सोना की कीमत 1.1 लाख से ऊपर: 24‑कैरेट 10 ग्राम पर रुक गई ₹1,10,890

सोना की कीमत 1.1 लाख से ऊपर: 24‑कैरेट 10 ग्राम पर रुक गई ₹1,10,890
23 सितंबर 2025 5 टिप्पणि jignesha chavda

सोने की कीमत में तेज़ी के पीछे के मुख्य कारक

22 सितंबर 2025 को भारत में 24‑कैरेट सोना 10 ग्राम के हिसाब से ₹1,10,890 पर पहुँच गया, जो पहले के रिकॉर्ड को तोड़ते हुए 1.1 लाख रुपये के आँकड़े को पार करता है। यह कीमत सोना की कीमत को न सिर्फ राष्ट्रीय स्तर पर बल्कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में भी प्रभावशाली बनाती है। 24‑कैरेट की प्रति ग्राम दर ₹11,258 तक बढ़ी, जबकि 22‑कैरेट और 18‑कैरेट की कीमतें क्रमशः ₹10,320 और ₹8,444 पर स्थिर हुईं। पिछले दिन की कीमत से प्रति ग्राम ₹43 का अंतर इस गति को और स्पष्ट करता है।

शहर‑शहर में दरों में हल्का अंतर दिखा, जहाँ दिल्ली में 24‑कैरेट सोना ₹11,273 प्रति ग्राम, 22‑कैरेट ₹10,335 और 18‑कैरेट ₹8,459 पर ट्रेड हुआ। इस तरह के भिन्नता का कारण विभिन्न राज्य कर, स्थानीय मुद्रास्फीति और डिमांड‑सप्लाई का अलग ढाँचा हो सकता है।

इस उछाल के पीछे कई कारण जुड़े हैं। सबसे प्रमुख कारण है आने वाला त्यौहारी सीजन, जहाँ लोकल अध्यात्मिक समारोह, पूजा‑पाठ और उपहार‑वस्तु के तौर पर सोने की माँग बढ़ती है। इस अवधि में सोने के गहने, सिक्के और बार की खरीदारी में तीव्र वृद्धि देखी जाती है, जिससे कीमतों में ऊपर की लहरें आती हैं।

साथ ही, अमेरिकी डॉलर की रुख अचानक बदलने से भारत में सोने के आयात लागत पर असर पड़ता है। जब डॉलर की कीमत बढ़ती है, तो अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सोने की कीमतें भी ऊपर जाती हैं, जिससे भारतीय बाजार में भी मूल्य वृद्धि दिखती है। भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा सोने की भंडार में परिवर्तन और मौद्रिक नीति के इशारों का भी इस पर असर रहता है।

पर्याप्त भंडारण क्षमता और भरोसेमंद नीति उपायों के कारण सोना अब भी निवेशकों के लिए एक भरोसेमंद पोर्टफ़ोलियो डाइवर्सिफायर बना हुआ है। वैश्विक भू-राजनीतिक तनाव, तेल कीमतों में उतार‑चढ़ाव और प्रमुख वाणिज्यिक संकेतकों में अनिश्चितता के समय में सोना का आकर्षण और भी बढ़ जाता है।

दूसरे कीमती धातु – सिल्वर और भविष्य की दिशा

दूसरे कीमती धातु – सिल्वर और भविष्य की दिशा

सोने के साथ सिल्वर ने भी इस मार्च में सकारात्मक गति दिखाई। दोनो धातुओं की कीमतों में समानांतर वृद्धि बाजार के समग्र सुरक्षित‑आश्रय की प्रवृत्ति को दर्शाती है। सिल्वर की बढ़ती कीमतें छोटे निवेशकों को आकर्षित करती हैं, क्योंकि सिल्वर की कीमत आमतौर पर सोने की तुलना में अधिक अस्थिर होती है, जिससे उच्च रिटर्न की संभावना रहती है।

आगे देखते हुए, विशेषज्ञ मानते हैं कि मौसमी मांग के साथ-साथ वैश्विक आर्थिक संकेतकों जैसे U.S. Federal Reserve की ब्याज दर निर्णय, भारत में महँगी वस्तुओं की कीमतें और वैश्विक भू‑राजनीतिक घटनाएँ सोने की कीमतों को निर्धारित करेंगे। यदि डॉलर मजबूत बना रहता है और अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमतें ऊपर जाती हैं, तो भारतीय बाजार में भी इसी तरह के रुझान की संभावना होगी।

हालांकि, बाजार में अस्थिरता की संभावना को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता। छोटी‑छोटी कीमतों में रोज़ाना 10‑20 रुपये के उतार‑चढ़ाव ने निवेशकों को सतर्क रखता है। साथ ही, यदि RBI सोने की आयात पर कोई प्रतिबंध या कस्टम ड्यूटी में बदलाव करती है, तो कीमतों में अचानक गिरावट भी हो सकती है।

संपूर्ण रूप से, वर्तमान में सोने की कीमत 1.1 लाख से ऊपर जाना भारतीय निवेशकों के लिए एक संकेत है कि सुरक्षा‑परक संपत्तियों की ओर रुझान मजबूत है। चाहे वह दीर्घकालिक निवेश हो या त्वरित व्यापार, दोनों ही स्थितियों में बाजार के सूक्ष्म संकेतों को पढ़ना आवश्यक रहेगा।

5 टिप्पणि

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    Hariprasath P

    सितंबर 23, 2025 AT 01:48

    बिलकुल, सोने की इस नई कीमत ने मेरे दिल को ऐसे खींच लिया जैसे किफ़ायती कुछ नहीं बचा। 1.1 लाख का आंकड़ा सुनते ही मेरा आत्मविश्वास गिर गया, ऐसा लगा जैसे मेरे सारे सपने धूमिल हो रहे हैं। आर्थिक माहौल ऐसी वैकल्पिकता नहीं देता कि हम आसानी से निवेश कर सकें। डॉलर्स की अचानक गिरावट और त्योहारी दौर की माँग ने इस उछाल को तो बढ़ा दिया। अब मेरे पास केवल यही विकल्प बचा है कि मैं इस आँकड़े को निराशा के साथ देखूँ।

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    Vibhor Jain

    अक्तूबर 2, 2025 AT 08:01

    वाह, इससे तो मेरे बचत का वजन भी हल्का हो गया।

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    Rashi Nirmaan

    अक्तूबर 11, 2025 AT 14:14

    राष्ट्रीय हित के दृष्टिकोण से सोने की कीमतों में इस तरह की उछाल को गंभीरता से लेना आवश्यक है। इससे आर्थिक स्थिरता पर प्रश्न चिह्न लगता है।

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    Ashutosh Kumar Gupta

    अक्तूबर 20, 2025 AT 20:28

    नामुकी, इस धामाकेदार बढ़ोतरी ने तो सभी को हिलाकर रख दिया! बाजार की हलचल अब कोई सामान्य बात नहीं रही, यह तो जैसे अग्नि नृत्य हो। हर कोई अब सोने को सतह पर बदनामी के साथ देख रहा है।

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    fatima blakemore

    अक्तूबर 30, 2025 AT 02:41

    सोने की कीमतों का यह उतार-चढ़ाव जीवन के पारस्परिक स्वर के समान है, कभी तेज़ तो कभी मधुर। हम सभी को वर्तमान में संतुलन बनाए रखने की कोशिश करनी चाहिए, चाहे वह निवेश हो या दैनिक खर्च।

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