मुशफिकुर रहीम ने 274 वनडे मैचों के बाद वनडे क्रिकेट से संन्यास ले लिया

मुशफिकुर रहीम ने 274 वनडे मैचों के बाद वनडे क्रिकेट से संन्यास ले लिया
20 नवंबर 2025 2 टिप्पणि jignesha chavda

जब एक खिलाड़ी अपने खेल को इतना प्यार करता है कि वह 19 साल तक उसके लिए लड़ता रहे, तो उसका संन्यास कोई साधारण घोषणा नहीं होता। मुशफिकुर रहीम ने बुधवार, 5 मार्च 2025 को अपने फेसबुक और इंस्टाग्राम पर यह घोषणा की — वह मुशफिकुर रहीम अब एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले रहे हैं। उन्होंने कहा, "मैंने हमेशा 100% से ज्यादा दिया।" और वास्तव में, उनके 274 मैचों, 7,795 रनों और अनगिनत बचाए गए मैचों के बाद, यह बयान किसी अभिमान की बजाय एक आत्मसमर्पण की तरह लगता है।

एक युग का अंत

रहीम का डेब्यू अगस्त 2006 में जिम्बाब्वे के खिलाफ हुआ था। तब वह एक 16 साल के बच्चे जैसे लगते थे, जिन्हें बांग्लादेश के लिए विकेटकीपिंग का भार सौंपा गया था। आज, वह बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड के इतिहास में सबसे अधिक वनडे खेलने वाले खिलाड़ी बन चुके हैं। उनके 7,795 रन बांग्लादेश के लिए केवल दूसरे सबसे अधिक हैं — सिर्फ शकिब अल हसन के आगे। लेकिन रहीम का योगदान केवल रनों तक सीमित नहीं था। वह टीम का विश्वास का बिंदु थे। जब टीम बुरी तरह गिर रही होती, तो लोग कहते थे — "मुशफिकुर आए हैं, अब बचाव शुरू हो गया।"

चैंपियंस ट्रॉफी के बाद निर्णय

उनके संन्यास की घोषणा आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के बाद हुई, जहां बांग्लादेश ग्रुप स्टेज से ही बाहर हो गया। भारत के खिलाफ 6 विकेट से हार, न्यूजीलैंड के खिलाफ 45 रन से शिकस्त, और पाकिस्तान के खिलाफ बारिश के कारण मैच रद्द — ये सब उनके लिए एक अंतिम झटका था। उन्होंने खुद कहा — "पिछले कुछ सप्ताह मेरे लिए बहुत चुनौतीपूर्ण रहे।" और यही चुनौती ने उन्हें एक निर्णय लेने के लिए मजबूर कर दिया।

"मिस्टर भरोसेमंद" का विरासत

बांग्लादेशी क्रिकेट जगत में रहीम को हमेशा "मिस्टर भरोसेमंद" कहा जाता था। यह नाम उनकी अनुभवी विकेटकीपिंग, अंतिम ओवरों में शांत बल्लेबाजी और टीम के लिए अपनी जान देने की तैयारी के कारण दिया गया। उन्होंने 2006 से 2025 तक लगातार टीम में जगह बनाए रखी — भले ही टीम ने बार-बार हार खाई हो। उन्होंने बांग्लादेश को वनडे क्रिकेट में एक विश्वसनीय खिलाड़ी के रूप में प्रस्तुत किया। उनके बिना, टीम के लिए एक अज्ञात दुनिया शुरू हो गई है।

अगला विकेटकीपर कौन होगा?

अब बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड के सामने एक बड़ी चुनौती है। रहीम के बाद कौन उनकी जगह लेगा? युवा खिलाड़ियों जैसे मोहम्मद रियाद और मोहम्मद साइफुद्दीन को ट्रायल दिया जा रहा है, लेकिन क्या वे उस भार को उठा पाएंगे जो रहीम ने 19 साल तक उठाया? रहीम के विकेटकीपिंग की शुद्धता, बल्लेबाजी का शांत तरीका, और टीम के लिए उनका नेतृत्व — ये तीनों एक साथ किसी और में नहीं मिलते।

दुनिया के साथ समानता

रहीम का संन्यास ऑस्ट्रेलिया के स्टीव स्मिथ के बाद दूसरा बड़ा निर्णय है। दोनों ही अनुभवी खिलाड़ी हैं, जिन्होंने अपने फॉर्मेट को उस तरह से बदल दिया जिससे उनकी टीम बहुत लाभान्वित हुई। लेकिन रहीम के लिए यह एक अलग बात है — वह एक ऐसे देश से आए हैं जहां क्रिकेट बस एक खेल नहीं, बल्कि एक धर्म है। उनका संन्यास बांग्लादेश के लाखों फैन के लिए एक दर्द भरा पल है।

अगला कदम क्या है?

रहीम ने कहा कि वह टी-20 फॉर्मेट में खेलना जारी रखेंगे। यह एक अच्छी खबर है। उनकी अनुभवी बल्लेबाजी और शांत विकेटकीपिंग बांग्लादेश के टी-20 टीम के लिए एक बड़ा लाभ होगी। लेकिन वनडे में उनकी जगह भरना लगभग असंभव लगता है। अब बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड को एक नई पीढ़ी के लिए एक नई पहचान बनाने की जरूरत है।

एक अनुभवी की अंतिम बात

रहीम ने अपने संन्यास के बयान में परिवार, दोस्तों और प्रशंसकों का शुक्रिया अदा किया। उन्होंने नहीं कहा कि वह अब खेल नहीं खेलेंगे। बल्कि उन्होंने कहा — "मैंने सबकुछ के लिए अल्हम्दुलिल्लाह।" यह बात उनकी आत्मा को दर्शाती है। उन्होंने खेल को अपनी जिंदगी बना लिया, और अब वह उसे शांति से छोड़ रहे हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

मुशफिकुर रहीम ने कितने वनडे मैच खेले और उनका औसत क्या था?

मुशफिकुर रहीम ने अपने 19 साल के वनडे करियर में 274 मैच खेले, जिससे वह बांग्लादेश के लिए सबसे अधिक वनडे खेलने वाले खिलाड़ी बन गए। उन्होंने 7,795 रन बनाए, जिसका औसत 36.42 था। यह रकम बांग्लादेश के लिए शकिब अल हसन के बाद दूसरी सबसे अधिक है।

उनका संन्यास क्यों इतना बड़ा झटका है?

रहीम केवल एक बल्लेबाज या विकेटकीपर नहीं थे — वह टीम का आधार थे। उनकी शांति, अनुभव और अटूट विश्वास युवा खिलाड़ियों के लिए एक शिक्षा थी। उनके बिना टीम का नेतृत्व खाली पड़ गया है, और अब बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड को एक नया नेता ढूंढना होगा।

क्या वह अब पूरी तरह क्रिकेट छोड़ रहे हैं?

नहीं। रहीम ने स्पष्ट किया है कि वह टी-20 फॉर्मेट में खेलना जारी रखेंगे। उनकी अनुभवी बल्लेबाजी और विकेटकीपिंग बांग्लादेश की टी-20 टीम के लिए अभी भी बहुत महत्वपूर्ण है। उनका लक्ष्य अब वनडे से निकलना है, न कि क्रिकेट से।

चैंपियंस ट्रॉफी 2025 का नतीजा उनके संन्यास का कारण था?

हां, चैंपियंस ट्रॉफी 2025 में बांग्लादेश का ग्रुप स्टेज में ही बाहर होना एक बड़ा मोड़ था। भारत और न्यूजीलैंड के खिलाफ हार, और पाकिस्तान के खिलाफ बारिश के कारण मैच रद्द होना — ये सब उन्हें एहसास दिलाता है कि टीम का भविष्य अलग दिशा में है। उन्होंने अपने लिए एक निर्णय लिया — अब नई पीढ़ी को अपना रास्ता बनाने दें।

2 टिप्पणि

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    sandeep singh

    नवंबर 21, 2025 AT 04:52

    ये आदमी तो बांग्लादेश का असली नायक है, जब हमारी टीम बर्बाद हो रही होती, वो अकेले टीम को बचाता रहा। इतने सालों तक लगातार खेलना, बिना किसी बड़े ट्रॉफी के, ये असली लगन है। भारत के खिलाफ जो हार हुई, उसमें भी वो टीम के लिए लड़ा, बस उनके आसपास लोग बेकार थे।

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    Sumit Garg

    नवंबर 22, 2025 AT 21:27

    मुशफिकुर रहीम का संन्यास एक ऐतिहासिक घटना है, लेकिन इसके पीछे का राज़ गहरा है। बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड ने उन्हें लगातार अनुचित तरीके से नियुक्त किया, और उनकी बल्लेबाजी के आंकड़ों को जानबूझकर नज़रअंदाज़ किया गया। यह एक राजनीतिक रणनीति थी-उनके विकेटकीपिंग के बारे में गलत जानकारी फैलाकर उन्हें अनावश्यक रूप से दबाव में लाया गया।

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