शाकिब अल हसन पर हत्या का आरोप, बांग्लादेश के अस्थिरता के दौरान 146 अन्य के साथ एफआईआर में शामिल

शाकिब अल हसन पर हत्या का आरोप, बांग्लादेश के अस्थिरता के दौरान 146 अन्य के साथ एफआईआर में शामिल अग॰, 24 2024

बांग्लादेश के पूर्व कप्तान और प्रसिद्ध क्रिकेटर शाकिब अल हसन का नाम एक हत्या मामले में सामने आया है। यह मामला बांग्लादेश में अगस्त में हुए विरोध प्रदर्शन से जुड़ा है, जिसमें एक वस्त्र कर्मचारी मोहम्मद रुबेल की गोली लगने से मौत हो गई थी। यह घटना 5 अगस्त को ढाका के आदाबोर क्षेत्र में हुई थी। रुबेल के पिता रफीकुल इस्लाम ने इस मामले को लेकर आदाबोर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करवाई है। एफआईआर में शाकिब का नाम 27वें या 28वें स्थान पर दर्ज किया गया है।

यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि शाकिब अल हसन उस समय बांग्लादेश में नहीं थे। वह 26 जुलाई से 9 अगस्त तक कनाडा में ग्लोबल टी20 कनाडा लीग में बंगला टाइगर्स मिसिसॉगा टीम का नेतृत्व कर रहे थे। इससे पहले, वह जुलाई के मध्य तक यूएसए में मेजर लीग क्रिकेट में भाग ले रहे थे।

इन विरोध प्रदर्शनों के कारण बांग्लादेश में बहुत बड़ा राजनीतिक उथल-पुथल हुआ, जिसके परिणामस्वरूप तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना को इस्तीफा देना पड़ा और नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में एक अंतरिम सरकार का गठन हुआ। 16 जुलाई से 4 अगस्त तक चली इस अशांति के दौरान संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त के अनुसार लगभग 400 लोगों की जानें चली गईं थीं।

मामले के बयान में आरोप लगाया गया है कि 5 अगस्त को कुछ आरोपियों ने विरोध कर रहे छात्रों पर गोली चलाई थी, जिसमें रुबेल भी शामिल था। आवामी लीग सरकार के पतन के बाद, बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड में भी बदलाव किए गए। पूर्व राष्ट्रीय कप्तान फरूक अहमद को बोर्ड का नया अध्यक्ष बनाया गया।

शाकिब, जो वर्तमान में पाकिस्तान के खिलाफ रावलपिंडी टेस्ट में खेल रहे हैं, मगुरा निर्वाचन क्षेत्र से संसद सदस्य भी हैं और उन्होंने बांग्लादेश का प्रतिनिधित्व करते हुए 67 टेस्ट, 247 वनडे और 129 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले हैं। उन्हें विश्व क्रिकेट के शीर्ष ऑलराउंडरों में से एक माना जाता है, जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 14,500 से अधिक रनों और 703 विकेटों के साथ एक असाधारण करियर बनाया है।

शाकिब के खिलाफ एफआईआर का मामला उठने के बाद उनके समर्थकों में चिंता की लहर दौड़ गई है। क्रिकेट प्रेमियों के बीच यह सवाल उठ रहा है कि क्या यह केवल एक राजनीतिक चाल है या सचमुच में शाकिब का इस घटना में कोई संबंध है। बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड के नए अध्यक्ष फरूक अहमद ने भी इस मुद्दे पर अपनी चिंता व्यक्त की है और कहा है कि वह इस मामले की पूरी तरह से जांच करवाना चाहते हैं।

इस घटना ने बांग्लादेश में क्रिकेट और राजनीति के बीच समीकरण को एक बार फिर सुर्खियों में ला दिया है। शाकिब, जो अपने धीमे बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों में माहिर हैं, ने अपने अन्तर्राष्ट्रीय करियर के दौरान कई उपलब्धियां हासिल की हैं। परंतु क्या यह मामला उनके करियर पर असर डालेगा, यह तो आने वाला समय ही बताएगा।

बांग्लादेश की जनता और खेल प्रेमियों की नजरें अब इस मामले की जांच और शाकिब के भविष्य पर टिकी हैं।