फ्रांस में चुनाव की घोषणा कर मैक्रों ने खेला बड़ा दांव
जून, 11 2024फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने देश में एक आकस्मिक संसदीय चुनाव की घोषणा की है, जो कि एक बड़ी रणनीतिक दांव के रूप में देखा जा रहा है। यूरोपीय संसद चुनावों में नॅशनल रैली से मिली शर्मनाक हार के बाद मैक्रों ने अपनी इस चौंकाने वाली घोषणा से देश की राजनीति को नया मोड़ दे दिया है। मरीन ले पेन की नॅशनल रैली ने 31.37% वोट प्राप्त करके महत्वपूर्ण जीत दर्ज की है, जबकि मैक्रों की रिनेसां पार्टी केवल 14.6% वोट हासिल कर पाई है।
मैक्रों के लिए यह निर्णय किसी जोखिम से कम नहीं है। चुनावी घोषणा का मकसद शायद यह जानना है कि क्या फ्रांस वाकई में फऱ-राइट विचारधारा को सत्ता में देखना चाहता है या फिर यह महज एक विरोध प्रदर्शन था। ऐसा कहा जा रहा है कि मैक्रों 2027 के राष्ट्रपति चुनाव में मरीन ले पेन की संभावित जीत को रोकने के उद्देश्य से नॅशनल रैली को सत्ता की जिम्मेदारियों से रूबरू कराना चाहते हैं। यदि नॅशनल रैली चुनाव में जीतती है, तो संभवतः मैक्रों को नॅशनल रैली के प्रधान मंत्री के साथ कार्य करना पड़ सकता है, जो कि अभूतपूर्व होगा।
यह कदम न केवल राजनीतिक स्तर पर बल्कि सामाजिक स्तर पर भी फ्रांस के नागरिकों के बीच एक बड़ी हलचल पैदा कर रहा है। जहाँ कुछ लोग इसे खतरनाक कदम मानते हैं, वहीं कुछ लोग इसे स्थिति को नियंत्रित करने का साहसी प्रयास मान रहे हैं। विरोधाभासी विचारों के बीच फ्रांस की राजनीति एक नए मोड़ पर खड़ी दिखाई दे रही है।
इमैनुएल मैक्रों, जो 2017 में मात्र 39 वर्ष की आयु में राष्ट्रपति बने थे, उनके इस जोखिम भरे निर्णय ने सबको चौंका दिया है। इतिहास गवाह है कि मैक्रों हमेशा से ही जोखिम उठाने में विश्वास रखते हैं। उन्होंने इस बार फिर से एक बड़ा दांव खेला है, जिससे फ्रांस की राजनीतिक परिस्थितियों में एक बड़ा परिवर्तन आ सकता है।
चुनावी परिणाम जो भी हो, इस घोषणा ने यह साबित कर दिया है कि फ्रांस की राजनीति में मैक्रों किसी भी स्थिति का सामना करने को तैयार हैं। इस निर्णय के परिणामस्वरूप फ्रांस में सहवास की स्थिति उत्पन्न हो सकती है, जिसमें मैक्रों को नॅशनल रैली के प्रधान मंत्री के साथ काम करना होगा। ये परिणाम तब बहुत महत्वपूर्ण होंगे जब एक सत्तासीन और एक विपक्षी विचारधारा के बीच इतना बड़ा अंतर है।
फ्रांस की जनता इस चुनावी परिणाम का बड़ी बेसब्री से इंतजार कर रही है। आने वाला समय ही बताएगा कि यह चुनावी घोषणा कितनी सही साबित होती है और फ्रांस की राजनीति को किस दिशा में ले जाती है। फिलहाल, पूरा देश एक निर्णायक मोड़ पर खड़ा हुआ है और सभी की नजरें इमैनुएल मैक्रों के इस बड़े दांव पर टिकी हुई हैं।