मीडिया और फिल्म इंडस्ट्री के दिग्गज रामोजी राव नहीं रहे: क्या थे उनके योगदान और विरासत के मायने
जून, 8 2024रामोजी राव: एक दृष्टिकोणशील उद्यमी का सफर
16 नवंबर, 1936 को जन्मे चेयरुकुरी रामोजी राव एक ऐसा नाम है जो भारतीय मीडिया और फिल्म इंडस्ट्री में सदैव अमर रहेगा। 87 वर्ष की आयु में 8 जून, 2021 को हैंदराबाद के स्टार अस्पताल में उन्होंने अपनी अंतिम सांस ली। रामोजी राव एक ऐसे व्यक्तित्व थे जिन्होंने न केवल मीडिया और फिल्म उद्योग में नई क्रांति लाई बल्कि समाज सेवा में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया।
रामोजी फिल्म सिटी: सपना जो साकार हुआ
रामोजी राव की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक है रामोजी फिल्म सिटी, जो दुनिया की सबसे बड़ी फिल्म निर्माण सुविधाओं में से एक है। यह फिल्म सिटी न केवल भारतीय फिल्मों के लिए बल्कि अंतरराष्ट्रीय फिल्मों के लिए भी एक महत्वपूर्ण स्थान है। यहां हर साल अनगिनत फिल्मों, टीवी शो और विज्ञापनों की शूटिंग होती है।
इस फिल्म सिटी को 1996 में स्थापित किया गया था और यह लगभग 2000 एकड़ के क्षेत्र में फैली हुई है। इसमें विभिन्न प्रकार के सेट, गार्डन, होटल्स और अन्य सुविधाएं उपलब्ध हैं, जो किसी भी फिल्म या टीवी प्रोडक्शन के लिए आवश्यक होती हैं।
ईनाडु: सबसे बड़ा तेलुगू अखबार
रामोजी राव ने 1974 में ईनाडु अखबार की स्थापना की, जो अब तेलुगू भाषा का सबसे बड़ा सर्कुलेटिंग अखबार है। इस अखबार ने पत्रकारिता के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित किए और जनता की आवाज को प्रबल बनाया।
ETV नेटवर्क और अन्य उपक्रम
ईनाडु के अलावा, रामोजी राव के ईटीवी नेटवर्क का भी विशेष महत्व है। इस नेटवर्क में विभिन्न भाषाओं में कई टीवी चैनल शामिल हैं, जो विविध सामग्री प्रस्तुत करते हैं। इस नेटवर्क ने टीवी पत्रकारिता और मनोरंजन के क्षेत्र में नए मानदंड स्थापित किए हैं।
रामोजी ग्रुप के अंतर्गत मारगदर्शी चिट फंड, रामादेवी पब्लिक स्कूल, प्रिया फूड्स, कलंजली, उषाकिरण मूवीज और डॉल्फिन ग्रुप ऑफ होटल्स भी शामिल हैं। ये सभी उपक्रम उनकी व्यापारिक कुशलता और दूरदर्शिता को दर्शाते हैं।
कोरोना महामारी के दौरान योगदान
रामोजी राव ने न केवल उद्योग जगत में योगदान दिया, बल्कि समाज सेवा में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 2020 में कोरोना महामारी के दौरान उन्होंने तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री राहत कोष में 10-10 करोड़ रुपये का योगदान दिया।
सम्मान और पुरस्कार
रामोजी राव को 2016 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया, जो भारत का दूसरा सबसे बड़ा नागरिक पुरस्कार है। इसके अलावा उन्हें कई अन्य सम्मान और पुरस्कार भी मिल चुके हैं, जिनमें साहित्य, पत्रकारिता और मीडिया के क्षेत्र में उनके अभूतपूर्व योगदान को स्वीकारा गया है।
विरासत और प्रभाव
रामोजी राव ने जो विरासत छोड़ी है, वह आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी। उनकी दूरदर्शिता, उद्योग के प्रति उनकी निष्ठा और सामाजिक सेवा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता उन्हें एक अद्वितीय स्थान पर स्थापित करती है।
उनके निधन से भारतीय मीडिया और फिल्म उद्योग को अपूरणीय क्षति हुई है, लेकिन उनकी यादें और योगदान सदैव जीवित रहेंगे। उनकी जिदगी की कहानी यह बताती है कि कैसे एक व्यक्ति अपने संकल्प और परिश्रम से असंभव को संभव बना सकता है। रामोजी राव का जीवन और उनके कार्य हमें न केवल प्रेरित करते हैं, बल्कि हमें यह भी सिखाते हैं कि किसी भी उद्देश्य को स्थायी बनाने के लिए कितना मेहनत, नियोजन और दृढ़ निश्चय आवश्यक है।