फरीदाबाद में बाइक सवार को टक्कर मारने के वीडियो पर राजत दालाल का इनकार और विवादों का दौर

सोशल मीडिया में इन दिनों एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें फरीदाबाद के सड़कों पर एक कार सवार उच्च गति पर ड्राइव करता नजर आ रहा है। इस घटना के मुख्य किरदार है रजत दालाल, जो एक प्रसिद्ध सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर और विवादों के लिए जाने जाते हैं। वीडियो में देखा जा सकता है कि दालाल 140 किमी/घंटा की रफ्तार से कार चला रहे हैं, जबकि एक महिला यात्री बार-बार उनको धीमी गति पर ड्राइव करने की अपील करती है।
वीडियो में दर्दनाक दृश्य तब आता है जब दालाल की कार एक बाइक सवार को टक्कर मार देती है। हादसे के बाद भी, दालाल न तो गाड़ी रोकते हैं और न ही घायल बाइक सवार की मदद करते हैं। यह देखते हुए महिला यात्री उन्हें सूचित करती है, लेकिन दालाल जवाब में बड़े ही लापरवाह अंदाज में कहते हैं, ‘वो गिर गया तो कोई बात नहीं मैम’ और ‘रोज का यही काम है’।
पुराने विवाद और कानूनी मुसीबतें
यह कोई पहली बार नहीं है जब रजत दालाल कानूनी विवादों में घिरे हैं। इस वर्ष की शुरुआत में, अहमदाबाद पुलिस ने उन पर मारपीट, अभद्र व्यवहार और 18 वर्षीय एक लड़के के अपहरण के आरोप में गिरफ्तार किया था। उस लड़के ने दालाल के जिम में एक सेल्फी खींची थी और एक निराशाजनक कैप्शन डाला था। इसके बाद दालाल ने लड़के पर हमला किया और उसे अपमानजनक व्यवहार का शिकार बनाया।
सोशल मीडिया की प्रतिक्रिया और पुलिस की निष्क्रियता
भले ही मौजूदा वीडियो की उत्पत्ति स्पष्ट नहीं है और कोई शिकायत दर्ज नहीं की गई है, ट्विटर और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर इसे देखने वालों ने दालाल की गिरफ्तारी की मांग की है। हादसे के स्थान से संबंधित क्षेत्र की पुलिस भी इस मामले में कोई कार्रवाई करने से अब तक बच रही है।
रजत दालाल ने खुद इस वायरल वीडियो की प्रामाणिकता पर सवाल उठाए हैं। उनका दावा है कि यह वीडियो एडिट किया गया है और उन्हें बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया है।
सड़क सुरक्षा और जिम्मेदारी
यह घटना एक बार फिर से सड़क सुरक्षा की गंभीरता को उजागर करती है। उच्च गति पर ड्राइविंग, खासकर जब सड़कें बहुत अधिक भीड़भाड़ वाली हों, न केवल ड्राइवर के लिए बल्कि बाकी सब के लिए भी खतरनाक हो सकती है। दालाल की लापरवाही भरी ड्राइविंग और घटना के बाद का उनका रुख़ यह दिखाता है कि सार्वजनिक सड़कों पर जिम्मेदारी और सुरक्षापूर्ण व्यवहार कितना आवश्यक है।
फरीदाबाद की पुलिस ने इस मामले में जांच की संभावना को खारिज नहीं किया है, लेकिन अब तक कोई निश्चित कदम नहीं उठाया गया है। लोगों का दबाव लगातार बढ़ रहा है और इसकी वजह से भविष्य में कोई ठोस कार्रवाई संभव हो सकती है।
इस घटना के बाद से दालाल की सोशल मीडिया प्रोफाइल में भी लगातार निगरानी की जा रही है। जहां कुछ उनके पक्ष में बोल रहे हैं, वहीं अधिकांश लोग उनकी निंदा कर रहे हैं। दालाल के समर्थक इसे एक प्रोपेगैंडा करार दे रहे हैं, जबकि आलोचक इसे एक गंभीर अपराध मान रहे हैं।
आखिरकार, हमें क्या सीखना चाहिए?
इस घटना से हमें यह सीखना चाहिए कि सड़क पर किसी मसखरी या लापरवाही का हश्र क्या हो सकता है। सड़क सुरक्षा के नियमों का पालन करना हर किसी की जिम्मेदारी है और किसी की लापरवाही दूसरे की जिंदगी पर भारी पड़ सकती है। सोशल मीडिया पर वायरल होती ऐसी घटनाएं हमारे समाज में जागरूकता की जरूरत को भी दर्शाती हैं।
यदि रजत दालाल दोषी पाए जाते हैं, तो यह उन सभी नामचीन हस्तियों के लिए एक चेतावनी होगी जो कानून और नैतिकता की सीमाओं को पार करते हुए समाज के लिए गलत उदाहरण पेश करते हैं।
Vrushali Prabhu
अगस्त 30, 2024 AT 22:06इहां की सड़कों पर एतना तेज़ चलना बर्दास्त नहीं किया जा सकता, खासकर जब आसपास बहुत लोग हों। हमें सबको मिलके रोड सेफ़्टी को प्रमोट करना चाहिए।
अगर ड्राइवर थोडा सावधान रहेंगे, तो कई जानें बच सकती हैं।
parlan caem
अगस्त 30, 2024 AT 22:23ऐसे इन्फ्लुएंसर को सड़क पर कोई सम्मान नहीं, बिल्कुल बेइज्ज़ती। उनका लापरवाह बर्ताव शून्य सहिष्णुता का हक़दार नहीं।
Mayur Karanjkar
अगस्त 30, 2024 AT 22:40ट्रैफिक लिटिगेशन के दृष्टिकोण से यह अत्यधिक लापरवाही है।
Sara Khan M
अगस्त 30, 2024 AT 22:56ऐसे लोग समाज को तोड़ते हैं 🚫
shubham ingale
अगस्त 30, 2024 AT 23:13चलो सब मिलकर सड़क सुरक्षा को बढ़ावा दें 😊
Ajay Ram
अगस्त 30, 2024 AT 23:30फरीदाबाद में इस दुर्घटना ने हमें फिर से यह याद दिलाया कि तेज गति पर वाहन चलाना केवल व्यक्तिगत साहस नहीं, बल्कि सामाजिक दुर्दशा का कारण बन सकता है।
ट्रैफिक साइकोलॉजी के अनुसार, ड्राइवर का जोखिम ग्रेनिएशन सतत उच्च गति में बढ़ता है।
जब कोई चालक अपनी गाड़ी को 140 किमी/घंटा पर चलाता है, तो ब्रेकिंग दूरी अनिवार्य रूप से लंबी हो जाती है।
इस स्थिति में एक साधारण मोड़ भी मृत्युदंड जैसा हो सकता है।
सड़क सुरक्षा विशेषज्ञ लगातार कह रहे हैं कि गति सीमा का उल्लंघन करने वाले को सख्त दंड मिलना चाहिए।
कानूनी प्रावधानों में पहले से ही ऐसी कार्रवाई के लिए प्रावधान मौजूद हैं, पर कार्यान्वयन में कमी है।
पुलिस का निष्क्रिय रवैया अक्सर जनता में निराशा उत्पन्न करता है।
इसी निराशा को देखते हुए कई बार सोशल मीडिया पर वैक्सीन जैसी बातें उभरती हैं।
हालांकि, इस केस में इन्फ्लुएंसर रजत दालाल की भागीदारी ने सार्वजनिक भावनाओं को और तेज़ कर दिया।
उन्हें अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए पहले मदद करनी चाहिए थी, न कि लापरवाही दिखानी चाहिए थी।
भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए हमें रोड इन्फ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाना होगा, जैसे गति रडार और सिविल लाइसेंस पर सख्त जांच।
साथ ही, ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने के समय में सिमुलेशन टेस्ट को अनिवार्य किया जाना चाहिए।
सामाजिक स्तर पर, हमें जन जागरूकता अभियानों को लगातार चलाते रहना चाहिए।
स्कूलों में ट्रैफिक नियमों की शिक्षा को अनिवार्य बनाना एक अच्छा कदम होगा।
अंत में, यदि हम सब मिलकर इन उपायों को लागू करें तो ऐसी त्रासदियों को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
Dr Nimit Shah
अगस्त 30, 2024 AT 23:46हमारे देश में अटपटे इन्फ्लुएंसरों को बैन किया जाना चाहिए, यह हमारे सम्मान को ठेस पहुंचाता है।
Ketan Shah
अगस्त 31, 2024 AT 00:03भारतीय ट्रैफिक कोड के धारा 53 के अनुसार तेज गति पर वाहन चलाना दण्डनीय है।
Aryan Pawar
अगस्त 31, 2024 AT 00:20हां, सही कहा, हमें इस नियम का पालन करके सबकी सुरक्षा करनी चाहिए।
Shritam Mohanty
अगस्त 31, 2024 AT 00:36संभव है कि यह वीडियो सच्चाई को छुपाने के लिए कुचल कर बनाया गया हो, इसमें गुप्त संदेश हो सकते हैं।