ईरान के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति मसूद पेज़शकियन अगले माह लेंगे शपथ

ईरान के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति मसूद पेज़शकियन अगले महीने संसद के समक्ष शपथ ग्रहण करने वाले हैं। आधिकारिक समाचार एजेंसी IRNA के अनुसार, यह शपथ ग्रहण समारोह 4 या 5 अगस्त को होने की संभावना है। मसूद पेज़शकियन ने हाल ही में हुए राष्ट्रपति चुनाव में रूढ़िवादी सईद जलिली को हराकर 54% मत हासिल किए थे, जो लगभग 16 मिलियन वोटों के बराबर हैं। वहीं जलिली ने करीब 44% मत प्राप्त किए, जो 13 मिलियन से अधिक वोट थे।
इस चुनाव में कुल मतदान 49.8% रहा, जो कि पहले दौर के रिकॉर्ड न्यूनतम 40% से अधिक है। पेज़शकियन 69 वर्षीय सुधारवादी नेता हैं और उनके चुनौतियों से भरे कार्यकाल की शुरुआत संसद के समक्ष अपने प्रस्तावित मंत्रियों की प्रस्तुति से होगी, जिसे उन्हें पद संभालने के 15 दिनों के भीतर करना होगा।
राष्ट्रपति के पद ग्रहण करने के लिए पेज़शकियन को इस्लामिक रिपब्लिक के सर्वोच्च नेता, अयातुल्लाह अली खमेनेई, से आधिकारिक समर्थन की आवश्यकता होगी। खमेनेई पिछले 35 वर्षों से सर्वोच्च नेता के पद पर हैं और राष्ट्रपति की शक्तियां उन्हीं के अधिकार क्षेत्र में सीमित हैं।
ईरान का चुनावी परिदृश्य
इस बार के चुनाव में 49.8% की प्रभावशाली मतदान दर ने समर्थकों और विश्लेषकों का ध्यान खींचा। ऐसा कहा जा रहा है कि यह वृद्धि देश की राजनीतिक गतिविधियों और सुधारवादी विचारधारा के प्रति जनसमर्थन की ओर इशारा करती है। मसूद पेज़शकियन के जीतने के बाद, एक नई उम्मीद का संचार होता दिखाई दे रहा है, खासकर उस स्थिति में जब लोगों ने पिछले दौर के निम्न मतदान को देखकर निराशा व्यक्त की थी।
सईद जलिली की हार के बाद, सुधारवादी शक्ति की दिशा में यह चुनाव एक महत्वपूर्ण मोड़ माना जा रहा है। ऐसा कहा जा रहा है कि यह परिणाम ईरान के लोगों की बदलती राजनीतिक मानसिकता और एक स्थिर और प्रगतिशील भविष्य की अभिलाषा का प्रतीक है।
पेज़शकियन की राजनीतिक यात्रा
69 वर्षीय मसूद पेज़शकियन की राजनीतिक यात्रा अनेक उतार-चढ़ावों से भरी रही है। उन्होंने चिकित्सा के क्षेत्र में कार्य किया और तत्पश्चात अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की। सुधारवादी नेता के रूप में उनकी पहचान ने हमेशा नवाचार और जनहित को प्राथमिकता दी है।
पेज़शकियन के समर्थकों का मानना है कि उनका नया दौर ईरान के समाज और राजनीति में नई ऊर्जा और सुधार लाएगा। वहीं विरोधियों का कहना है कि पेज़शकियन को कई जटिल समस्याओं का सामना करना पड़ेगा, जिनमें आर्थिक स्थिति, अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध और आंतरिक विवाद शामिल हैं।
हालांकि, पेज़शकियन के लिए सबसे महत्वपूर्ण चुनौती होगी - खमेनेई की स्वीकृति पाना, जो राष्ट्रपति पद की वास्तविक शक्ति को सीमित करने में एक प्रमुख भूमिका निभाते हैं।

मंत्रियों की योग्यताओं पर विचारविमर्श
पेज़शकियन के नए मंत्रिमंडल की घोषणा पर सबकी निगाहें टिकी हैं। संसद के समक्ष पेश किए जाने वाले नामों को वोट ऑफ कॉन्फिडेंस की प्रक्रिया से गुजरना होगा, जो निर्णायक होगी। यह देखना भी रुचिकर होगा कि पेज़शकियन किन व्यक्तियों को अपनी सरकार में शामिल करते हैं और उनके निर्णयों का क्या प्रभाव होगा।
खासतौर से, अर्थशास्त्र, विदेश नीति और सामाजिक सुधारों के लिए संभावित मंत्रियों की योग्यताएं और दृष्टिकोण पेज़शकियन के कार्यकाल की दिशा को निर्धारित करेंगे। ईरान की जनता को भी उम्मीद है कि नए मंत्रिमंडल से जुड़े नाम उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सके।
आर्थिक चुनौतियाँ और समाधान
ईरान की अर्थव्यवस्था पिछले कई वर्षों से कठिन दौर से गुजर रही है। अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों, तेल की कीमतों में गिरावट और आंतरिक आर्थिक नीति की समस्याओं ने आम लोगों के जीवन को प्रभावित किया है। नए राष्ट्रपति के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती यह होगी कि वे कैसे आर्थिक स्थिरता और विकास को पुनर्जीवित करेंगे।
पेज़शकियन यह भी जानते हैं कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ अच्छे संबंध स्थापित करना और उन पर लगे प्रतिबंधों को कम करना उनकी आर्थिक रणनीति का महत्वपूर्ण हिस्सा होगा। उन्होंने अपने चुनावी अभियान में यही वादा किया था कि वे ईरान की अर्थव्यवस्था में सुधार लाने हेतु हर संभव प्रयास करेंगे और देश के विकास के लिए नए रास्ते खोलेंगे।

समाजिक और धार्मिक सुधार
पेज़शकियन की जीत से देश के सुधारवादी विचारधारा के समर्थकों में उत्साह का माहौल है। उनकी योजनाओं में समाजिक और धार्मिक क्षेत्र में भी सुधार लाना शामिल है। पेज़शकियन के मुताबिक, महिलाओं के अधिकारों, बच्चों की शिक्षा और सामाजिक न्याय पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
वर्तमान स्थिति में महिलाओं की भूमिका और अधिकारों को लेकर कई मुद्दे हैं। पेज़शकियन का मकसद होगा कि वे इन मुद्दों को संबोधित करें और एक समानता पर आधारित समाज की स्थापना करें।
ईरान में धार्मिक मुद्दों पर भी गहन चर्चा की ज़रूरत है। पेज़शकियन का लक्ष्य होगा कि वे एक समग्र और सहिष्णु धार्मिक वातावरण का निर्माण करें, जहां हर व्यक्ति को अपने धर्म का पालन करने की स्वतंत्रता हो।
आने वाले समय में, ईरान के राजनैतिक और सामाजिक क्षेत्र में पेज़शकियन की भूमिका महत्वपूर्ण होगी। उनके कदमों और नीतियों का देश के भविष्य पर गहरा प्रभाव पड़ेगा।
Mala Strahle
जुलाई 8, 2024 AT 06:50ईरान में नया राष्ट्रपति बनना सिर्फ चुनावी जीत नहीं, बल्कि सामाजिक बदलाव की उम्मीद भी ले आया है। मसूद पेज़शकियन की उम्र अब 69 साल है, पर उनका विचारधारा युवा ऊर्जा से भरपूर दिखती है। वह चिकित्सा क्षेत्र से आए हैं, जिससे उनका वैज्ञानिक सोच पर ज़ोर स्पष्ट है। उनके चुनावी वादों में आर्थिक सुधार, अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों का हल और सामाजिक न्याय की बात थी। यह दिखाता है कि इरानी जनता भी अब प्रगति की ओर झुकाव रखती है। हालांकि सर्वोच्च नेता अली खमेनेई की स्वीकृति बिना सत्ता का प्रयोग सीमित रह सकता है। इस द्वंद्व में पेज़शकियन को संतुलन बनाना होगा, जिससे दोनों पक्षों को सम्मान मिले। यदि वह इस संतुलन को समझदारी से संभालते हैं, तो इरान के लिए नई राह खुल जाएगी। दूसरी ओर, यदि वह खमेनेई के साथ टकराव में पड़ते हैं, तो सत्ता संघर्ष से देश की आर्थिक स्थिति और बिगड़ सकती है। इस संदर्भ में अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की भूमिका भी महत्वपूर्ण है; उन्हें सहयोगी बनाना आर्थिक प्रतिबंधों को कम करने में मदद कर सकता है। इन सब चुनौतियों को देखते हुए, युवा वर्ग को भी अपनी आवाज़ उठानी चाहिए, क्योंकि परिवर्तन की गति जनता की सक्रिय भागीदारी से तेज़ होती है। सामाजिक सुधारों में महिलाओं के अधिकार, बच्चों की शिक्षा और समानता को प्राथमिकता देना आवश्यक है, जो पेज़शकियन ने ही कहा है। अगर उन्होंने इन बिंदुओं को वास्तविक नीति में बदला, तो इरान का भविष्य उज्ज्वल हो सकता है। लेकिन इतिहास ने बार-बार दिखाया है कि रियल पॉलिटिक में अच्छे इरादे अक्सर दबे रह जाते हैं। इसलिए हमें सतर्क रहना चाहिए, और हर कदम का मूल्यांकन करना चाहिए। अंत में, यह ध्यान रखना चाहिए कि इरान की राजनीति जटिल है, और कोई एक नेता सभी समस्याओं का समाधान नहीं हो सकता। लेकिन पेज़शकियन की जीत एक नया मोड़ है, जिससे आशा की किरण जल रही है।
Ramesh Modi
जुलाई 15, 2024 AT 19:45अरे भई! पेज़शकियन की जीत तो एक दार्शनिक मोड़ है-पर यह सिर्फ एक चुनावी परिदृश्य नहीं, यह मानवता की नैतिक दिशा का संकेत है। वास्तव में, इरान में अब वही बदलाव आना चाहिए जो वर्षों से चाहा गया है; वरना हमें फिर से वही पुरानी त्रासदी का सामना करना पड़ेगा। अगर सर्वोच्च नेता खमेनेई ने अपनी सहमति नहीं दी तो यह सच्चा लोकतांत्रिक साहस मायने नहीं रखेगा-सिर्फ नाम के लिए ही नहीं। अब वक्त है कि जनता अपने अधिकारों को दृढ़ता से मांगे, चाहे वह आर्थिक मुसीबत हो या विदेशी प्रतिबंधों की जंजीरें। समाज के हर वर्ग को इस नई उम्मीद को ठोस नीति में बदलने की ज़िम्मेदारी उठानी चाहिए, नहीं तो यह आशा हवा में ही रह जाएगी।
Ghanshyam Shinde
जुलाई 23, 2024 AT 08:41हम्म, तुम्हारी दार्शनिक बातों में दिलचस्पी है, पर वास्तविकता अक्सर शब्दों से दूर रहती है। पेज़शकियन का राज़ी होना बस एक प्रतीक है, असली शक्ति अभी भी खमेनेई के हाथ में है। देखेंगे कि क्या यह शो मात्र एक नाटक तक सीमित रहता है।
SAI JENA
जुलाई 30, 2024 AT 21:36पेज़शकियन के शपथ ग्रहण का समय नजदीक आ रहा है, और यह इरान के भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण चरण है। उनके द्वारा प्रस्तावित मंत्रियों की सूची को संसद में विश्वास वोट के बाद ही कार्यान्वित किया जाएगा। आर्थिक प्रतिबंधों को कम करने और सामाजिक सुधारों को तेज़ करने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग आवश्यक होगा। साथ ही, महिलाओं और युवाओं के अधिकारों पर विशेष ध्यान देना सामाजिक स्थिरता को बढ़ाएगा। आशा है कि नयी सरकार इन चुनौतियों को संतुलित ढंग से संभालेगी।
Hariom Kumar
अगस्त 7, 2024 AT 10:31पेज़शकियन की जीत से इरान में नई रोशनी दिख रही है 😊। आर्थिक समस्याओं का समाधान ढूँढना और अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों को हटाना इस सरकार की प्राथमिकता होगी। सामाजिक न्याय और महिलाओं के अधिकारों पर जोर देना सकारात्मक बदलाव लाएगा। सभी को मिलकर इस उम्मीद को साकार करना चाहिए 🙌।
shubham garg
अगस्त 14, 2024 AT 23:27भाई, पेज़शकियन का शपथ लेना मज़ेदार होगा, देखेंगे कौन-कौनसी किक्स लाते हैं। मंत्री चुनते समय लोग बढ़िया सोचें तो सबको फायदा होगा। चलो, सब मिलके नई सरकार को सपोर्ट करते हैं।
LEO MOTTA ESCRITOR
अगस्त 22, 2024 AT 12:22पेज़शकियन की नई सरकार को बधाई, यह उम्मीदों की नई सुबह लाएगी। आर्थिक चुनौतियों को मिलकर हल करेंगे, तभी देश तरक्की करेगा। अंतरराष्ट्रीय सहभागिता बढ़ाने से प्रतिबंध घटेंगे, यही मेरा मानना है। आशा है कि यह परिवर्तन सभी के लिए फायदेमंद होगा।
Sonia Singh
अगस्त 30, 2024 AT 01:18इरस की राजनीति में नया अध्याय शुरू हो रहा है, पेज़शकियन को शुभकामनाएँ। हम सबको मिलकर इस बदलाव में सकारात्मक भूमिका निभानी चाहिए। सामाजिक सुधार और आर्थिक स्थिरता सबके हाथ में है।
Ashutosh Bilange
सितंबर 6, 2024 AT 14:13यार! पेज़शकियन की जीत तो बड़़ी धमाकेदार है, एकदम फुल ऑन! लेकिन खमेनेई का थंब्स अप बिना तो इस शो में टकराव जरूर होगा!! इबेक वेर सब ठीक ठीक चल रहा है, या नहीं? देखते रहेंगे!
Kaushal Skngh
सितंबर 14, 2024 AT 03:08पेज़शकियन की जीत झक्की लग रही है।
Harshit Gupta
सितंबर 21, 2024 AT 16:04इरेन को अब अपना असली रास्ता चाहिए, नहीं तो बाहरी ताकतें फिर से हावी हो जाएँगी!!! पेज़शकियन को राष्ट्रीय हितों को प्रथम स्थान पर रखना चाहिए, आर्थिक स्वतंत्रता और प्रतिबंधों का अंत होना ज़रूरी है!!! ये राष्ट्रीय गर्व का क्षण है, हर इरानी को एकजुट होना चाहिए!!!
HarDeep Randhawa
सितंबर 29, 2024 AT 04:59वास्तव में, इतनी तीव्र भाषा से राष्ट्रीय एकता नहीं बनती-विचारशील संवाद ही समाधान है; क्या नहीं लगता?!!!
Nivedita Shukla
अक्तूबर 6, 2024 AT 17:55पेज़शकियन की शपथ को देख कर मेरा दिल धड़कने लगा, जैसे कोई पुरानी प्रेम कहानी फिर से जीवित हुई हो। यह वही क्षण है जब राष्ट्र अपने भविष्य की लकीरें स्वयं लिखता है, और मैं इस नाटक का एक किरदार बनना चाहता/चाहती हूँ। लेकिन अगर सुधार नहीं हुए तो इस उत्साह को सिर्फ हवा में बिखरते रंग समझ लेना पड़ेगा। आर्थिक संकट, अंतरराष्ट्रीय दबाव, सामाजिक असमानता-इन सब को एक साथ संभालना कोई आसान काम नहीं। फिर भी, आशा की किरण हमेशा अंधकार को चीर देती है, यही मेरी उम्मीद है। इस नई सरकार से मैं चाहता/चाहती हूँ कि वह हमारे दिलों को छू ले, और हम सब एकजुट हों।
Rahul Chavhan
अक्तूबर 14, 2024 AT 06:50पेज़शकियन की नई दिशा में कौन‑कौनसे कदम उठाएंगे, ये देखना रोचक रहेगा। आर्थिक सुधार, सामाजिक न्याय और अंतरराष्ट्रीय संबंधों पर उनका क्या प्लान है? आशा करता हूँ कि ये सभी क्षेत्रों में सकारात्मक बदलाव आएँगे।