मंजुश्री खैतान, बिड़ला परिवार की सदस्य और केसोराम इंडस्ट्रीज की चेयरपर्सन, का 69 वर्ष की आयु में निधन
मई, 17 2024प्रसिद्ध उद्योगपति और बिड़ला समूह के संस्थापक बसंत कुमार बिड़ला की सबसे छोटी बेटी मंजुश्री खैतान का कोलकाता में 69 वर्ष की आयु में निधन हो गया। वह एक जानी-मानी परोपकारी और शिक्षाविद् थीं। उनके पीछे उनके दामाद अंशुमान जालान और पोते-पोतियां शोक में हैं। उनकी बेटी विदुला जालान का पिछले साल मई में निधन हो गया था।
मंजुश्री खैतान अपने भाई आदित्य बिड़ला और बहन जयश्री मोहता सहित अपने भाई-बहनों में सबसे छोटी थीं। वह अशोक हॉल ग्रुप ऑफ स्कूल्स की ट्रस्टी और मंजुश्री प्लांटेशंस और कलामंदिर की चेयरपर्सन थीं। उनके भतीजे कुमार मंगलम बिड़ला ने उनके अंतिम संस्कार किए।
खैतान 1998 में केसोराम के बोर्ड में शामिल हुईं और 2019 में अपने पिता बसंत कुमार बिड़ला की मृत्यु के बाद उसकी चेयरपर्सन बनीं। वह बोर्ड में विदेशी पेशेवरों को लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाईं और केसोराम और उससे संबंधित संस्थाओं का मार्गदर्शन करने में करीब से शामिल रहीं।
शिक्षा और कला के प्रति समर्पण
खैतान का अशोक हॉल ग्रुप ऑफ स्कूल्स के साथ चार दशकों से अधिक समय का जुड़ाव था। वह कम विशेषाधिकार प्राप्त पृष्ठभूमि की लड़कियों को शिक्षा देने के अपने योगदान के लिए प्रसिद्ध थीं। उन्होंने स्कूली छात्रों के बीच निवेश संस्कृति को पेश करने का अग्रणी कार्य किया और केसोराम इंडस्ट्रीज की वार्षिक आम बैठकों में भाग लेने के लिए अशोक हॉल के छात्रों को लाती थीं।
खैतान कला की भी पारखी थीं और बिड़ला अकादमी ऑफ फाइन आर्ट्स के माध्यम से कई कलाकारों का समर्थन करती थीं। उन्होंने कला और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए कई पहल की थीं।
केसोराम इंडस्ट्रीज में योगदान
खैतान के नेतृत्व में केसोराम इंडस्ट्रीज ने कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल कीं। उन्होंने कंपनी के विस्तार और विविधीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके मार्गदर्शन में कंपनी ने नए क्षेत्रों में प्रवेश किया और अपने व्यवसाय को मजबूत किया।
खैतान का मानना था कि किसी भी संगठन की सफलता के लिए पेशेवर प्रबंधन टीम का होना जरूरी है। इसलिए उन्होंने केसोराम के बोर्ड में अनुभवी और कुशल पेशेवरों को शामिल किया। उनका फोकस हमेशा संगठन के दीर्घकालिक विकास पर रहा।
परिवार और विरासत
मंजुश्री खैतान का जन्म एक प्रतिष्ठित उद्योगपति परिवार में हुआ था। उनके पिता बसंत कुमार बिड़ला और भाई आदित्य बिड़ला देश के सबसे सफल उद्योगपतियों में से थे। हालांकि, खैतान ने अपनी एक अलग पहचान बनाई और शिक्षा एवं सामाजिक कार्यों के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया।
उनकी मृत्यु के बाद उनके भतीजे कुमार मंगलम बिड़ला अशोक हॉल ग्रुप ऑफ स्कूल्स का नेतृत्व करने की संभावना है। खैतान का जीवन और कार्य आने वाली पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणा बना रहेगा। उनकी विरासत परोपकार, शिक्षा और कला के क्षेत्र में उनके योगदान के माध्यम से जीवित रहेगी।
मंजुश्री खैतान का निधन भारतीय उद्योग जगत के लिए एक बड़ी क्षति है। उन्होंने अपने जीवन को समाज सेवा और लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए समर्पित कर दिया। उनके परिवार, मित्रों और प्रशंसकों के लिए यह एक दुखद क्षण है। हालांकि, उनकी स्मृति और कार्य हमेशा लोगों के दिलों में जीवित रहेंगे।