आरती: पूजा के दौरान कैसे करें और क्यों है ज़रूरी

आरती मामूली लग सकती है, पर यह पूजा का सबसे जीवंत और साधारण हिस्सा है। आरती का मतलब है दीपक घुमाकर देवता को श्रद्धा दिखाना। इसे करने से मन में एकाग्रता आती है और परिवार में त्योहार जैसा माहौल बनता है। अगर आप नए हैं या फिर जल्दी और प्रभावी आरती करना चाहते हैं, तो यह पेज सरल तरीके और व्यवहारिक सुझाव दे रहा है।

आरती कैसे करें — सरल चरण

सामग्री तैयार करें: एक छोटा थाल, नारियल का तेल या घी, दीपक (घी का या दिया), अगरबत्ती, फूल और प्रसाद। मोबाइल पर आरती गीत चला लें ताकि ताल मिल सके।

चरण 1: साफ-सफाई — पूजा स्थान और थाल साफ रखें। दीपक के तेल या घी भरें और बाती तैयार रखें।

चरण 2: देवता के सामने खड़े हों — हाथ जोड़कर कुछ क्षण ध्यान लगाएँ या देवी/देवता का संक्षिप्त स्मरण करें।

चरण 3: दीपक घुमाना — थाली में दीपक रखें और देवता के समक्ष धीमी और एक समान गति से तीन से सात बार घुमाएँ। ध्यान रखें कि दीपक हमेशा देवता की ओर रहे।

चरण 4: कपूर या अगरबत्ती — अगर पसंद हो तो अंत में कपूर जला सकते हैं और अगरबत्ती जलाकर इत्र जैसा वातावरण बनाएं।

चरण 5: आशीर्वाद ग्रहण करें — आरती के बाद हाथ को थाल के ऊपर लाकर अपने माथे पर ले जाएं। इसे देवता का आशीर्वाद समझा जाता है।

व्यवहारिक टिप्स और सामान्य गलतियाँ

टिप 1: दीपक बहुत बड़ा न रखें — छोटे दीपक से सुरक्षित और विनम्र भाव बनता है।

टिप 2: बच्चों को सिखाएं पर निगरानी रखें — उन्हें ताल और शब्द याद कराना आसान होता है, पर आग से दूर रखें।

टिप 3: गीत और भाषा — आरती गीत चाहे तत्कालीन भाषा में हों; सरल और बार-बार गाए जाने वाले गीत परिवार में जल्दी पकड़ लेते हैं।

गलतियाँ: दीपक बिना ध्यान के तेज गति से घुमाना, बत्तियाँ या वस्तुएं थाली में गड़बड़ रखना, या बिना पूर्व तैयारी के आरती शुरू कर देना।

छोटा सुझाव: अगर आप ऑनलाइन आरती सुनना चाहते हैं तो यूट्यूब या म्यूज़िक ऐप पर "आरती" और देवता का नाम लिखकर बहुत अच्छे रिकॉर्डिंग मिल जाते हैं — इससे सही लय और शब्द सीखना आसान होगा।

आरती सिर्फ परंपरा नहीं, यह एक ऐसी क्रिया है जो आपको हर रोज़ कुछ मिनट के लिए शांत होने और मानसिक रूप से जुड़ने का मौका देती है। चाहे त्योहार हो या रोज़ाना की पूजा, सरल नियम और सही शिष्टाचार से आपकी आरती और भी प्रभावी बन सकती है।

अगर आप चाहें तो नीचे दिए गए नोट्स को प्रिंट कर लें या मोबाइल में सेव कर लें — पूजा सामग्री, चरण और एक छोटा गीत सूची। इससे हर बार आरती करते समय आप बेहतर महसूस करेंगे और परिवार में भागीदारी भी बढ़ेगी।

शारदीय नवरात्रि 2024: माँ चंद्रघंटा की पूजा विधि, महत्व, और आरती
jignesha chavda 0 टिप्पणि

शारदीय नवरात्रि 2024: माँ चंद्रघंटा की पूजा विधि, महत्व, और आरती

शारदीय नवरात्रि का तीसरा दिन माँ चंद्रघंटा को समर्पित है, जो देवी पार्वती का एक स्वरूप हैं। यह दिन शक्ति, साहस और सौंदर्य की देवी की पूजा को समर्पित है। भक्त विशेष रूप से इस दिन पूजा विधि, शुभ मुहूर्त, मंत्र एवं आरती के माध्यम से माँ चंद्रघंटा की आराधना करते हैं।