कुट्टा आटा विषाक्तता से 200 से अधिक लोग अस्पताल पहुँचे, दिल्ली में नवरात्रि फास्टिंग के दौरान

विषाक्तता की लकीर
नवरात्रि के उत्सव में कई दिल्लीवाल अपने उपवास को कुट्टा आटे से बने व्यंजनों से पूरा करते हैं। इस साल के पाँचवें दिन, जयपुरपुरी, महेंद्र पार्क, सामायपूर, भाल्सवा डेयरी, लाल बाग और स्वरुप नगर जैसे क्षेत्रों में 200 से अधिक लोग बेतहाशा असुविधा के कारण अस्पताल पहुँचे। सुबह लगभग 6:10 बजे जयपुरपुरी पुलिस स्टेशन को कई सूचनाएँ मिलीं, जिनमें पेट में दर्द, उल्टी और हल्की डायरिया की शिकायतें शामिल थीं।
इन्हीं शिकायतों के बाद बी.जे.आर.एम. हॉस्पिटल के इमरजेंसी वार्ड में भीड़ जमा हो गई। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि प्रारम्भिक आँकड़े के अनुसार दो सैंकड़ से लेकर तीन सैंकड़ तक लोग उपचार हेतु आए हैं, जबकि लगभग 40 रोगियों को निगरानी के लिये भर्ती किया गया। अधिकांश रोगियों की स्थिति स्थिर थी और उनको किसी गंभीर उपचार की आवश्यकता नहीं पड़ी।
रोगियों ने बताया कि उन्होंने नवरात्रि के vrat के दौरान कुट्टा आटे से बनी रोटी, पकोड़े और हलवा ख़ाया था। इस आटे की अचानक उपलब्धता के चलते कई छोटे-छोटे विक्रेताओं ने बिना सही जांच के इसे बाजार में उतारा, जिससे सम्भावित मिलावट का खतरा बढ़ गया।

जाँच एवं प्रतिक्रिया
दिल्ली सरकार के खाद्य विभाग ने तुरंत जांच प्रारम्भ की और संदिग्ध आटे के नमूने लैब में भेजे। विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "हम सभी संभावित स्रोतों की पहचान कर रहे हैं, चाहे वह थोक विक्रेता हों या स्थानीय दुकानें। यदि मिलावट सिद्ध होती है तो कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।"
पुलिस ने भी इस मामले को शामिल कर उपभोक्ताओं को सतर्क करने के लिये सार्वजनिक घोषणा प्रणाली और पावरफुल बीट स्टाफ का प्रयोग किया। उन्होंने दुकानों को सख्त चेतावनी दी कि उपभोक्ताओं को सटीक लेबलिंग और शुद्धता के प्रमाण प्रदान करना अनिवार्य होगा। इस बीच, कई स्थानीय NGOs ने भी जागरूकता अभियानों को तेज किया, ताकि उपभोक्ता भविष्य में ऐसी स्थिति से बच सकें।
डॉक्टरों ने सलाह दी कि उपवास के दौरान यदि कोई अजनबी या अनजाने स्रोत से आटा ले रहे हों, तो उसकी गुणवत्ता की जाँच अवश्य करें। साधारण अल्कोहल टेस्ट या रंग परीक्षण से भी मिलावट की संकेत मिल सकते हैं। साथ ही, अगर पेट में दर्द, उल्टी या दस्त की तीव्रता बढ़ती दिखे, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
वर्तमान में, बी.जे.आर.एम. हॉस्पिटल ने बताया कि सभी रोगियों को परामर्श देना जारी है और उनका फॉलो‑अप किया जा रहा है। शहर के स्वास्थ्य विभाग ने इस घटना को एक चेतावनी के रूप में ले कर भविष्य में खाद्य सुरक्षा को सुदृढ़ करने के लिये अतिरिक्त निरीक्षण बैंड लगाए हैं।
fatima blakemore
सितंबर 24, 2025 AT 02:09कभू सोचा है कि रोज़मर्रा की छोटी‑छोटी चीज़ें हमारे शरीर के साथ किस तरह का करार बनाती हैं? नवरात्रि के दिन कई लोग कुट्टा आटा लेते हैं, लेकिन अगर वो साफ़ न हो तो असुविधा का कोड एरे बन जाता है। यही छोटी‑सी अनदेखी हमें बड़ा दर्द दे सकती है। तो शायद हमें अपनी थाली को थोड़ा और ज़्यादा सजग देखना चाहिए।