त्रिवेणी योग — जानें सरल भाषा में क्या होता है

कभी-कभी लोग कहते हैं कि जन्मपत्री में तीन चीजें एक साथ आ जाएं तो किस्मत बदल जाती है। ज्योतिष में ऐसी स्थिति को अक्सर त्रिवेणी योग कहा जाता है। पर ध्यान दें—हर त्रिवेणी योग एक जैसा असर नहीं देता। इसमें कौन से ग्रह हैं, कौन-सी राशि में हैं और उसका लग्न क्या है, ये तय करते हैं कि असर सकारात्मक होगा या चुनौती भरा।

त्रिवेणी योग क्या है?

सीधी बात: जब किसी कुंडली में तीन ग्रह एक ही भाव (house) या एक ही राशि (sign) में संयोजन बनाते हैं, तो उसे ज्योतिषी कभी-कभी त्रिवेणी योग बोलते हैं। ये तीनों ग्रह किसी भी तरह के हो सकते हैं—सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, बृहस्पति, शुक्र या शनि। असल फर्क इस बात से पड़ता है कि ये ग्रह मजबूत हैं या कमजोर, उनके कारक कौन से हैं, और वे किन घरों के स्वामी हैं।

उदाहरण के तौर पर, यदि लग्न में तीन ग्रह हैं और उनका स्वामी मजबूत है, तो व्यक्ति की व्यक्तित्व और करियर पर तेज़ असर पड़ सकता है। वहीं अगर तीनों ग्रह दुर्बल या संकट वाले हों, तो जीवन में चुनौतियाँ बढ़ सकती हैं।

कैसे पहचानें—चेकलिस्ट

अगर आप खुद अपनी कुंडली में त्रिवेणी योग देखना चाहते हैं तो ये आसान कदम अपनाएँ:

  • अपनी जन्मतिथि, समय और स्थान लेकर ऑनलाइन कुंडली बनवाएँ या किसी ऐप में डालें।
  • चार्ट में देखें कि कौन से घर में तीन ग्रह बैठे हैं। अगर तीन एक जगह हैं तो वो संभावित त्रिवेणी है।
  • उन तीनों ग्रहों के स्वामित्व देखें—वे किन घरों के स्वामी हैं और क्या वे शुभ या अशुभ प्रभाव देते हैं।
  • ग्रहों की अवस्था (मूल भाव, दृढता, परिग्रह) और उन्हें किसी ग्रह का दृष्टि (aspect) मिल रहा है या नहीं, यह भी देखें।
  • दसवीं, प्रथम और सप्तम जैसे प्रमुख घरों में त्रिवेणी का अर्थ और भी ज़्यादा सक्रिय होता है—ध्यान रखें।

यदि यह सब पढ़कर भ्रम हो रहा है तो एक सक्षम ज्योतिषी से मिलकर विश्लेषण कर लें। तारीखें और दशाएं भी परिस्थिति बदल सकती हैं, इसलिए पूरा नेट-परिणाम तभी समझ आएगा जब आप चार्ट की समग्र जांच कराएँ।

क्या त्रिवेणी हमेशा बुरा होता है? नहीं। उदाहरण के लिए, यदि तीन ग्रह शुभ स्वरुप के हों (जैसे बुध और शुक्र जैसे ग्रह) और वे लाभकारी भावों के स्वामी हों, तो यह योग फायदा दिला सकता है—ज्ञान, संपत्ति या मान-सम्मान मिल सकता है।

क्या किया जाए अगर असर नकारात्मक लगे? सरल और व्यावहारिक उपाय अपनाएँ: प्रभावित ग्रहों के अनुसार दान करें, संबंधित दिन पर उपवास रखें, मंत्र जाप या साधारण पूजा कराएँ, अपने व्यवहार में अनुशासन लाएँ और शारीरिक-मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान दें। कोई भी उपाय तभी असर करेगा जब उसे नियमितता और सच्ची नीयत के साथ करें।

अगर आप चाहें तो हम आपकी कुंडली का बेसिक चेक-अप करने के लिए सुझाव दे सकते हैं या भरोसेमंद ज्योतिषियों के बारे में दिशा-निर्देश दे सकते हैं। बस अपनी जन्म-जानकारी तैयार रखें और साफ सवाल पूछें—तभी उत्तर सटीक मिलेंगे।

Mauni Amavasya 2025: हरिद्वार में 50 साल बाद दुर्लभ त्रिवेणी योग, लाखों ने किया मौनस्नान
jignesha chavda 0 टिप्पणि

Mauni Amavasya 2025: हरिद्वार में 50 साल बाद दुर्लभ त्रिवेणी योग, लाखों ने किया मौनस्नान

2025 में माघ महीने की मौनी अमावस्या पर 50 साल बाद त्रिवेणी योग के साथ चार दुर्लभ संयोग बने। हरिद्वार के घाटों पर सुबह चार बजे से ही लाखों श्रद्धालु मौन रहकर गंगा स्नान और दान-दक्षिणा में जुटे। सर्द मौसम और हिमालय में बर्फबारी की चेतावनी के बावजूद भक्तों का उत्साह बना रहा।