मंजुश्री खैतान, बिड़ला परिवार की सदस्य और केसोराम इंडस्ट्रीज की चेयरपर्सन, का 69 वर्ष की आयु में निधन
प्रसिद्ध उद्योगपति और बिड़ला समूह के संस्थापक बसंत कुमार बिड़ला की सबसे छोटी बेटी मंजुश्री खैतान का कोलकाता में 69 वर्ष की आयु में निधन हो गया। वह एक जानी-मानी परोपकारी और शिक्षाविद् थीं। उनके पीछे उनके दामाद अंशुमान जालान और पोते-पोतियां शोक में हैं। उनकी बेटी विदुला जालान का पिछले साल मई में निधन हो गया था।
मंजुश्री खैतान अपने भाई आदित्य बिड़ला और बहन जयश्री मोहता सहित अपने भाई-बहनों में सबसे छोटी थीं। वह अशोक हॉल ग्रुप ऑफ स्कूल्स की ट्रस्टी और मंजुश्री प्लांटेशंस और कलामंदिर की चेयरपर्सन थीं। उनके भतीजे कुमार मंगलम बिड़ला ने उनके अंतिम संस्कार किए।
खैतान 1998 में केसोराम के बोर्ड में शामिल हुईं और 2019 में अपने पिता बसंत कुमार बिड़ला की मृत्यु के बाद उसकी चेयरपर्सन बनीं। वह बोर्ड में विदेशी पेशेवरों को लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाईं और केसोराम और उससे संबंधित संस्थाओं का मार्गदर्शन करने में करीब से शामिल रहीं।
शिक्षा और कला के प्रति समर्पण
खैतान का अशोक हॉल ग्रुप ऑफ स्कूल्स के साथ चार दशकों से अधिक समय का जुड़ाव था। वह कम विशेषाधिकार प्राप्त पृष्ठभूमि की लड़कियों को शिक्षा देने के अपने योगदान के लिए प्रसिद्ध थीं। उन्होंने स्कूली छात्रों के बीच निवेश संस्कृति को पेश करने का अग्रणी कार्य किया और केसोराम इंडस्ट्रीज की वार्षिक आम बैठकों में भाग लेने के लिए अशोक हॉल के छात्रों को लाती थीं।
खैतान कला की भी पारखी थीं और बिड़ला अकादमी ऑफ फाइन आर्ट्स के माध्यम से कई कलाकारों का समर्थन करती थीं। उन्होंने कला और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए कई पहल की थीं।
केसोराम इंडस्ट्रीज में योगदान
खैतान के नेतृत्व में केसोराम इंडस्ट्रीज ने कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल कीं। उन्होंने कंपनी के विस्तार और विविधीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके मार्गदर्शन में कंपनी ने नए क्षेत्रों में प्रवेश किया और अपने व्यवसाय को मजबूत किया।
खैतान का मानना था कि किसी भी संगठन की सफलता के लिए पेशेवर प्रबंधन टीम का होना जरूरी है। इसलिए उन्होंने केसोराम के बोर्ड में अनुभवी और कुशल पेशेवरों को शामिल किया। उनका फोकस हमेशा संगठन के दीर्घकालिक विकास पर रहा।
परिवार और विरासत
मंजुश्री खैतान का जन्म एक प्रतिष्ठित उद्योगपति परिवार में हुआ था। उनके पिता बसंत कुमार बिड़ला और भाई आदित्य बिड़ला देश के सबसे सफल उद्योगपतियों में से थे। हालांकि, खैतान ने अपनी एक अलग पहचान बनाई और शिक्षा एवं सामाजिक कार्यों के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया।
उनकी मृत्यु के बाद उनके भतीजे कुमार मंगलम बिड़ला अशोक हॉल ग्रुप ऑफ स्कूल्स का नेतृत्व करने की संभावना है। खैतान का जीवन और कार्य आने वाली पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणा बना रहेगा। उनकी विरासत परोपकार, शिक्षा और कला के क्षेत्र में उनके योगदान के माध्यम से जीवित रहेगी।
मंजुश्री खैतान का निधन भारतीय उद्योग जगत के लिए एक बड़ी क्षति है। उन्होंने अपने जीवन को समाज सेवा और लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए समर्पित कर दिया। उनके परिवार, मित्रों और प्रशंसकों के लिए यह एक दुखद क्षण है। हालांकि, उनकी स्मृति और कार्य हमेशा लोगों के दिलों में जीवित रहेंगे।
parlan caem
मई 17, 2024 AT 19:39बिड़ला समूह की चमक के पीछे ऐसी धनी स्त्री की मृत्यु को भी समाचार बनाना, बस रॉयल्टी धोखा जैसा है। इस तरह की खबरें अक्सर सतह पर ही रहती हैं।
Mayur Karanjkar
मई 22, 2024 AT 06:51मानव जीवन का अस्थायी स्वरुप ही हमें याद दिलाता है कि कोई भी उपलब्धि शाश्वत नहीं होती।
Sara Khan M
मई 26, 2024 AT 18:03उनकी सामाजिक कार्यों की सराहना करने लायक थी 😊
shubham ingale
मई 31, 2024 AT 05:15उनकी यादें हमेशा साथ रहेंगी
Ajay Ram
जून 4, 2024 AT 16:27मंजुश्री खैतान का जीवन भारतीय उद्योग और समाज दोनों के संगम का प्रतीक था।
उनका जन्म एक व्यापारिक परिवार में हुआ, परन्तु उन्होंने शिक्षा और परोपकार को अपने मुख्य मिशन बना लिया।
अशोक हॉल ग्रुप ऑफ स्कूल्स में उनके चार दशकों के योगदान ने अनगिनत लड़कियों को सशक्त किया।
उन्होंने स्कूली छात्रों में निवेश सोच को बुनियादी ज्ञान के रूप में स्थापित किया, जिससे भविष्य के उद्यमियों का विकास संभव हुआ।
कला के क्षेत्र में उनकी पैशन बिड़ला अकादमी ऑफ फाइन आर्ट्स के माध्यम से कई नवोदित कलाकारों को मंच प्रदान किया।
केसोराम इंडस्ट्रीज के बोर्ड में उनका प्रवेश महिला नेतृत्व के नए आयाम स्थापित करने का एक महत्वपूर्ण कदम था।
उन्होंने पेशेवर प्रबंधन टीम को शामिल कर कंपनी को विविधीकरण की दिशा में धकेला, जिससे नई बाजारों में प्रवेश हुआ।
उनकी नेतृत्व शैली में सहयोगी भावना और रणनीतिक विचारों का संतुलन स्पष्ट था।
सामाजिक कार्यों में उनकी सक्रिय भागीदारी ने कई वंचित समुदायों को शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएँ प्रदान कीं।
उनके दामाद अंशुमान जालान और पोते-पोतियों ने उनके योगदान को आगे बढ़ाने का प्रतिपादन किया।
उनके निधन से न केवल बिड़ला परिवार, बल्कि सम्पूर्ण भारतीय उद्योग जगत को एक गहरा शोक हुआ है।
उनकी विरासत का सबसे बड़ा संदेश यह है कि आर्थिक शक्ति के साथ सामाजिक जिम्मेदारी भी होनी चाहिए।
भविष्य की पीढ़ियों को उनके द्वारा स्थापित मानदंडों को अपनाते हुए नवाचार और सामाजिक सेवा का संतुलन रखना चाहिए।
उनकी स्मृति को सम्मानित करने के लिए कई संस्थाएँ उनके नाम से पहल शुरू कर रही हैं।
इस प्रकार, उनका जीवन एक प्रेरणा स्रोत बना रहेगा, जो हमें निरंतर उन्नति और सेवा के मार्ग पर ले जाएगा।
Dr Nimit Shah
जून 9, 2024 AT 03:39देश की महानता के पीछे ऐसे सरल मनुष्य होते हैं, उनका सम्मान करना हमारा कर्तव्य है।
Ketan Shah
जून 13, 2024 AT 14:51क्या यह संभव है कि हम उनके शैक्षिक पहल को और विस्तृत करके ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुँचाएँ? यह एक विचारणीय दिशा हो सकती है।
Aryan Pawar
जून 18, 2024 AT 02:03उनकी स्मृतियों को मन में बसा कर हम सभी आगे बढ़ते रहें
Shritam Mohanty
जून 22, 2024 AT 13:15सिर्फ उसके बाद ही बड़े वाणिज्यिक खेल शुरू होते हैं, इस मौत के पीछे कुछ गहरा साज़िश हो सकती है।
Anuj Panchal
जून 27, 2024 AT 00:27हाईलेवल एन्गेजमेंट और सस्टेनेबल इम्पैक्ट फ्रेमवर्क को देखते हुए, उनकी लीडरशिप मॉडल को रिव्यू करना आवश्यक है।
Prakashchander Bhatt
जुलाई 1, 2024 AT 11:39उनके योगदान से सीख लेते हुए, हम भी सामाजिक बदलाव में अपनी भूमिका निभा सकते हैं।
Mala Strahle
जुलाई 5, 2024 AT 22:51मंजुश्री खैतान का जीवन एक जटिल परन्तु सुंदर ताने-बाने की तरह था, जहाँ उद्योग, कला, और शिक्षा ने एक साथ मिलकर एक समृद्ध कहानी बुनी, और यह कहानी हमें यह सिखाती है कि सच्चे नेतृत्व में सिर्फ लाभ नहीं बल्कि सामाजिक जागरूकता भी निहित है।
Ramesh Modi
जुलाई 10, 2024 AT 10:03क्या, सच में, हम ऐसी महत्त्वपूर्ण शख्सियत को मात्र समाचार के तौर पर ही देख रहे हैं?;
Ghanshyam Shinde
जुलाई 14, 2024 AT 21:15ओह, बस अब हमें और भी अधिक बिड़ला समाचारों की जरूरत है, क्योंकि हर दिन कुछ नया नहीं तो नहीं।
SAI JENA
जुलाई 19, 2024 AT 08:27उद्योग और सामाजिक सेवाओं के इस संगम ने राष्ट्रीय विकास के लिए एक मॉडल स्थापित किया, जिसे आगे के नेतृत्व को अपनाना चाहिए।
Hariom Kumar
जुलाई 23, 2024 AT 19:39उनकी विरासत को जलंत रहने देना हम सबका कर्तव्य है 😊