स्विगी आईपीओ आवंटन स्थिति जारी: सूचीबद्धता तिथि से पहले जीएमपी का संकेत

स्विगी का आईपीओ: बाजार में लिस्टिंग से पहले की स्थिति
स्विगी के प्रारंभिक सार्वजनिक प्रस्ताव (आईपीओ) की आवंटन स्थिति घोषित कर दी गई है, जिसका भारतीय निवेशकों को बेसब्री से इंतजार था। यह आईपीओ 13 नवंबर 2024 को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) पर सूचीबद्ध होने जा रहा है। इस आईपीओ के तहत स्विगी ने 11,327 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा था और यह 3.59 गुना अधिक सब्सक्राइब हुआ है। यह दर्शाता है कि निवेशकों ने इसमें बड़ी रुचि दिखाई है, विशेषकर योग्य संस्थागत खरीदार (क्यूआईबी) ने इसमें प्रमुख भूमिका निभाई, जिन्होंने इसे 6.02 गुना न्यूनतम राशि में सब्सक्राइब किया। गैर-संस्थागत निवेशकों ने इसे 10.41 गुना सब्सक्राइब किया, जबकि खुदरा निवेशकों ने इसे सामान्य से कम 1.14 गुना सब्सक्राइब किया।
कर्मचारी आरक्षित भाग और जीएमपी
स्विगी ने अपने कर्मचारियों के लिए आरक्षित हिस्से में भी 1.65 गुना सब्सक्रिप्शन देखा। इसका मतलब है कि कंपनी ने विभिन्न श्रेणियों के निवेशकों से अच्छा रिस्पॉन्स प्राप्त किया, जो इसकी वित्तीय स्थिति को मजबूत बना सकता है। हालांकि, जो एक महत्वपूर्ण बिंदु है, वह है ग्रे मार्केट प्रीमियम (जीएमपी)। स्विगी के शेयर का जीएमपी बेहद मामूली है, जो इसके आईपीओ मूल्यों के मात्र ₹1 प्रीमियम पर ट्रेड कर रहा है। जब आईपीओ की कीमत ₹390 है तो यह सिर्फ 0.26% बढ़त को दर्शाता है, जो यह बताता है कि इसकी लिस्टिंग संभावित रूप से ₹391 के आसपास होगी, जो बहुत उत्साहित नहीं है।

आईपीओ आवंटन स्थिति की जाँच कैसे करें
निवेशकों के लिए अपने आईपीओ आवंटन की स्थिति की जांच करना अत्यंत आवश्यक है, ताकि वे जान सकें कि उन्हें कितने शेयर मिले हैं। इसके लिए, वे बीएसई की वेबसाइट पर जा सकते हैं और आईपीओ नाम (स्विगी आईपीओ) का चयन कर अपने आवेदन या पैन नंबर का उपयोग कर सकते हैं। इसके अलावा, लिंक इनटाइम इंडिया की वेबसाइट पर जा सकते हैं, जहाँ से 'स्विगी आईपीओ' को चुनकर और पैन विवरण डालकर अपनी स्थिति की जांच कर सकते हैं। एनएसई की आईपीओ पोर्टल पर जाकर भी उसी प्रक्रिया का पालन किया जा सकता है।
आईपीओ से प्राप्त धन के उपयोग
स्विगी आईपीओ से प्राप्त राशि का मुख्य उद्देश्य कंपनी की विभिन्न व्यवसायिक आवश्यकताओं को पूरा करना है। इनमें स्विगी की महत्वपूर्ण सहायक कंपनी स्कूटसी में निवेश, प्रौद्योगिकी बुनियादी ढांचे में सुधार, ब्रांड मार्केटिंग, और व्यापारिक प्रोन्नति शामिल हैं। अगले चार से पांच सालों के दौरान, ये निवेश कंपनी की विकास दिशा को अत्यधिक लाभकारी बना सकते हैं। हालांकि, कंपनी की वित्तीय स्थिति अभी भी चुनौतीपूर्ण बनी हुई है, क्योंकि वित्तीय वर्ष 2024 में उसे 2,350 करोड़ रुपये का नुकसान का सामना करना पड़ा है, लेकिन उसकी आय में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है, जो कि 11,247 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है।
स्विगी के आर्थिक भविष्य और इसकी प्रतिस्पर्धा की दिशा में यह आईपीओ एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है, जहाँ कंपनी न केवल अपनी बाजार में उपस्थिति को मजबूत करने का प्रयास कर रही है, बल्कि नई तकनीकी पहलों और व्यवसायिक अवसरों का भी दोहन कर रही है। यह देखना रोचक होगा कि यह संभावित निवेशकों के लिए कितना लाभकारी साबित होता है और कंपनी के दीर्घकालिक लाभांश कैसे सुनिश्चित करता है।
Santosh Sharma
नवंबर 13, 2024 AT 03:07स्विगी का आईपीओ अंततः सामने आया है और सब्सक्रिप्शन की आँकड़े बहुत उत्साहजनक हैं। 3.59 गुना सब्सक्राइब होना दर्शाता है कि निवेशकों की मांग बहुत अधिक थी। संस्थागत और गैर-संस्थागत दोनों वर्गों ने भारी रुचि दिखाई है। इस आँकड़े से यह स्पष्ट है कि लिस्टिंग के बाद शेयरों में तरलता अच्छी रह सकती है।
yatharth chandrakar
नवंबर 21, 2024 AT 05:34सच्चाई यह है कि क्यूआईबी की हिस्सेदारी 6.02 गुना तक पहुँच गई, जो संस्थागत भरोसे का प्रतीक है। गैर‑संस्थागत निवेशकों ने भी 10.41 गुना सब्सक्राइब किया, इससे स्पष्ट होता है कि भारतीय खुदरा वर्ग भी इस डील को महत्व देता है। कर्मचारियों के लिए आरक्षित हिस्से में 1.65 गुना सब्सक्रिप्शन दिखाता है कि आंतरिक भरोसा भी मजबूत है। ग्रे मार्केट प्रीमियम (जीएमपी) केवल ₹1 है, जो लिस्टिंग के बाद शेयर की कीमत में बहुत बड़ी बढ़ोतरी की उम्मीद नहीं रखता। इससे यह संकेत मिलता है कि प्रथम ट्रेडिंग दिन में बहुत ज्यादा उत्साह नहीं होगा। फिर भी, यह सब्सक्रिप्शन के आँकड़े कंपनी की पूँजी बाजार में विश्वसनीयता को बदलते नहीं।
Vrushali Prabhu
नवंबर 29, 2024 AT 08:00वाह! स्विगी के आईपीओ को तो सब ने बड़े धूमधाम से देखा। सबस्क्रिप्शन की रेटिंग देख के बड़ा मज़ा आया। थोडा टाइपो हो गया पर कोई बात नहीं।
parlan caem
दिसंबर 7, 2024 AT 10:27सब्सक्रिप्शन की आँकड़े तो बढ़िया हैं, पर ग्रे मार्केट प्रीमियम इतना कम है तो निवेशकों को क्यों आकर्षित नहीं करेगा? ऐसा लग रहा है जैसे सब कुछ सही दिखा रहे हैं, लेकिन असली मूल्य नहीं।
Mayur Karanjkar
दिसंबर 15, 2024 AT 12:54ब्रह्मांडीय स्तर पर देखे तो आईपीओ का मूल्यांकन एक प्रकार की सामाजिक मुद्रा बन गया है। अब इसे देखें तो यह आर्थिक संरचना में एक नोड की तरह कार्य करेगा।
Sara Khan M
दिसंबर 23, 2024 AT 15:20👍🚀
shubham ingale
दिसंबर 31, 2024 AT 17:47स्विगी का आईपीओ बड़े सारे लोगों को आशा देता है अरे भाई आगे क्या होगा देखना बाकी है
Ajay Ram
जनवरी 8, 2025 AT 20:14स्विगी का आईपीओ न केवल वित्तीय बाजार में एक नया अध्याय लिख रहा है, बल्कि यह भारतीय टेक इकोसिस्टम के विकास में भी एक महत्वपूर्ण मोड़ है। सबसे पहले, इस इंट्रोडक्शन के पीछे की रणनीतिक योजना को समझना ज़रूरी है: कंपनी ने स्कूटसी जैसी सहायक इकाइयों में निवेश करके अपने लॉजिस्टिक नेटवर्क को सुदृढ़ करने का इरादा जताया है, जिससे डिलीवरी की गति और विश्वसनीयता दोनों में सुधार होगा। दूसरे, प्रौद्योगिकी बुनियादी ढांचे में निवेश का उद्देश्य डेटा‑ड्रिवन निर्णय लेने की क्षमता को बढ़ाना है, जिससे ग्राहक अनुभव को व्यक्तिगत बनाकर बनाए रखा जा सके। तीसरे, ब्रांड मार्केटिंग में भारी पूँजी लगाकर स्विगी अपने उपयोगकर्ता आधार को विस्तृत करने की कोशिश कर रहा है, जिससे न केवल बड़े शहरों में बल्कि छोटे कस्बों में भी इसकी पैठ बढ़ेगी।
चौथे चरण में, कंपनी ने उल्लेख किया है कि अगले चार‑पाँच सालों में यह निवेश न केवल राजस्व को दो‑तीन गुना बढ़ा सकता है, बल्कि लाभप्रदता की दिशा में भी सकारात्मक संकेत दे सकता है। हालांकि, वित्तीय वर्ष 2024 में 2,350 करोड़ रुपए का नुकसान अभी भी चुनौतियों को दर्शाता है, पर आय में 11,247 करोड़ रुपए तक का विस्तार एक साहसिक कदम है।
पाँचवें बिंदु पर, ग्रे मार्केट प्रीमियम (जीएमपी) के अत्यल्प मूल्य को देखते हुए यह स्पष्ट हो रहा है कि पहले ट्रे़डिंग डेज़ में शेयर की कीमत बहुत अधिक नहीं बढ़ेगी, जिससे शुरुआती निवेशकों को कम जोखिम के साथ भाग लेने का मौका मिलेगा।
छठे, कर्मचारियों के लिए आरक्षित हिस्से में 1.65 गुना सब्सक्रिप्शन दर्शाता है कि कंपनी के भीतर आत्मविश्वास और वैकल्पिक परिप्रेक्ष्य मजबूत हैं, जो दीर्घकालिक सहयोग को बढ़ावा देता है।
सातवें, भारतीय उपभोक्ता बाजार की विशालता और विविधता को देखते हुए स्विगी को एंगेजमेंट मॉडल को स्थानीय संस्कृति के अनुसार अनुकूलित करना पड़ेगा, ताकि ग्राहक की निष्ठा को मजबूत किया जा सके।
आठवें, इस आईपीओ के बाद कंपनी को नियामकों की नजर में भी रहना पड़ेगा, जिससे पारदर्शिता और कॉर्पोरेट गवर्नेंस के मानकों को बनाए रखना आवश्यक हो जाएगा।
नौवें, इस वित्तीय कदम के साथ कंपनी को अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धियों, जैसे ज़ोमैटो और ओला फूड्स, के साथ तेज़ी से प्रतिस्पर्धा करने की आवश्यकता होगी, इसलिए नवाचार और सेवा गुणवत्ता में निरंतर सुधार आवश्यक है।
दसवें, इस पूँजी जुटाने से स्विगी को संभावित M&A अवसरों का भी लाभ मिलेगा, जिससे वह अपने पोर्टफ़ोलियो को विविधीकृत कर सकते हैं।
ग्यारहवें, अंत में, निवेशकों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि आईपीओ केवल एक प्रारंभिक बिंदु है; वास्तविक रिटर्न तो कंपनी के संचालनात्मक प्रदर्शन और बाज़ार की माँग पर निर्भर करेगा।
Dr Nimit Shah
जनवरी 16, 2025 AT 22:40देशभक्त मानो स्विगी को लीडर बना दें, लेकिन अगर लिस्टेड प्राइस में फ्रीज हो तो सबका काम कैसे चलेगा? दिमाग़ में थोड़ा लाडला सोच है लेकिन ठीक ही है।
Ketan Shah
जनवरी 25, 2025 AT 01:07सिर्फ़ कीमत नहीं, बल्कि इसके बाद के लिक्विडिटी मैकेनिज़्म, ट्रेडिंग वॉल्यूम और शेयर‑होल्डर एंगेजमेंट को देखना ज़रूरी है। इन पहलुओं को समझकर ही हम सही निवेश निर्णय ले सकते हैं।
Aryan Pawar
फ़रवरी 2, 2025 AT 03:34स्विगी के आईपीओ के आँकड़े दिखाते हैं कि बाज़ार में उसकी संभावना मजबूत है। लेकिन निरंतर लाभप्रदता के लिए कंपनी को अपने खर्चों को भी कड़ाई से नियंत्रित करना होगा।
Shritam Mohanty
फ़रवरी 10, 2025 AT 06:00क्या आप नहीं देखते कि बड़े वेंचर फंड्स इस आईपीओ में पीछे-पीछे क्यों नहीं झुक रहे? शायद कुछ गहरा राज़ है, जैसे अंदरूनी जानकारी या प्रबंधकीय उलझनें।
Anuj Panchal
फ़रवरी 18, 2025 AT 08:27स्विगी के फंड रेज़िंग में स्ट्रैटेजिक अलोकेशन ने मोडेलिंग और वर्चुअल एसेट मैनेजमेंट के इकोसिस्टम को पुनः परिभाषित किया है। इस प्रकार, इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग से मिलने वाले कैपिटल का इंटेग्रेशन फाइनेंशियल एनालिटिक्स में महत्वपूर्ण सिग्नल प्रदान करेगा।