Japan फिल्म की मिली-जुली समीक्षा: कर्थि के 25वें पर कई राय, आलोचकों की तेज़ प्रतिक्रिया

फिल्म की कहानी और मुख्य बिंदु
रजु मुर्गन द्वारा निर्देशित, कर्थि की 25वीं फ़िल्म Japan फिल्म 10 नवंबर 2023 को थियेटरों में आती है। यह तमिल हीस्ट ड्रामा एक काल्पनिक कथा पर आधारित है, जिसमें तिरुवरुर मुर्गन नाम के कुख्यात चोर को दर्शाया गया है, जो वास्तविक जीवन के एक बड़े गहना चोरी मामले से प्रेरित माना जाता है। कर्थि ने जापान मुणि (Japan Muni) के किरदार में अंडरकवर चोर की भूमिका निभाई, जो 200 करोड़ रुपये की ज्वेलरी चोरी के बाद पुलिस के निशाने पर आ जाता है।
फ़िल्म की शुरुआत में हम देखते हैं कि कैसे जापान मुणि और उसकी टोली, चुपके से बड़े गहने चुराते हैं और फिर पुलिस के सामने एक और पहचान छुपाते हैं। कहानी का मोड़ तब आता है जब पुलिस, साक्ष्य की कमी के बावजूद, मुणि को मुख्य आरोपी ठहराती है। मुणि का दावा है कि वह निरपराध है, और असली अपराधी को उजागर करने के लिए वह अपने 95 चल रहे केसों को देखते हुए खुद को बचाने की कोशिश करता है। इस बीच, राजनीतिक हस्तियों, ज्वैलरी दुकान मालिकों और फिल्म इंदस्ट्री के किरदारों का एक बेतरतीब समूह जोड़ दिया गया है, जिससे कथा का ताना‑बाना थोड़ा उलझा हुआ दिखता है।
फ़िल्म में कई स्पूफ सीक्वेंस भी हैं, जहाँ रजु मुर्गन ने भारतीय सिनेमा की मौजूदा ट्रेंड्स को मज़ाकिया ढंग से उजागर किया है। इन दृश्यों में अनिरुद्ध की आगामी संगीत योजना का उल्लेख, सैटायरिक डायलॉग्स और मेटा‑कॉमेंट्री शामिल हैं, जिससे फ़िल्म को एक अलग रंग मिलता है। साथ ही, पुलिस की बर्बरता और सामाजिक असमानताओं को भी हल्के-फुल्के स्वर में पेश किया गया है, हालांकि यह पहल कई दर्शकों को असंगत लगी।

समालोचनात्मक प्रतिक्रिया
फ़िल्म रिलीज़ होने के बाद कई प्रमुख मीडिया हाउस ने अपनी‑अपनी राय पेश की। Film Companion ने कहानी को बहुत पूर्वानुमेय और किरदारों को द्वैध (one‑dimensional) कहा, पर कर्थि की हँसी‑मज़ाक वाली प्रस्तुति की सराहना की। उन्होंने कहा कि अगर दर्शक फ़िल्म की ‘सिल्लीनेस’ को स्वीकार कर लें, तो इस में कुछ मज़ा है। कर्थि के आवाज़‑मॉड्यूलेशन और बॉडी लैंग्वेज को ‘जिरामी‑इगेओ को गिराकर नाज़ुकता दिखाने’ के रूप में प्रशंसा की गई।
दूसरी ओर, The News Minute ने फ़िल्म को केवल 2 में से 5 स्टार दी और इसे ‘हीस्ट ड्रामा का खराब पैरोडी’ कहकर बुरा बनाया। उन्होंने खासकर यह इंगित किया कि चोरों के बड़े‑बड़े ठिकानों पर भी थ्रिल नहीं बनी और कई किरदार—राजनीतिज्ञ, ज्वैलरी मालिक, फिल्म इन्डस्ट्री के लोग—सब बेमायने रहे, सिवाय राग‑पिकर सानाल अमन के किरदार के।
India Today ने फ़िल्म को ‘पूरी तरह से मिसफ़ायर’ कहा, और इसे ‘असार्थक एक्शन‑हीस्ट फिक्शन’ बताया, जो कर्थि और रजु मुर्गन की पिथली (उम्मीद) को निराश करता है। दोनों कलाकारों के पिछले काम—कर्थि का ‘बॉस’ और रजु मुर्गन की ‘कॉकू’, ‘जॉकर’, ‘मेहंदी सर्कस’—को देखते हुए यह निराशाजनक माना गया।
ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म जैसे Letterboxd और IMDb पर दर्शकों की प्रतिक्रियाएं भी अधिकतर नकारात्मक रही। कई यूज़र्स ने फ़िल्म को कर्थि की ‘सबसे ख़राब फ़िल्म’ कहा, और कहानी को ‘बेतुका’, ‘स्क्रीनप्ले में खामियां’, ‘गाने भूल जाने वाले’, ‘पात्रों की कमी’ जैसे शब्दों से उजागर किया। कुछ ने यह भी कहा कि कर्थि का बॉडी लैंग्वेज, जो अक्सर उनका हथियार होता है, इस फ़िल्म में भी प्रभावशाली नहीं रहा।
फिर भी, कुछ फैंस ने कर्थि की कोशिश को सराहा और फ़िल्म के कुछ व्यंग्यात्मक दृश्यों को ‘हास्य का तड़का’ बताया। विशेषकर स्पूफ सीज़र और सामाजिक मुद्दों पर हल्के‑फुल्के टिप्पणियों को कुछ दर्शकों ने ‘इंटरेस्टिंग’ कहा।
फ़िल्म की संगीत तालिका में जीवी प्रकाश कुमार ने धुनें दीं, पर समीक्षकों ने कहा कि गानों का असर बहुत कम रहा और वे कहानी से ‘बिलकुल अलग’ दिखते हैं। साथी कलाकार—अनु इम्मानुएल, सुनील, जित्थन रामेश—की भूमिका भी ‘भूले‑भुलाए जाने वाली’ रही। कुल मिलाकर, ‘Japan’ ने कर्थि के कैरियर में एक निराशाजनक मोड़ दिया है, जबकि रजु मुर्गन के फ़िल्ममेकिंग प्रोफ़ाइल पर भी धुंधली छाप छोड़ गई है।
जब हम समग्र रूप से देखेँ, तो Japan फिल्म ने दर्शक व समीक्षक दोनों को एक ही सवाल के साथ छोड़ दिया: क्या कॉमेडी के साथ सामाजिक टिप्पणी को मिलाकर एक समरस हीस्ट कथा बनाई जा सकती है, या फिर यह केवल ‘सिल्लीनेस’ का मिश्रण है? बहस अभी जारी है, और यह फ़िल्म तमिल सिनेमा की मनोरंजन‑सामाजिक संतुलन पर बहस को फिर से ज्वलंत कर देती है।