Tata Capital IPO ने दूसरे दिन 47% सब्सक्रिप्शन, निवेशकों की मध्यम प्रतिक्रिया

जब Tata Capital ने अपने IPOमुंबई को 6 अक्टूबर 2025 को लॉन्च किया, तो बाजार की नज़रें तुरंत टकराई। इस सार्वजनिक प्रस्ताव में 15,512 करोड़ रुपये के कुल मूल्य के साथ, लाइफ इन्शुरेंस कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (LIC) मुख्य एंकर निवेशक बन कर 4,641 करोड़ रुपये का योगदान दिया। Mehta Equities के वरिष्ठ उपाध्यक्ष Prashanth Tapse ने कहा, "प्राइस बैंड थोड़ा नीचे रखा गया है, जिससे लिस्टिंग पर अच्छा पॉप होने की उम्मीद है।" दूसरी ओर, RBI के नियामक दिशा-निर्देशों के संभावित बदलावों ने कुछ निवेशकों को सतर्क रख दिया।
पृष्ठभूमि और इतिहास
Tata Capital, Tata Group की वित्तीय शाखा, 2007 में स्थापित हुई और तब से एनबीएफसी (NBFC) क्षेत्र में एक प्रमुख खिलाड़ी बन गई है। पिछले कुछ सालों में कंपनी ने खुदरा और MSME (Micro, Small and Medium Enterprises) लोन पोर्टफोलियो को विस्तार दिया, साथ ही क्लीनटेक प्रोजेक्ट फाइनेंसिंग में भी कदम रखा। यह IPO कंपनी के लिए Tier‑1 कैपिटल बढ़ाने और नियामक न्यूनतम पूंजी अनुपात को बनाए रखने का एक महत्वपूर्ण कदम है।
आधिकारिक विवरण और सब्सक्रिप्शन आँकड़े
IPO की कीमत 310 से 326 रुपये के बैंड में तय की गई थी। शेयरों का लॉट आकार 46 शेयर है, जिसका न्यूनतम निवेश 14,996 रुपये (ऊपरी बैंड पर) है। निवेशकों के वर्गीकरण के अनुसार सब्सक्रिप्शन इस प्रकार रहा:
- Qualified Institutional Buyers (QIB): 0.52 × (52 % सब्सक्रिप्शन)
- Non‑Institutional Investors (NII): 0.24 × (24 % सब्सक्रिप्शन)
- Retail Investors: 0.35 × (35 % सब्सक्रिप्शन)
- Employee Quota: लगभग पूर्ण सब्सक्रिप्शन
दिन‑2 (7 अक्टूबर 2025) तक कुल सब्सक्रिप्शन 46‑47 % तक पहुँच गया, जो कि पहले दिन के 30‑35 % से बेहतर था लेकिन अभी भी पूर्णता की दिशा से कुछ दूर है।
संस्थागत और खुदरा निवेशकों की प्रतिक्रिया
LIC के प्रतिनिधि ने कहा, "Tata Capital की बैलेंस शीट मजबूत है, और समूह के समर्थन के कारण हम इस प्रस्ताव को रणनीतिक मानते हैं।" अन्य एंकर निवेशकों में कुछ म्यूचुअल फंड और विदेशी संस्थागत फ़ंड शामिल थे, जिन्होंने भी बड़ी मात्रा में बांड खरीदा। खुदरा निवेशकों के बीच प्रमुख आकर्षण था कंपनी का विस्तृत शाखा नेटवर्क और टियर‑2/टियर‑3 शहरों में उन्नत उपभोक्ता वित्तीय समाधान। हालांकि, NII वर्ग में कम सब्सक्रिप्शन का कारण संभवतः बाजार में मौजूदा दर‑संवेदनशीलता और एनीटी‑2 (अनुपात) नियमों में बदलाव की चिंता है।
विश्लेषकों की राय और संभावित चुनौतियाँ
Mehta Equities के Prashanth Tapse ने कहा, "प्राइस बैंड थोड़ा नीचे रखा गया है, जिससे लिस्टिंग पर अच्छा पॉप होने की उम्मीद है।" वहीं, कई मार्केट विशेषज्ञों ने संकेत दिया कि RBI द्वारा प्रस्तावित विभिन्न एसेट‑क्लास नियमों में बदलाव, बैंकों और फ़िनटेक कंपनियों के तीव्र प्रतिस्पर्धा, तथा वैश्विक आर्थिक मंदी के प्रभाव कंपनी के नेट इंटरेस्ट मार्जिन को दबा सकते हैं।
एक अन्य वित्तीय विश्लेषक ने बताया, "यदि Tata Capital अपने क्रेडिट पोर्टफोलियो को गुणवत्तापूर्ण बनाए रखता है और GNPA को 3 % से नीचे रखता है, तो यह IPO सफल माना जाएगा।"

भविष्य की दिशा और अगले कदम
सब्सक्रिप्शन प्रक्रिया के बाद, शेयरों का बेसिस ऑफ़ अलॉटमेंट 9 अक्टूबर 2025 को तय होगा, और 10 अक्टूबर तक डिमैट अकाउंट में क्रेडिट हो जाएगा। निवेशक केवल ऑनलाइन एएसबीए (ASBA) या यूपीआई‑आधारित ब्रोकरेज प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से भाग ले सकते हैं।
IPO की सफलता से कंपनी के पास अतिरिक्त Tier‑1 कैपिटल आएगा, जिससे वह रिटेल और MSME लोन में आगे की वृद्धि कर सकेगी। साथ ही, Tata Group के पारस्परिक क्रॉस‑सेलिंग अवसर, विशेषकर ऑटो, एयरोस्पेस और ऊर्जा क्षेत्रों में, नई आय स्रोत प्रदान करेंगे।
अंत में, इस वर्ष के दो बड़े सार्वजनिक प्रस्तावों में से एक, Tata Capital की IPO, भारतीय प्राइमरी मार्केट की सक्रियता का एक प्रमुख संकेत है, जबकि LG Electronics India का 73 % सब्सक्रिप्शन भी तकनीकी सेक्टर में निवेशकों की जागरूकता को दर्शाता है।
मुख्य तथ्य
- पब्लिक ऑफर साइज: 15,512 crore रुपये
- प्राइस बैंड: 310 – 326 रुपये प्रति शेयर
- एंकर फ़ंडिंग: 4,641 crore रुपये (मुख्य एंकर LIC)
- कुल सब्सक्रिप्शन (दिन‑2): लगभग 47 %
- शेयर अलॉटमेंट: 9 अक्टूबर 2025, डिमैट में जमा: 10 अक्टूबर 2025
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
Tata Capital की IPO में कौन‑कौन से निवेशक वर्ग भाग ले सकते हैं?
निवेशक QIB, NII (छोटे और बड़े), खुदरा एवं कर्मचारी कोटा में भाग ले सकते हैं। न्यूनतम निवेश 14,996 रुपये (एक लॉट) से शुरू होता है, जबकि बड़े NII को 67 लॉट की आवश्यकता पड़ती है।
इस IPO से Tata Capital का मुख्य उद्देश्य क्या है?
प्रमुख उद्देश्य Tier‑1 कैपिटल बढ़ाकर नियामक पूँजी अनुपात को मजबूत करना, रिटेल व MSME लोन में विस्तार के लिए वित्तीय आधार तैयार करना और समूह के अन्य व्यवसायों के साथ क्रॉस‑सेलिंग को सुदृढ़ करना है।
LIC ने इस IPO में कितनी राशि निवेशित की?
LIC ने 4,641 करोड़ रुपये का एंकर फंडिंग किया, जो कुल ऑफर साइज का लगभग 30 % है और यह सबसे बड़ा एंकर निवेशक बना।
विश्लेषकों ने इस आईपीओ के प्राइस बैंड को किस तरह देखा?
Mehta Equities के Prashanth Tapse ने कहा कि प्राइस बैंड उद्योग औसत से थोड़ा नीचे रखा गया है, जिससे लिस्टिंग पर सकारात्मक पॉपिंग की संभावनाएँ बढ़ जाती हैं।
भविष्य में Tata Capital को किन जोखिमों का सामना करना पड़ सकता है?
RBI के संभावित नियामक बदलाव, बैंकों और फ़िनटेक कंपनियों की तीव्र प्रतिस्पर्धा, मैक्रो‑इकोनोमिक स्लो‑डाउन और एसेट‑क्वालिटी में गिरावट जैसे जोखिम कंपनी के मार्जिन और वृद्धि पर असर डाल सकते हैं।
patil sharan
अक्तूबर 7, 2025 AT 20:55लगता है सब्सक्रिप्शन 47% पर ठहर गया, जैसे महीने का पहला दस दिन बिना दूध का। पहलू में LIC ने एंकर हो कर बहुत बड़ा चारा खींचा, बाकी मार्केट थोड़ी जलती दिख रही है। प्राइस बैंड नीचे रखे, पर पॉप की उम्मीद तो धुंधली। अब देखना है, लिस्टिंग के बाद शेयरों की राइड किस दिशा में जाएगी।