CBSE 2025 का डेट शीट जारी: कक्षा 10‑12 में पर्याप्त अंतराल के साथ परीक्षा शेड्यूल
देश भर में छात्र और अभिभावक अभी भी 2025 की बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी में लगे हैं, तभी केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने आधिकारिक रूप से कक्षा 10 और कक्षा 12 के लिए CBSE 2025 डेट शीट जारी कर दिया। इस बार बोर्ड ने प्रत्येक प्रमुख विषय के बीच पर्याप्त अंतराल रखने पर ध्यान दिया है, ताकि विद्यार्थियों को पुनरावृत्ति और तैयारी का पर्याप्त समय मिल सके। सभी पेपर लिखित (पेपर‑एंड‑पेन) मोड में 10:30 बजे से 13:30 बजे तक होंगे।
कक्षा 10 का विस्तृत शेड्यूल
कक्षा 10 के छात्रों को 15 फ़रवरी से परीक्षा का सिलसिला शुरू करना होगा। प्रमुख विषयों का क्रम इस प्रकार है:
- 15 फ़रवरी – इंग्लिश (Language & Literature)
- 20 फ़रवरी – साइंस
- 25 फ़रवरी – सोशल साइंस
- 28 फ़रवरी – हिन्दी कोर्स‑A
- 10 मार्च – गणित (स्टैंडर्ड और बेसिक दोनों)
- 17 मार्च – पंजाबी
- 18 मार्च – आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
इन तारिखों के बीच कम से कम पाँच दिन का अंतर रखा गया है, जिससे छात्र प्रत्येक विषय को गहराई से पढ़ सकें। विशेष रूप से साइंस, गणित और सोशल साइंस जैसे भारी विषयों के बीच दो हफ़्ते का अंतराल है, जो रिवीजन के लिए काफी सहायक रहेगा।
कक्षा 12 का विस्तृत शेड्यूल
कक्षा 12 की परीक्षाएं 17 फ़रवरी से शुरू होती हैं। नीचे प्रमुख विषयों की तिथियां दी गई हैं:
- 17 फ़रवरी – फिजिकलEducation
- 21 फ़रवरी – फिजिक्स
- 24 फ़रवरी – जियोग्राफी
- 27 फ़रवरी – कैमिस्ट्री
- 8 मार्च – गणित
- 11 मार्च – इंग्लिश कोर
- 15 मार्च – हिन्दी कोर
- 19 मार्च – इकोनॉमिक्स
- 22 मार्च – पॉलिटिकल साइंस
- 25 मार्च – बायोलॉजी
- 29 मार्च – कंप्यूटर साइंस
- 1 अप्रैल – हिस्ट्री
यह क्रम भी विषयों के बीच मानक अंतर प्रदान करता है, खासकर फिजिक्स‑केमिस्ट्री‑गणित जैसे विज्ञान श्रेणी के बीच पर्याप्त विराम। छात्रों को ये विराम रिवीजन, प्रश्नपत्र समाधान और मानसिक आराम के लिए उपयोगी होंगे।
प्रैक्टिकल परीक्षाओं की बात करें तो बोर्ड ने 1 जनवरी, 2025 से कक्षा 10 और 12 दोनों के लिए प्रैक्टिकल शुरू कर दिया है। शीतकालीन स्कूलों ने 5 नवंबर, 2024 से ही ये प्रैक्टिकल पहले ही शुरू कर दी थीं, जिससे अधिकांश प्रयोगशाला कार्य पूरे हो चुके हैं।
सभी छात्रों को सलाह दी जाती है कि वे CBSE की आधिकारिक वेबसाइट (cbse.gov.in) से डेट शीट का पीडीएफ़ डाउनलोड कर लें और अपनी तैयारी को इस शेड्यूल के अनुसार व्यवस्थित करें। समय‑सारिणी को ध्यान से पढ़कर अब पुनरावृत्ति की योजना बनाना आसान हो जाएगा, और परीक्षा के तनाव को कम किया जा सकेगा।
Varun Kumar
सितंबर 26, 2025 AT 21:06ऐसे डेट शीट में हर तारीख सरकार की योजना में गुप्त एजेंडा को छुपाता है। पढ़ाई के बीच अंतराल का बहाना बस छात्र को भ्रमित करने का झूठा प्रपंच है।
Madhu Murthi
सितंबर 26, 2025 AT 22:30वाह! finally बहुत बढ़िया टेंशन कम करने वाला schedule 😎💪। भारत की प्रगति के लिए ऐसी बदली हुई योजना ज़रूरी है।
Amrinder Kahlon
सितंबर 26, 2025 AT 23:53ओह, धन्यवाद CBSE, अब तो मैं भी टाइम मशीन से पढ़ाई कर सकता हूँ, एक विषय के बीच दो हफ्ते का अंतराल, जैसे हमारी यादें भी अपडेट हो रही हैं।
Abhay patil
सितंबर 27, 2025 AT 01:16चलो दोस्तो, इस अंतराल को सही ढंग से इस्तेमाल करें, रोज़ 30 मिनट रिवीजन और छोटे ब्रेक ले कर मन को फ्रेश रखें। इससे बोर्ड की परीक्षा में तनाव कम होगा और अंक भी बढ़ेंगे।
Neha xo
सितंबर 27, 2025 AT 02:40डेट शीट देखकर लगता है बोर्ड ने वास्तव में छात्रों के लिए पर्याप्त समय दिया है। लेकिन यह तभी काम करेगा जब हम अपना टाइम टेबल खुद व्यवस्थित रखें।
Rahul Jha
सितंबर 27, 2025 AT 04:03वास्तव में, 10‑12 की शेड्यूल को देखते हुए विज्ञान विषयों के बीच दो‑हफ़्ते का अंतराल मस्तिष्क को दीर्घकालिक स्मृति बनाने में मदद करता है 📚। यह रणनीति न्यूरोसाइंस में सिद्ध है।
Gauri Sheth
सितंबर 27, 2025 AT 05:26ये सब बस बोर्ड की ही चाल है।
om biswas
सितंबर 27, 2025 AT 06:50कौन कह रहा है कि न्यूरोसाइंस का कोई ठोस सबूत है? बस बजट कटोती के बाद बोर्ड ने ऐसा दिखावा किया है।
sumi vinay
सितंबर 27, 2025 AT 08:13बहुत बढ़िया! ऐसे व्यवस्थित शेड्यूल से छात्र अपना confidence बढ़ा सकते हैं और सकारात्मक ऊर्जा के साथ पढ़ाई कर सकते हैं।
Anjali Das
सितंबर 27, 2025 AT 09:36अगर आप अभी भी इस शेड्यूल को हल्का समझते हैं तो आप छात्र नहीं बल्कि आलसी हैं। एकदम सख्ती से पालन करना ही सफलता की कुंजी है।
Dipti Namjoshi
सितंबर 27, 2025 AT 11:00CBSE की नई डेट शीट न केवल एक कैलेंडर है, बल्कि यह छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य पर भी गहरा असर डाल सकती है।
जब हम देखते हैं कि प्रत्येक मुख्य विषय के बीच पाँच‑सात दिन का अंतर रखा गया है, तो यह स्पष्ट होता है कि बोर्ड ने पुनरावृत्ति के महत्व को समझा है।
हालांकि, सिर्फ अंतराल ही पर्याप्त नहीं; इस समय को प्रभावी रूप से उपयोग करने के लिए छात्रों को स्वयं अनुशासन की आवश्यकता होगी।
अभिभावकों को चाहिए कि वे अपने बच्चों के साथ मिलकर एक रिवीजन प्लान बनाएँ, जिसमें छोटे‑छोटे लक्ष्य और इनाम शामिल हों।
ऐसा करने से सीखने की प्रक्रिया को खेल जैसा महसूस होगा और तनाव घटेगा।
साथ ही, विद्यार्थियों को यह याद रखना चाहिए कि परीक्षा केवल अंक नहीं, बल्कि ज्ञान के वास्तविक अनुप्रयोग का एक मंच है।
यदि हम इस दृष्टिकोण को अपनाएँ, तो शेड्यूल में मौजूद अंतराल हमें गहराई से विचार करने और प्रश्न हल करने का अवसर देगा।
इस दौरान योगा, ध्यान या हल्की वॉक जैसी शारीरिक गतिविधियों को शामिल करना मस्तिष्क की फोकस बढ़ा सकता है।
अन्य विषयों के बीच दो‑हफ़्ते का बड़ा अंतराल विज्ञान‑संबंधी छात्रों को प्रयोगात्मक समझ को सुदृढ़ करने में मदद करेगा।
प्रैक्टिकल सेशन के शुरू होने की तिथि भी इस बात को दर्शाती है कि बोर्ड ने प्रयोगात्मक कौशल को प्राथमिकता दी है।
परन्तु, यदि छात्र केवल टेंशन को कम करने के लिए ही इन ब्रेक्स को देखेंगे, तो वे मूलभूत समझ को खो सकते हैं।
इसलिए, प्रत्येक ब्रेक को एक सीखने की कड़ी मानकर, उसमें सक्रिय पुनरावलोकन करना आवश्यक है।
समय‑सारिणी को देखते हुए, एक सुसंगत अध्ययन‑विश्राम चक्र स्थापित करना सबसे प्रभावी रणनीति होगी।
अंत में, हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि हर छात्र की सीखने की गति अलग होती है, इसलिए व्यक्तिगत अनुकूलन जरूरी है।
जब शिक्षण और आत्म‑देखभाल दोनों का संतुलन बना रहता है, तभी हम परीक्षा में आत्मविश्वास के साथ कदम रख सकते हैं।
आशा है यह शेड्यूल सभी छात्रों को सफलता की ओर एक स्पष्ट रास्ता प्रदान करेगा।