उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ एम्स में भर्ती: पीएम मोदी ने हालचाल लिया, डॉक्टरों ने स्वास्थ्य की स्थिति बताई

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ एम्स में भर्ती: पीएम मोदी ने हालचाल लिया, डॉक्टरों ने स्वास्थ्य की स्थिति बताई
16 मार्च 2025 9 टिप्पणि jignesha chavda

उपराष्ट्रपति की अचानक तबियत बिगड़ना

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को अचानक छाती में दर्द और असुविधा महसूस होने पर नई दिल्ली स्थित एम्स में भर्ती कराया गया। यह घटना 9 मार्च 2025 को सुबह तड़के हुई जब 73 वर्षीय नेता को वहां की क्रिटिकल केयर यूनिट (CCU) में ले जाया गया। यहां उनका इलाज कार्डियोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. राजीव नरंग और उनकी टीम के निर्देशन में चल रहा था। प्रारंभिक जांच में उनकी हालत स्थिर बताई गई, जिसने उनके शुभचिंतकों को कुछ हद तक राहत दी।

डॉ. नरंग ने बताया कि उपराष्ट्रपति की सेहत पर लगातार नजर रखी जा रही थी और उनकी स्वास्थ्य की स्थिति का लगातार मूल्यांकन किया जा रहा था। धनखड़ के इस उम्र में सार्वजनिक जीवन में सक्रिय रहने और अपने पद की जिम्मेदारियों को निभाने की क्षमता के चलते उनकी बेहतर स्वास्थ्य की शुभकामनाएं भेजी जा रही थीं।

प्रधानमंत्री की सरप्राइज़ यात्रा और अन्य नेताओं की चिंताएं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद एम्स पहुंचकर उनके स्वास्थ्य का जायज़ा लिया। पीएम मोदी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया, "एम्स जाकर उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ जी के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी प्राप्त की। उनकी स्वस्थता और शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं।" पीएम मोदी के इस gestures ने देशवासियों का ध्यान इस दिशा में खींचा।

स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा भी एम्स में उपराष्ट्रपति का हालचाल लेने पहुँचे। नेताओं की यह चिंता और सहयोग दर्शाता है कि कैसे उच्च पदस्थ अधिकारी भी अपने सहकर्मियों की चिंता में सक्रिय रहते हैं।

मार्च 12 को उपराष्ट्रपति को एम्स से छुट्टी दे दी गई, जिससे आम जनता और सरकार के स्तर पर राहत की सांस ली गई। डॉक्टरों ने स्वास्थ्य की स्थिति को सामान्य और बेहतर बताया, और उपराष्ट्रपति अब स्वस्थ हैं और अपनी दिनचर्या में वापसी की उम्मीद कर रहे हैं। उनकी बेहतर स्वास्थ्य की कामना हर दिशा से की जा रही है।

9 टिप्पणि

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    LEO MOTTA ESCRITOR

    मार्च 16, 2025 AT 20:03

    भाई लोग, उपराष्ट्रपति जी की तबियत में सुधार देखना वाकई में एक ताक़ी़द दिल से बधाई का कारण है। जीवन का हर मोड़ हमें सीख देता है कि स्वास्थ्य ही सबसे बड़ी पूँजी है। उनका इस उम्र में सक्रिय रहना हमारे लिए प्रेरणा बनता है, यही सोच कर हम सब उन्हें शुभकामनाएँ भेजते हैं।

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    Sonia Singh

    मार्च 17, 2025 AT 09:56

    सच में, लैंडेड सिचुएशन पे सबका रिलैक्स होना चाहिए। डॉक्टरों की रिपोर्ट से पता चलता है कि चीज़ें काफी स्थिर हैं। हम सब मिलकर उन्हें तेज़ी से ठीक होते देखें।

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    Ashutosh Bilange

    मार्च 17, 2025 AT 21:03

    यार बाप रे! धनखड जी को एम्स में देखनै के बाद तो मेरा दिल डगर भड़का गया। खून की रफ्तार, दिल की धड़कन, सब कुछ बड़ा नाटकीय लगा। डॉक्टर ने कहा "स्थिर", लेकिन मेरे दिमाग में तो बस एक ही बात है, नाटक का अंत कब होगा? पूरी कहानी में ट्विस्ट तो है ही, पर अब क्या होगा, देखना बाकी है।

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    Kaushal Skngh

    मार्च 18, 2025 AT 13:43

    भाई सब, देखोगे तो पता चलेगा कि सब ठीक चल रहा है। डॉक्टरों की बात सुनके थोड़ा आराम मिला है। पर अभी भी थोड़ा सतर्क रहना चाहिए।

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    Harshit Gupta

    मार्च 18, 2025 AT 22:03

    अरे भारत माता की जय! हमारे उपराष्ट्रपति जी को इस तरह की चुनौती का सामना करना पड़ रहा था, लेकिन वो फिर भी अपने कर्तव्य से नहीं हटे। यह दिखाता है कि असली सिपाही कैसे कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहते हैं। देश के लिए ऐसी ही हिम्मत चाहिए, ताकि बाहरी दुश्मनों को पता चल जाए कि हम झुकते नहीं।

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    HarDeep Randhawa

    मार्च 19, 2025 AT 07:46

    वाह, क्या बात है, इतनी जल्दी से सबकी दुआएँ, मेडिकल टीम की कड़ी मेहनत, और प्रधानमंत्री की सरप्राइज़ यात्रा, सब मिलकर एक ही कहानी बुन रही है, यह बात वाकई में दिल को छू लेती है, चलिए हम सब इस सकारात्मक ऊर्जा को और भी फैलाते हैं।

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    Nivedita Shukla

    मार्च 19, 2025 AT 18:53

    धनखड़ जी की स्वास्थ्य यात्रा ने हम सभी को एक गहरा विचार करने पर मजबूर कर दिया है।
    जीवन की नाजुकता और जिम्मेदारियों का संतुलन, ऐसे मोड़ों पर स्पष्ट हो जाता है।
    जब एक महत्वपूर्ण सार्वजनिक पद धारण करने वाले व्यक्ति को ऐसी चुनौती मिलती है, तो उसका प्रभाव केवल व्यक्तिगत नहीं, बल्कि सामाजिक भी होता है।
    भारतीय राजनीति में उम्र केवल एक अंक है, लेकिन ऊर्जा और इच्छा शक्ति वही है जो असली भेद बनाती है।
    डॉक्टरों ने बताया कि उनका वर्तमान स्थिति स्थिर है, लेकिन यह स्थिरता भी एक संघर्ष है, जिसे हर दिन जीतना पड़ता है।
    यह स्थिरता भी एक संघर्ष है, जिसे हर दिन जीतना पड़ता है।
    प्रधानमंत्री के व्यक्तिगत प्रयत्न और डॉक्टरों की मेहनत का संगम इस बात का संकेत है कि देश के उच्चाधिकारियों को भी अपने सहयोगियों की देखभाल में कोई कमी नहीं है।
    इस घटना ने यह भी दिखाया कि स्वास्थ्य का महत्व केवल व्यक्तिगत नहीं, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी है।
    यदि हम एक नेता के स्वास्थ्य को लेकर इतना संवेदनशील हैं, तो इसका मतलब है कि हम अपने राष्ट्र की भलाई को लेकर भी ऐसा ही भाव रखेंगे।
    इस सबके बीच, जनता ने सोशल मीडिया पर जो समर्थन और शुभकामनाएँ भेजी, वह एक विशाल ऊर्जा स्रोत बन गया।
    यह ऊर्जा न केवल उपराष्ट्रपति जी को बल्कि पूरे शासन को सकारात्मक दिशा में ले जा सकती है।
    अब सवाल यह है कि हम इस ऊर्जा को कैसे संरक्षित रखें और भविष्य में ऐसे संकटों से बचने के लिए क्या कदम उठाएँ।
    स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए हमें न केवल प्रमुख व्यक्तियों की स्थिति पर ध्यान देना चाहिए, बल्कि आम जनता को भी नियमित जांच और स्वास्थ्यकर्मियों से संपर्क करने के लिए प्रेरित करना चाहिए।
    इस प्रकार, यह घटना एक सीख बन कर सामने आती है कि किसी भी चुनौतियों का सामना करने के लिए आत्मविश्वास, समर्थन और सुनियोजित उपायों की आवश्यकता होती है।
    अंत में, हम सभी को धनखड़ जी को शीघ्र पूर्ण स्वस्थ्य की कामना करनी चाहिए, और यह आशा रखनी चाहिए कि वह जल्द ही अपने कार्यों में लौट आएँ।
    इस हर शब्द में, हम एकजुटता, सम्मान और सामाजिक जिम्मेदारी की भावना को फिर से जागरूक करते हैं।

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    Rahul Chavhan

    मार्च 20, 2025 AT 04:36

    भाई लोग, सबको याद रखना चाहिए कि स्वास्थ्य को प्राथमिकता देना बहुत ज़रूरी है। डॉक्टरों की रिपोर्ट से हमें यह सीख मिलती है कि नियमित चेक‑अप मददगार होता है। तो चलिए, हम सब भी अपनी सेहत पर ध्यांन दें।

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    Joseph Prakash

    मार्च 20, 2025 AT 12:56

    उम्मीद है जल्दी ही पूरी तरह ठीक हो जाएँ 🚀

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