प्रधानमंत्री मोदी के विशेष सचिव-2 बने पूर्व RBI गवर्नर शक्तिकांत दास
प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) में एक महत्त्वपूर्ण बदलाव के तहत पूर्व RBI गवर्नर शक्तिकांत दास को विशेष सचिव-2 के रूप में नियुक्त किया गया है। यह नया पद 22 फरवरी 2025 को घोषित किया गया, जिसमें दास वर्तमान में कार्यरत प्रधान सचिव पी.के. मिश्रा के साथ कार्य करेंगे। उनकी नियुक्ति का कार्यकाल प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल के साथ सह-समाप्त होगा।
शक्तिकांत दास, जो तमिलनाडु कैडर के 1980 बैच के IAS अधिकारी रहे हैं, ने आरबीआई गवर्नर के रूप में छह साल का कार्यकाल दिसंबर 2024 में पूरा किया। इस दौरान उन्होंने देश को विमुद्रीकरण (2016), कोरोना महामारी और वैश्विक भू-राजनीतिक तनावों में आर्थिक दृष्टि से संभालने का कार्य किया।
दास की भूमिका और अनुभव
दास की नियुक्ति उन्हें अपने व्यापक अनुभव को आधार बनाकर की गई है। वे आर्थिक मामलों के सचिव और राजस्व सचिव जैसे महत्वपूर्ण पदों पर रह चुके हैं। RBI में अपने कार्यकाल के दौरान, उन्होंने प्रमुख सुधारों को लागू किया जैसे कि बैंकों में गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों को कम करना और सरकार को रिकॉर्ड पूंजी हस्तांतरण की सुविधा प्रदान करना।
उनके इस अनुभवी करियर के दौरान, उन्होंने आईएलएंडएफएस के पतन और रूस-यूक्रेन युद्ध से संबंधित महंगाई के संकट को सफलतापूर्वक प्रबंधित किया। वर्तमान में, दास को रुपए की अस्थिरता और धीमी होती आर्थिक वृद्धि जैसी चुनौतियों का सामना करना होगा। शक्ति और नीति-निर्माण के उनके गहन अनुभव को देखते हुए, उम्मीद की जा रही है कि वे इन कठिन परिस्थितियों में प्रधानमंत्री कार्यालय को सशक्त आर्थिक मार्गदर्शन प्रदान करेंगे।
Arun 3D Creators
मार्च 2, 2025 AT 17:27शक्तिकांत दास की नियुक्ति को एक नया मोड़ मानना गलत नहीं क्योंकि इतिहास अक्सर वही दोहराता है जो हमें समझ नहीं आता। यह बदलाव आर्थिक नियोजन में गहरा प्रभाव डाल सकता है।
RAVINDRA HARBALA
मार्च 3, 2025 AT 21:14वास्तव में यह नियुक्ति केवल सर्बियू के रूप में नहीं देखी जा सकती। दास ने RBI में कई सुधार किए, परंतु उनका अनुभव प्रशासनिक सर्किट में सीमित रहता है। अगर नीति‑निर्माण में वास्तविक स्वतंत्रता नहीं मिली तो यह पद केवल रूपरेखा ही रहेगा।
Vipul Kumar
मार्च 5, 2025 AT 01:00मैं देखता हूँ कि दास का व्यापक अनुभव प्रशासनिक पहलुओं में मददगार हो सकता है। खासकर जब हमें मौद्रिक स्थिरता और पूंजी प्रवाह की चिंता है। उनका बीते हुए कार्यकाल हमें यह बताता है कि वे तंग स्थितियों में भी संतुलन बना सकते हैं।
Priyanka Ambardar
मार्च 6, 2025 AT 04:47देश की सेवा में ऐसे अनुभवी लोग होना चाहिए 👍 दास को इस नई जिम्मेदारी में असामान्य सफलता की कामना है 🚩 आर्थिक चुनौती हमें सबको एकजुट करके ही पार करनी होगी।
sujaya selalu jaya
मार्च 7, 2025 AT 08:34इसे देखना दिलचस्प है।
Ranveer Tyagi
मार्च 8, 2025 AT 12:20वाह!!! वास्तव में एक बड़ी बदलाव!!! दास की नियुक्ति से PMO में आर्थिक रणनीति की गति बढ़ेगी,!!! हमें अब स्पष्ट रूप से देखना चाहिए कि कैसे यह निर्णय दीर्घकालिक लाभ देता है!!!
Tejas Srivastava
मार्च 9, 2025 AT 16:07क्या बात है!!! दास जैसे व्यक्ति को विशेष सचिव बनाना, यह सच में एक इंट्रेस्टिंग मोमेंट है!!! देखेंगे कैसे वो इस भूमिका को संभालते हैं!!!
JAYESH DHUMAK
मार्च 10, 2025 AT 19:54प्रधानमंत्री कार्यालय में पूर्व RBI गवर्नर को विशेष सचिव‑2 नियुक्त करना भारतीय प्रशासनिक प्रणाली में एक उल्लेखनीय परिवर्तन का संकेत देता है। यह नियुक्ति इस तथ्य को उजागर करती है कि वित्तीय नीतियों को रूपरेखा से बाहर निकालकर व्यवहारिक कार्यवाही में लाने की आवश्यकता को समझा गया है। शक्तिकांत दास ने अपने कार्यकाल में कई आर्थिक समस्याओं का समाधान किया है, जैसे कि विमुद्रीकरण तथा कोविड‑19 महामारी के दौरान वित्तीय स्थिरता स्थापित करना। उनकी इस अनुभव को प्रधानमंत्री कार्यालय में लाना, विशेष रूप से आर्थिक नीति के निर्माण और कार्यान्वयन में तेजी लाने में सहायक हो सकता है। इस पद की अवधि प्रधानमंत्री की कार्यकाल के साथ समाप्त होगी, जो कि एक स्पष्ट संकेत देता है कि यह भूमिका केवल अल्पकालिक नहीं बल्कि रणनीतिक महत्व रखती है। दास की पृष्ठभूमि में राजस्व सचिव और आर्थिक मामलों के सचिव के रूप में सेवा शामिल है, जिससे वह विभिन्न मंत्रालयों के बीच समन्वय स्थापित करने में निपुण होते हैं। वित्तीय क्षेत्र में उनका ज्ञान, विशेषकर बैंकों में गैर‑निष्पादित परिसंपत्तियों को कम करने के प्रयास, सरकारी वित्तीय पारदर्शिता को बढ़ावा देगा। वर्तमान आर्थिक चुनौतियों-जैसे कि रुपए की अस्थिरता और धीमी आर्थिक वृद्धि-के मद्देनज़र, दास की नियुक्ति को एक सकारात्मक कदम माना जा सकता है। परन्तु यह भी आवश्यक है कि इस नियुक्ति से जुड़े निर्णयों में व्यापक व्याख्यात्मकता और सार्वजनिक पारदर्शिता बरकरार रहे। यदि दास इस भूमिका को प्रभावी ढंग से निभाते हैं, तो यह भविष्य में अन्य अनुभवी आर्थिक विशेषज्ञों को समान भूमिकाओं में लाने का precedent स्थापित कर सकता है। अंत में, यह देखना रोचक होगा कि दास किस प्रकार के आर्थिक नीतिगत सुझाव प्रस्तुत करेंगे और वे PMO के समग्र रणनीतिक दिशा में कैसे योगदान देंगे। समग्र रूप से, इस नियुक्ति को एक सकारात्मक संकेत के रूप में देखना चाहिए, लेकिन इसे सावधानीपूर्वक निगरानी और मूल्यांकन के साथ-साथ सार्वजनिक हित के अनुरूप होना चाहिए। ध्यान रखें कि नीति निर्माण प्रक्रिया में विभिन्न हितधारकों की आवाज़ को शामिल करना, आर्थिक स्थिरता एवं विकास को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। आशा है कि इस नई भूमिका में दास सहयोगात्मक और पारदर्शी कार्यशैली अपनाएँगे, जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था को लाभ मिले।
Santosh Sharma
मार्च 11, 2025 AT 23:40शक्तिकांत दास की इस नई भूमिका से आर्थिक रणनीतियों में नई ऊर्जा आने की संभावना है। उनका अनुभव नीति निर्माताओं को व्यावहारिक दृष्टिकोण प्रदान कर सकता है। यह बदलाव न केवल प्रशासनिक बल्कि आर्थिक स्थिरता के लिए भी सकारात्मक संकेत है।
yatharth chandrakar
मार्च 13, 2025 AT 03:27दास की नियुक्ति से PMO को आर्थिक मामलों में गहरी समझ मिल सकती है। हालांकि, यह देखना होगा कि उनके सुझाव वास्तविक कार्यान्वयन में कितना असर डालते हैं।
Vrushali Prabhu
मार्च 14, 2025 AT 07:14वाह अरे! दास जी को विशेष सचिव बना दिया 😍 अब देखेंगे सबके लिये कैसा मगा्लू प्लान बनता है! थोड्डी टाइपो०ओं के साथ भी हमे उम्मीद है बहुत सारा इन्नोवेटिव आइडिया मिलेंगे।