राजस्थान हाई कोर्ट – सभी अपडेट और गहरी समझ

जब बात राजस्थान हाई कोर्ट, राजस्थान का उच्चतम न्यायालय, जो संविधान के अनुच्छेद 215 के तहत न्यायिक समीक्षा करता है, Rajasthan High Court की आती है, तो यह राज्य‑स्तर की न्यायिक व्यवस्था का मुख्य स्तंभ है। यह कोर्ट भारतीय न्यायिक प्रणाली (भारतीय न्यायिक प्रणाली, सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट और सब‑जजिला अदालतों का नेटवर्क) के अंदर काम करता है और सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया (सुप्रीम कोर्ट, देश का सर्वोच्च न्यायालय, जो हाई कोर्ट के आदेशों की समीक्षा करता है) के आदेशों को लागू करने की जिम्मेदारी लेता है। कोर्ट के फैसले सीधे नागरिकों के कानूनी अधिकार (कानूनी अधिकार, संविधानिक एवं वैधानिक अधिकार जो न्यायालय सुरक्षा देता है) को आकार देते हैं।

राजस्थान हाई कोर्ट दो‑तीन प्रमुख मामलों की सफ़लता से पहचान बनाई है। यह राजस्थान हाई कोर्ट सिविल, आपराधिक, व्यापारिक और पर्यावरणीय मुकदमों को सुनता है, जिससे राज्य के विकास पर सीधा असर पड़ता है। उदाहरण के तौर पर, भूमि विवाद, कार्यस्थल बलात्कार और सार्वजनिक नौकरियों के चयन मामलों में इसका निर्णय अक्सर राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बन जाता है। इस कोर्ट में नियुक्त न्यायाधीशों का औसत अनुभव 15 साल से अधिक है, और उनका लेखा‑जोखा निरंतर अपडेट किया जाता है, जिससे न्यायिक प्रक्रिया पारदर्शी बनी रहती है।

राजस्थान हाई कोर्ट की सुनवाई में निचली अदालतों, यानी जिला और सब‑जजिला कोर्ट की रिपोर्टें भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। जब कोई फैसला अपीलीय रूप में सुप्रीम कोर्ट तक पहुँचता है, तो यह हाई कोर्ट के मूलभूत मूल्यों को पुनः जाँचता है। इस लूप में वकीलों और अधिवक्ताओं की तैयारियों का स्तर बहुत मायने रखता है—वे कानूनी शोध, प्रस्तुतियों और मौखिक तर्कों के साथ न्यायिक निष्पक्षता को बनाए रखने में मदद करते हैं। अक्सर देखा जाता है कि हाई कोर्ट के प्रमुख फैसले नागरिकों के सामाजिक अधिकारों को सुदृढ़ करने में मददगार होते हैं, जैसे कि शिक्षा का अधिकार या पर्यावरण संरक्षण के नियम।

यदि आप विधि छात्र, वकील, या सामान्य पाठक हैं जो न्यायिक जगत में रुचि रखते हैं, तो इस टैग पेज पर आपको राजस्थान हाई कोर्ट से जुड़े कई प्रकार की सामग्री मिलेगी। यहाँ आप नवीनतम आदेश, हाई कोर्ट के इतिहास पर विश्लेषण, प्रमुख न्यायाधीशों के प्रोफ़ाइल, और कोर्ट द्वारा प्रदान किए गए सार्वजनिक सेवाओं की जानकारी पा सकते हैं। इस संग्रह में रोज़मर्रा के केस से लेकर बड़े‑पैमाने के सामाजिक मुद्दों तक सबका समावेश है—जिससे आपको यह समझने में मदद मिलेगी कि कोर्ट का काम कैसे जनता की जिंदगी को प्रभावित करता है।

नीचे आप उन लेखों और रिपोर्टों की सूची देखेंगे जो राजस्थान हाई कोर्ट के ताज़ा फैसलों, न्यायिक प्रक्रियाओं और प्रमुख घटनाओं को कवर करते हैं। इन सूचनाओं को पढ़कर आप अपनी कानूनी समझ को बढ़ा सकते हैं और भविष्य में कोर्ट के कामकाज से जुड़े प्रश्नों के जवाब आसानी से खोज सकते हैं। अब आगे बढ़कर उन लेखों को देखें और न्यायिक दूनिया की गहराई में उतरें।

राजस्थान हाई कोर्ट के आदेश से टैक्स ऑडिट की अंतिम तिथि बढ़ गई 31 अक्टूबर 2025
jignesha chavda 11 टिप्पणि

राजस्थान हाई कोर्ट के आदेश से टैक्स ऑडिट की अंतिम तिथि बढ़ गई 31 अक्टूबर 2025

राजस्थान हाई कोर्ट ने CBDT को 31 अक्टूबर 2025 तक टैक्स ऑडिट रिपोर्ट दाखिल करने की नई सीमा देने का आदेश दिया। यह निर्णय 24 सितंबर 2025 को भिलवाड़ा व जोधपुर टैक्स बार की याचिकाओं पर सुनवाई के बाद आया। मूल 30 सितंबर की डेट से एक माह की रियायत मिलने से करदाता और चार्टर्ड अकाउंटेंट दोनों को साँस मिल गई। इस बीच आयकर रिटर्न फाइलिंग की डेट भी एक दिन आगे बढ़ाई गई।