल के साथ स्नान विशेष रूप से शुभ माना जाता है, क्योंकि इसका आध्यात्मिक शक्ति से गहरा संबंध है। इससे पितृ आत्माओं के लिए तर्पण का प्रभाव बढ़ जाता है।
क्या हरियाली अमावस्या पर शिवलिंग पर दूध चढ़ाना जरूरी है?
नहीं, जरूरी नहीं, लेकिन बहुत शुभ माना जाता है। दूध शिव के शांत स्वभाव का प्रतीक है, और इसे चढ़ाने से भक्ति की भावना बढ़ती है। बेलपत्र और गंगाजल अधिक महत्वपूर्ण हैं — जो पंचांगों में विशेष रूप से निर्धारित हैं।
क्या यह तिथि सभी हिंदू समुदायों के लिए समान है?
नहीं। दक्षिण और पश्चिम भारत में अमांत पंचांग के अनुसार श्रावण माह का अमावस्या अलग दिन पड़ता है। लेकिन 2025 में, दोनों पंचांगों के अनुसार यह दिन 24 जुलाई ही है। इसलिए सभी समुदाय इसी दिन इसे मनाते हैं।
अमावस्या के दिन नौकरी या शादी क्यों नहीं करनी चाहिए?
अमावस्या को अंधेरे और पितृ आत्माओं का दिन माना जाता है। इसलिए नए शुभ कार्यों — जैसे शादी, नौकरी शुरू करना या नया घर खरीदना — को इस दिन नहीं किया जाता। इसके बजाय, आत्म-परीक्षण और पितृ सेवा पर ध्यान दिया जाता है।
हरियाली अमावस्या के लिए क्या खाना बनाया जाता है?
इस दिन आमतौर पर सात्विक भोजन बनाया जाता है — जैसे दाल, चावल, दही, गुड़ की रोटी और फल। कुछ परिवार ब्राह्मणों को भोजन देने के लिए खजूर और दही-चावल भी तैयार करते हैं। अल्पाहार और शुद्ध आहार को आध्यात्मिक शुद्धि के लिए अनुकूल माना जाता है।
क्या बच्चे भी इस दिन पितृ तर्पण कर सकते हैं?
हाँ, बच्चे भी इस दिन अपने पूर्वजों के लिए जल और तिल अर्पित कर सकते हैं। इसे आत्मा के प्रति सम्मान दर्शाने का एक तरीका माना जाता है। बच्चों को इस अनुष्ठान में शामिल करने से परिवार की परंपराएँ आगे बढ़ती हैं।
pravin s
नवंबर 21, 2025 AT 03:21इस दिन नदी के किनारे बैठकर तिल और जल अर्पित करने का मन कर रहा हूँ। पितृ तर्पण सिर्फ रिति नहीं, दिल की आवाज़ है।
Bharat Mewada
नवंबर 21, 2025 AT 22:0124/07/2025 के अंकों का योग 22 होना सिर्फ संख्याशास्त्र नहीं, बल्कि एक अंतर्ज्ञान है। जब आत्मा रीसेट हो रही हो, तो बाहरी शोर बंद करो।