Vispy Kharadi ने हर्क्यूलिस पिलर्स उठाकर बनाया 17वां गिनीज रिकॉर्ड
Vispy Kharadi का नया रिकॉर्ड: हर्क्यूलिस पिलर्स
भारत के प्रसिद्ध स्ट्रेंथ एथलीट Vispy Kharadi, जिसे अक्सर "Steel Man of India" कहा जाता है, ने हाल ही में गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड के तहत एक नया मील का पत्थर स्थापित किया। इस बार वह हर्क्यूलिस पिलर्स नामक भारी धातु के स्तंभों को एक ही समय में उठाने में सफल रहे, जिससे यह उनका 17वां विश्व रिकॉर्ड बन गया।
गिनीज ने आधिकारिक तौर पर इस उपलब्धि को मान्यता दी है और रिकॉर्ड के विवरणों में बताया गया है कि पिलर्स की कुल वजन लगभग 300 किलोग्राम है, जिसे प्रतिभागी ने 30 सेकेंड से कम समय में स्थिर रखकर सफलतापूर्वक पूरा किया। यह चुनौती प्रायः अंतरराष्ट्रीय स्ट्रॉन्गमैन प्रतियोगिताओं में देखी जाती है, लेकिन भारत में पहली बार किसी ने इसे इश्यू किया है।
Vispy ने इस उपलब्धि के लिए अपने नियमित प्रशिक्षण कार्यक्रम में कुछ विशेष बदलाव किए थे। पिछले वर्षों में उन्होंने मांसपेशियों की गति, कोर स्टैबिलिटी और फॉर्म को बेहतर बनाने के लिए भारी ग्राइंडिंग, पावरलिफ्ट और कलेस्टेनिक एक्सरसाइज़ को मिलाया। साथ ही, उनके पोषण विशेषज्ञ द्वारा तैयार उच्च प्रोटीन, मध्यम कार्बोहाइड्रेट और आवश्यक वसा संतुलित आहार ने इस शक्ति‑शिखर को संभव बनाया।
Vispy के पहले के 16 रिकॉर्ड में बेंच प्रेस में 300 किलोग्राम, डेडलिफ्ट में 400 किलोग्राम और टोरस पुल‑अप में 120 रिप्स जैसी उल्लेखनीय उपलब्धियाँ शामिल हैं। इन सभी सफलताओं ने उन्हें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक पहचान दिलाई, और अब यह नया हर्क्यूलिस पिलर्स रिकॉर्ड उनके करियर को और भी ऊँचा करता है।
रिकॉर्ड की मौजूदा जानकारी में सटीक तिथि और स्थल का उल्लेख नहीं है, लेकिन गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड की आधिकारिक वेबसाइट पर जल्द ही विस्तृत विवरण उपलब्ध होगा। इस बीच, भारत के युवा एथलीटों के लिए Vispy की यह जीत एक प्रेरणा का स्रोत है, जो दिखाती है कि दृढ़ता और वैज्ञानिक तैयारी से कोई भी चुनौती पार की जा सकती है।
PARVINDER DHILLON
सितंबर 26, 2025 AT 00:58वाह! Vispy की ये उपलब्धि दिल को छू गई 😍 हर बार जब कोई ऐसा रिकॉर्ड बनाता है तो भारत में नई ऊर्जा का संचार होता है। यह देख कर हमें भी अपने लक्ष्य की ओर और मेहनत करने का प्रेणना मिलता है। युवा एथलीट्स को इस से प्रेरणा लेनी चाहिए और प्रशिक्षण में विज्ञान को अपनाना चाहिए। चलिए इस जीत को गर्व से मनाते हैं और आगे भी देश को गौरव दिलाने की आशा रखते हैं 🙌
Nilanjan Banerjee
सितंबर 29, 2025 AT 15:45समय का कलंक इस पिलर्स को उठाने की उपलब्धि में बदल गया है, और यह एक अद्भुत नाटकीय क्षण है। Vispy ने जितनी सटीकता और शक्ति के साथ इस बंधन को तोड़ा, वह अलौकिक दृढ़ता के प्रतीक है। गिनीज की पुस्तक में यह उल्लेखित होने से उनके शारीरिक विज्ञान को नया आयाम मिला है। यह एक साहित्यिक सिम्फनी जैसी महिमा है, जिससे हर पाठक मंत्रमुग्ध हो जाता है।
sri surahno
अक्तूबर 3, 2025 AT 06:31हालाँकि, गिनीज की सत्यापन प्रक्रिया में कई बार आधी रात की साजिशें उभरती हैं, और यह सवाल उठता है कि क्या यह वास्तव में निष्पक्ष है। कुछ अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, रिकॉर्ड बनाने वालों को अनजाने में लाभ देने वाले प्रणालीगत बकवास हो सकता है। इसलिए हमें इस तरह के अतिरेक को पूरी तरह से स्वीकार नहीं करना चाहिए।
Varun Kumar
अक्तूबर 6, 2025 AT 21:17ये खड़ा है असली ताकत।
Madhu Murthi
अक्तूबर 10, 2025 AT 12:03तो फिर हम कहां के हैं, Desi जौहर दिखाने का समय है 💪🇮🇳
Amrinder Kahlon
अक्तूबर 14, 2025 AT 02:49अरे, अब तो हर कोई अपना biceps उठाकर गिनीज बनाने को तैयार हो रहा है, हाहा
Abhay patil
अक्तूबर 17, 2025 AT 17:35भाई लोग ऐसा मेहनत करो कि हर ट्रेनिंग सत्र में सफलता की धुंध दिखे चलो आगे बढ़ें
Neha xo
अक्तूबर 21, 2025 AT 08:21Vispy का रिकॉर्ड भारतीय खेल जगत में नई लहर लेकर आया है। इससे हमें यह पता चलता है कि सपने देखना ही काफी नहीं, मेहनत की सही दिशा भी ज़रूरी है।
Rahul Jha
अक्तूबर 24, 2025 AT 23:08गिनीज के नियमों के अनुसार, पिलर्स का वजन 300kg और समय 30s से कम होना चाहिए 📊 यह मानक बहुत सख्त है और Vispy ने इसे बखूबी पूरा किया है
Gauri Sheth
अक्तूबर 28, 2025 AT 12:54मुझे तो लगा की ये सब सिर्फ फेनसिया है, पर सच में ऐसा नहीं हो सकता... मेरे ख्याल में ये सब बहुत ही आकर्षिक है और हमें और गहराई से सोचना चाहिए
om biswas
नवंबर 1, 2025 AT 03:40इंडिया की ताकत आखिरकार दुनिया के मंच पर चमकेगी, बाकी सब सिर्फ दिखावा है। हमें इस शक्ति को और भी बढ़ाना चाहिए और सभी बाधाओं को तोड़ना चाहिए।
sumi vinay
नवंबर 4, 2025 AT 18:26चलो हम सब मिलके ऐसे अड़चनें तोड़ें और नया इतिहास रचें! ✨ यह ऊर्जा हमें सकारात्मक दिशा में ले जाएगी और युवा मन में विश्वास का संचार होगा।
Anjali Das
नवंबर 8, 2025 AT 09:12इतना हाई प्रोफ़ाइल वाला रिकॉर्ड भी अगर सही नहीं डाक्यूमेंटेड है तो क्या फायदा, सब बेकार। हमें प्रमाणित डेटा के बिना उत्सव मनाना बंद करना चाहिए।
Dipti Namjoshi
नवंबर 11, 2025 AT 23:58शक्ति का अर्थ केवल शारीरिक माप नहीं, बल्कि आत्मविश्वास और साहस का प्रतिबिंब है।
जब कोई व्यक्ति अपने सीमाओं को चुनौती देता है, तो वह न केवल स्वयं को, बल्कि समाज को भी आगे बढ़ाने का कार्य करता है।
Vispy की इस उपलब्धि ने हमें यह सिखाया कि दृढ़ संकल्प और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से कोई भी लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है।
प्रत्येक प्रशिक्षण सत्र में छोटी-छोटी जीतें बड़ी सफलता की नींव बनती हैं।
सही पोषण और अनुशासित जीवनशैली शक्ति को स्थिर रखने में अहम भूमिका निभाते हैं।
ऐसे एथलीट्स को देख कर युवा वर्ग में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा की भावना उत्पन्न होती है।
इतिहास में ऐसे कई उदाहरण हैं जहाँ व्यक्तियों ने असंभव को संभव में बदला है।
उनकी कहानी हम सबको प्रेरित करती है कि सीमाओं को मन में नहीं, बल्कि क्रिया में तोड़ना चाहिए।
यह सफलता विज्ञान और कला का संगम है, जहाँ मेहनत और ज्ञान साथ चलते हैं।
समाज को भी इन उदाहरणों से सीख लेना चाहिए और खेल के क्षेत्र में निवेश बढ़ाना चाहिए।
आगे आने वाली पीढ़ी को ऐसे रोल मॉडल की जरूरत है जो उन्हें आशा और दिशा दे।
जब राष्ट्रीय स्तर पर हम ऐसी जीतें हासिल करते हैं, तो अंतरराष्ट्रीय मंच पर हमारी आवाज़ मजबूत होती है।
इस प्रकार, प्रत्येक व्यक्तिगत जीत राष्ट्र की थ्रेड में नया रंग जोड़ती है।
आइए हम सब मिलकर इस सकारात्मक गति को जारी रखें और नई ऊँचाइयों को छूएँ।
सच्ची शक्ति वह है जो दूसरों को भी उठाने की क्षमता रखती है।