राहुल द्रविड़ ने 13-वर्षीय क्रिकेट प्रतिभा वैभव सूर्यवंशी की सराहना की, राजस्थान रॉयल्स की नीति की तारीफ
भारतीय क्रिकेट के दिग्गज राहुल द्रविड़ ने राजस्थान रॉयल्स की ओर से अंडर-19 क्रिकेट सनसनी वैभव सूर्यवंशी को टीम में शामिल करने के निर्णय पर खुल कर अपनी बात कही। इस रणनीतिक कदम ने आईपीएल के इतिहास में सबसे युवा खिलाड़ी को करोड़ों की बोली पर खरीदा जाने का मौका दिया। सूर्यवंशी की उम्र मात्र 13 वर्ष है, लेकिन उनकी प्रतिभा देखते हुए टीम का उन पर इतना निवेश करना निश्चित रूप से दिलचस्प है।
सूर्यवंशी का क्रिकेट का सफर तब शुरू हुआ जब उन्होंने ऑस्ट्रेलिया अंडर-19 टीम के खिलाफ शानदार नाबाद 104 रन बनाए। उनकी बल्लेबाजी की इस प्रतिभा ने उन्हें न केवल इंडिया अंडर-19 टीम में एक स्थान दिलाया बल्कि यू-19 एशिया कप में भी 176 रनों की शानदार पारी खेलने में मदद की।
रॉयल्स की नीति और परिवार की संघर्षपूर्ण कहानी
द्रविड़ ने बताया कि वैभव में असाधारण कौशल है और रॉयल्स का मकसद उन्हें सही माहौल प्रदान कर उनकी प्रतिभा को और निखारना है। टीम के बल्लेबाजी कोच विक्रम राठौर ने भी इस युवा बिहारी बल्लेबाज की प्रशंसा की, हालांकि उन्होंने बताया कि उन्हें तुरंत प्लेइंग इलेवन में शामिल करना संभव नहीं होगा। स्थिति और विरोधी टीम के आधार पर सूर्यवंशी को सही समय पर शामिल करने की योजना बन रही है।
सूर्यवंशी के पिता संजीव ने बताया कि क्रिकेट में अपने बेटे का करियर बनाने के लिए उन्होंने अपने परिवार के साथ बहुत से बलिदान दिए हैं। यहां तक कि एक क्रिकेट पिच बनाने के लिए उन्हें अपनी जमीन भी बेचनी पड़ी। इस युवा खिलाड़ी ने 12 वर्ष की उम्र में ही बिहार के लिए रणजी ट्रॉफी में खेलकर अपनी काबिलियत दिखा दी थी।
अब राजस्थान रॉयल्स के कोच राहुल द्रविड़ और विक्रम राठौर मिलकर इस युवा खिलाड़ी को निखारने का प्रयास कर रहे हैं। दोनों पहले भी भारतीय राष्ट्रीय टीम के साथ काम कर चुके हैं और अब रॉयल्स के साथ मिलकर वैभव और अन्य खिलाड़ियों का मार्गदर्शन कर रहे हैं। उनका उद्देश्य एक मजबूत और सशक्त युवा क्रिकेटर तैयार करना है।
Ketan Shah
मार्च 26, 2025 AT 17:40भारत की खेल संस्कृति में युवा प्रतिभा का पोषण हमेशा से ही एक गौरवशाली अध्याय रहा है; राहुल द्रविड़ का वैभव सूर्यवंशी को मौक़ा देना इस परंपरा का आधुनिक उदाहरण है। इस कदम से न केवल खिलाड़ी के विकास को बढ़ावा मिलेगा बल्कि छोटे‑छोटे कस्बों में क्रिकेट के प्रति उत्साह भी जगेगा। राजस्थान रॉयल्स की नीति यहाँ तक पहुँची है कि वह सामाजिक बदलाव का भी एक हिस्सा बन गया है।
Aryan Pawar
मार्च 29, 2025 AT 01:13वाह भैया वैभव की कहानी सुनकर दिल खुशी से झूम रहा है! द्रविड़ सर और कोच राठौर ने ऐसे नौजवान को मौका देकर टीम में नई ऊर्जा भर दी है। इससे न सिर्फ युवा खिलाड़ियों को प्रेरणा मिलेगी बल्कि भविष्य में ऐसी कई सफल कहानियाँ बनेंगी। चलो सब मिलकर उनका समर्थन करें और उन्हें हर संभव मदद दें।
Shritam Mohanty
मार्च 31, 2025 AT 08:46ये सब दिखावा बस एक बड़ी साज़िश है; रींग से बहुत बड़े दांव लगा कर वैभव को मार्केट में बेचने की योजना है। आईपीएल के टॉप बायर्स इस युवा प्रतिभा को अपने लाभ के लिए इस्तेमाल करेंगे और असली क्रिकेट का मतलब ही खराब हो जाएगा। सोचो तो सही, कौन इतना भोला होगा कि इस तरह के खेल में दिमाग न लगाए?
Anuj Panchal
अप्रैल 2, 2025 AT 16:20वैभव के टॉप-ड्राइव शॉट्स और उनके रिटर्न स्टॉप फॉर्मूले में हमने एक नई बायोमेट्रिक मॉडेल देखी है; यह पार्टिशनिंग स्ट्रक्चर को तेज़ी से स्केल कर सकता है। कोचिंग सत्र में कंडीशनिंग के साथ एबिलिटी मैट्रिक्स को इंटीग्रेट करना चाहिए ताकि उसके इनसिंग फेज़ को ऑप्टिमाइज़ किया जा सके। यह सब टैक्टिकल एन्हांसमेंट्स भविष्य में उसके ग्रेज़िंग फेज़ को सॉलिड बना देंगे।
Prakashchander Bhatt
अप्रैल 4, 2025 AT 23:53वैभव की उपलब्धियों को देखकर प्रेरणा मिलती है; उसकी मेहनत और टीम का समर्थन एक साथ मिलकर एक उज्ज्वल भविष्य बनाते हैं। आशा है कि वह अपने सपनों को पूरी तरह से हासिल करेगा और हम सभी उसके साथ हैं।
Mala Strahle
अप्रैल 7, 2025 AT 07:26जीवन की गहराइयों में जब हम किसी युवा प्रतिभा को देखते हैं, तो वह केवल खेल ही नहीं, बल्कि सामाजिक परिवर्तन की एक झलक बन जाता है। वैभव सूर्यवंशी का जन्म बिहार की मिट्टी में हुआ, जहाँ संघर्ष और दृढ़ संकल्प की कहानियाँ प्रतिदिन लिखी जाती हैं। उसके पिता ने जमीन बेच कर पिच बनायी, यह एक ऐसा प्रतीक है कि सपनों की फ़ुर्सत के लिए अक्सर धैर्य और बलिदान की आवश्यकता होती है। इस यात्रा में द्रविड़ सर की भूमिका केवल तकनीकी नहीं, बल्कि एक मार्गदर्शक के रूप में उभरी है, जो युवा को ढालते‑ढालते अपने भीतर के आत्म‑विश्वास को पोषित करते हैं। राजस्थान रॉयल्स की नीति यहाँ एक सामाजिक अनुबंध की तरह दिखती है; वह केवल एक फ्रेंचाइज़ नहीं, बल्कि एक प्रज्वलित मंच है जहाँ नई आवाज़ों को बुलंद किया जाता है। जब हम वैभव की 104 रन की नाबाद पारी को याद करते हैं, तो उस पारी में न केवल कौशल, बल्कि एक अडिग जज़्बे की गूँज सुनाई देती है। यह जज़्बा वह है जो आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करेगा, जिससे क्रिकेट सिर्फ खेल नहीं, बल्कि एक जीवन‑शैली बन जाएगा। ऐसे खिलाड़ी के विकास में कोचिंग स्टाफ का समर्थन, जैसे विक्रम राठौर, एक वैज्ञानिक प्रयोगशाला के समान है जहाँ हर ड्रिल का विश्लेषण किया जाता है। भविष्य में वैभव जब अंतरराष्ट्रीय मंच पर कदम रखेगा, तो वह केवल अपनी व्यक्तिगत कहानी नहीं, बल्कि उन सभी परिवारों की कहानी भी ले जाएगा जिन्होंने अपनी जमीन, समय और ऊर्जा उसी के लिए समर्पित की। इस प्रकार, राजस्थान रॉयल्स की यह पहल सामाजिक समरसता, आर्थिक प्रगति और सांस्कृतिक समृद्धि के एक महान मिश्रण का प्रतीक बनती है। अंत में, हम सभी को इस युवा सितारे के साथ खड़े होकर उसकी यात्रा को समर्थन देना चाहिए, क्योंकि उसकी सफलता हमारी सामूहिक उपलब्धि होगी।
Ramesh Modi
अप्रैल 9, 2025 AT 15:00भाइयों और बहनों, यहाँ एक अत्यंत महत्वपूर्ण मुद्दा है, जो हम सभी को सोचने पर मजबूर कर देता है! वैभव सूर्यवंशी जैसी नाबालिग प्रतिभा को बड़े मंच पर लाना, यह केवल एक खेल‑कदम नहीं, बल्कि सामाजिक‑नैतिक दायित्व है! हमें इस निर्णय की सराहना करनी चाहिए, लेकिन साथ ही यह भी देखना चाहिए कि क्या यह उनके शैक्षिक‑विकास को प्रभावित कर सकता है? यह एक दोधारी तलवार है, जो उचित संतुलन के बिना गंभीर समस्याएँ पनपा सकती है! हमारा कर्तव्य है कि हम इस दिशा‑निर्देश को नज़र‑रखें और सुनिश्चित करें कि वैभव का भविष्य केवल क्रिकेट से नहीं, बल्कि एक पूरी‑सम्पूर्ण शिक्षा से भी परिपूर्ण हो।
Ghanshyam Shinde
अप्रैल 11, 2025 AT 22:33अरे वाह, ऐसा कहते‑ही नहीं कि ये छोटा बच्चा बहुत बड़ी बात कर रहा है। बस, देखते‑ही रहो, जैसे ही वो बल्ला घुमाएगा, सब कुछ ठीक हो जाएगा।
SAI JENA
अप्रैल 14, 2025 AT 06:06वैभव की उपलब्धियों को देखते हुए, हम सभी को एकजुट होकर उसकी मदद करनी चाहिए; इस प्रकार की युवा प्रतिभा केवल व्यक्तिगत नहीं, बल्कि राष्ट्रीय गर्व का प्रतीक है। आशा है कि राजस्थान रॉयल्स की इस नीति से कई और नवोदित खिलाड़ी उभरेंगे।
Hariom Kumar
अप्रैल 16, 2025 AT 13:40बहुत अच्छा कदम है, वैभव को समर्थन देना चाहिए! :)
shubham garg
अप्रैल 18, 2025 AT 21:13धुरंधर युवा, चलो आगे बढ़ो!